सूक्ष्मवित्त (माइक्रोफाइनेंस) ऋणों के लिए विनियामकीय ढांचे
Ans: If a Destination Bank is not in a position to credit the beneficiary account due to any reason, the same would be returned to the ECS Centre to enable the ECS Centre to pass on the uncredited items to the User Institution through the Sponsor Bank. The User Institution can then initiate payment through alternate modes to the beneficiary.
In case of delayed credit by the destination bank, the destination bank would be liable to pay penal interest (at the prevailing RBI LAF Repo rate plus two percent) from the due date of credit till the date of actual credit. Such penal interest should be credited to the Destination Account Holder’s account even if no claim is lodged to the effect by the Destination Account Holder.
उत्तर: आईडीएफ-एनबीएफसी केवल पीपीपी और पोस्ट सीओडी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करेंगे, जिन्होंने संतोषजनक वाणिज्यिक परिचालन का कम से कम एक वर्ष पूरा कर लिया है और समाप्ति भुगतान के साथ अनिवार्य खरीद सुनिश्चित करने के लिए रियायतग्राही और परियोजना प्राधिकरण के साथ एक त्रिपक्षीय करार के एक पक्ष हैं।
उत्तर : निवासी व्यक्तियों को निवासी रिशतेदारों (कंपनी अधिनियम, 2013 में यथा परिभाषित) को ईईएफसी बैंक खाते में “पहला” अथवा “उत्तरजीवी” आधार पर संयुक्त खाताधारक के रूप में शामिल करने की अनुमति है।
उत्तर. दोनों प्रकार के लघु पीपीआई में न्यूनतम विवरण एक समान हैं और ये इस प्रकार हैं:
ए. वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) से सत्यापित मोबाइल नंबर; तथा
बी. केवाईसी पर आरबीआई के मास्टर निदेश में इस उद्देश्य के लिए सूचीबद्ध किसी भी अनिवार्य दस्तावेज अथवा आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज (ओवीडी) अथवा किसी भी नाम से सूचीबद्ध इस तरह के किसी भी दस्तावेज में नाम और विशिष्ट पहचान /पहचान संख्या की स्व-घोषणा। अनिवार्य दस्तावेज/ओवीडी की वर्तमान सूची में पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान कार्ड, नरेगा जॉब कार्ड, आधार संख्या होने का प्रमाण और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर द्वारा जारी पत्र शामिल हैं।
उत्तर. आरटीजीएस में लेन-देन वास्तविक समय में होता है और लाभार्थी को क्रेडिट देने से पहले नाम और खाता संख्या का मिलान संभव नहीं है। चूंकि भारतीय संदर्भ में नाम अलग-अलग तरह से लिखा जाता है और हो सकता है कि वास्तविकता में यह लाभार्थी बैंक के पास उपलब्ध नाम से मेल ना खाए, इसलिए केवल लाभार्थी की खाता संख्या के आधार पर क्रेडिट देने की प्रक्रिया को सक्षम किया गया है।
हमारे परिपत्र संदर्भ सं. डीपीएसएस (सीओ) ईपीपीडी सं./863/04.03.01/2010-11 दिनांक 14 अक्तूबर 2010 'इलेक्ट्रॉनिक भुगतान उत्पाद - केवल खाता संख्या सूचना पर आधारित आवक लेनदेन का प्रसंस्करण' (https://www.rbi.org.in/scripts/NotificationUser.aspx?Id=6043&Mode=0 पर उपलब्ध) का अधिक जानकारी के लिए संदर्भ लें।
उत्तर: ट्रेड्स प्लेटफॉर्म की स्थापना और परिचालन के लिए पात्रता मानदंड भारतीय रिज़र्वव बैंक द्वारा जारी किए गए ट्रेड्स दिशा-निर्देशों (समय-समय पर यथा संशोधित) में उपलब्ध कराए गए हैं। ये दिशा-निर्देश निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध हैं : www.rbi.org.in → "भुगतान और निपटान प्रणाली" ड्रॉप डाउन → "दिशानिर्देश"। 15 अक्टूबर 2019 को जारी की गई आरबीआई की प्रेस विज्ञप्ति भी इस संबंध में पढ़ी जा सकती है। यह निम्नलिखित वेब लिंक पर उपलब्ध है:
/en/web/rbi/-/guidelines-for-the-trade-receivables-discounting-system-treds-3504 और /en/web/rbi/-/press-releases/on-tap-authorisation-of-payment-systems-48405
प्रतिक्रिया: सीपीटीसी/जीएमसीटीए द्वारा आभूषण को पिघलाया जाएगा ताकि अग्नि-परख की जा सके और ग्राहक को केवल पिघले हुए रूप में ही सोना वापस मिल सकता है। इस प्रकार, मूल रूप में आभूषण वापस लेने के संबंध में निर्णय ग्राहक द्वारा एक्सआरएफ परीक्षण के बाद और अग्नि-परख के लिए सहमति देने से पहले लिया जाना चाहिए।
उत्तर
'आधारभूत बचत बैंक जमा खाते' में मुफ्त उपलब्ध सेवाओं में नकद जमा और निकासी; इलेक्ट्रॉनिक भुगतान चैनलों के माध्यम से या बैंक शाखाओं के साथ-साथ एटीएम में जमा / चेक के संग्रह के माध्यम से धन की प्राप्ति / जमा शामिल है।
उत्तर: पूंजीगत लिखतों / परिवर्तनीय नोटों के अधिग्रहण/ अंतरण के लिए निवासी और अनिवासी अर्जक एस्क्रो एजेंट के रूप में समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (गैर-ऋण लिखत) नियमावली, 2019 के प्रावधानों तथा विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 की अनुसूची-5 के में विनिर्दिष्ट नियमों और शर्तों के अनुपालन में भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी के पास भारतीय रूपयों में एस्क्रो खाता खोल सकते हैं।
उत्तर: लाभार्थी के खातों में क्रेडिट देने के लिए गंतव्य बैंक शाखाओं में आवक लेनदेन के लिए कोई शुल्क नहीं लगाया जाता है।
एनईएफटी प्रणाली का उपयोग करके किए गए बाहरी लेनदेन के लिए, आरबीआई ने 01 जुलाई, 2019 से सदस्य बैंकों पर प्रसंस्करण शुल्क लगाना बंद कर दिया।
साथ ही, डिजिटल खुदरा भुगतान को और गति देने के लिए, बैंकों को सलाह दी गई है कि वे 01 जनवरी, 2020 से ऑनलाइन शुरू किए गए एनईएफटी फंड ट्रांसफर के लिए अपने बचत बैंक खाताधारकों से कोई शुल्क न लें।
नीचे दिए गए अधिकतम शुल्क जो मूल बैंक, यदि वे चाहें तो, अपने ग्राहकों से अन्य बाहरी लेनदेन के लिए ले सकते हैं: -
- ₹10,000 तक के लेन-देन के लिए: ₹2.50 से अधिक नहीं (+ लागू जीएसटी)
- ₹10,000 से ₹1 लाख तक के लेनदेन के लिए: ₹5 से अधिक नहीं (+ लागू जीएसटी)
- ₹1 लाख से अधिक और ₹2 लाख तक के लेन-देन के लिए: ₹15 से अधिक नहीं (+ लागू जीएसटी)
- ₹2 लाख से अधिक के लेनदेन के लिए: ₹25 से अधिक नहीं (+ लागू जीएसटी)
आईएनआरएफ योजना के तहत एनईएफटी प्रणाली का उपयोग करके भारत से नेपाल को धन हस्तांतरित करने के लिए लागू शुल्क के बारे में विवरण आरबीआई की वेबसाइट /hi/web/rbi/faq-page-2?ddm__keyword__26256231__FaqDetailPage2Title_en_US=Indo-Nepal Remittance Facility scheme पर उपलब्ध है।
उत्तर: भारत के बाहर व्यक्तिगत गहने ले जाना कस्टम्स विभाग, भारत सरकार द्वारा शासित तथा लागू किए जाने वाले बैगेज नियमों के अनुसार होता है। जहां इस मामले में भारतीय रिज़र्व बैंक का किसी प्रकार का अनुमोदन आवश्यक नहीं है, फिर भी यदि कोई अनुमोदन अपेक्षित हो तो उसे कस्टम्स विभाग से प्राप्त किया जाए।
ये अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा केवल सूचना और सामान्य मार्गदर्शन उद्देश्यों के लिए जारी किए जाते हैं। बैंक की गई कार्रवाइयों और / या उसके आधार पर लिए गए निर्णयों के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। स्पष्टीकरण या व्याख्या के लिए, यदि कोई हो, तो बैंक द्वारा समय-समय पर जारी प्रासंगिक परिपत्रों और अधिसूचनाओं द्वारा निर्देशित हो सकते है।
उत्तर: नहीं।
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उपभोक्ता एसएचसीआईएल सहित किसी भी प्राधिकृत बैंक से ऐसे निवेश के लिए संपर्क कर सकता है चाहे उस बैंक के साथ खाता हो या न हो।
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जैसा कि आईआईबी जी-सेक है, ये द्वितीयक बाज़ार में अन्य जी-सेक की तरह ट्रेड किए जा सकते हैं। निवेशक इन्हें एनडीएस-ओम, एनडीएस-ओम (वेब आधारित), ओटीसी बाज़ार और स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड कर सकेंगे।
उत्तर. प्राधिकृत गैर-बैंक पीएसपी के लिए मौजूदा विनियामक अपेक्षाओं के अलावा, पर्यवेक्षी मूल्यांकन हेतु निम्न में उल्लिखित विनियामक अपेक्षाओं का अनुपालन शामिल होगा:
भुगतान प्रणाली तक पहुंच पर मास्टर निदेश;
आरटीजीएस प्रणाली विनियमावली; तथा
एनईएफटी क्रियाविधिक दिशानिर्देश।
Ans : ECS Credit offers many advantages to the beneficiary –
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The beneficiary need not visit his / her bank for depositing the paper instruments which he would have otherwise received had he not opted for ECS Credit.
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The beneficiary need not be apprehensive of loss / theft of physical instruments or the likelihood of fraudulent encashment thereof.
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Cost effective.
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The beneficiary receives the funds right on the due date.
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022