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भारत सरकार के दिनांकित प्रतिभूतियों और ट्रेज़री बिलों के लिए गैर-प्रतिस्पर्धी बोली सुविधा

एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर अपने ग्राहकों को यह सेवा प्रदान करने के लिए कमीशन के रूप में प्रति ₹ 100 के लिए छह पैसे वसूल सकते हैं। ऐसी लागतों को बिक्री मूल्य में शामिल किया जा सकता है या ग्राहकों से अलग-अलग वसूल किया जा सकता है। लेकिन फंडिग कोस्ट जैसे कोई अन्य लागत मूल्य में जोड़ा जाना अनुमत नहीं है।
  • निवेशक को निवेश करने के लिए किसी भी बैंक के साथ बीएलए खोलने की आवश्यकता नहीं है।

  • धन की प्राप्ति और आरबीआई के सीबीएस (ई-कुबेर) पर निवेशक के पंजीकरण के बाद, आरबीआई प्रत्येक निवेशक के लिए बीएलए खोलेगा और निवेशक द्वारा रखे गए आईआईएनएसएस-सी के इकाइयों की संख्या निर्दिष्ट करते हुए “धारिता प्रमाणपत्र” जारी करेगा।

उत्तर: लाभार्थी के खाते में क्रेडिट न होने या क्रेडिट में देरी से संबंधित शिकायतों या किसी अन्य प्रकृति की शिकायतों के मामले में, संबंधित बैंक (प्रेषण प्रारंभ करने वाला बैंक और/या एसबीआई) के एनईएफटी ग्राहक सुविधा केंद्र (सीएफसी) से संपर्क किया जा सकता है। बैंकों के एनईएफटी सीएफसी का विवरण संबंधित बैंकों की वेबसाइटों पर उपलब्ध है। विवरण आरबीआई की वेबसाइट http://www.rbi.org.in/Scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=2070 पर भी उपलब्ध हैं।

यदि समस्या का समाधान संतोषजनक नहीं है, तो एनईएफटी हेल्प डेस्क/ आरबीआई के संपर्क बिंदु nefthelpdeskncc@rbi.org.in पर संपर्क किया जा सकता है।

उत्तर. यह खंड केवल अतिदेय ऋण वाले उधारकर्ताओं से वसूली के लिए ही लागू है। आरई अन्य उधारकर्ताओं के साथ व्यवसाय के लिए मौजूदा समय/ प्रक्रिया, जैसे समूह की बैठकें, नियमित खातों में संग्रह, आदि को उधारकर्ताओं की सुविधा के अनुसार जारी रख सकते हैं।
उत्तर: नहीं। भारत में स्थित एडी बैंक एक ही देश के विभिन्न बैंकों के लिए कई विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते खोल सकते हैं।
जी नहीं, गैर-खाताधारक भी एक बार में ₹2,000/- मूल्य वर्ग के बैंकनोट ₹20,000/- राशि तक किसी भी बैंक शाखा में बदल सकते हैं।

Ans : It is the responsibility of the user institution to communicate to the beneficiary the details of credit that is being afforded to his / her account, indicating the proposed date of credit, amount and related particulars of the payment. Destination banks have been advised to ensure that the pass books / statements given to the beneficiary account holders reflect particulars of the transaction / credit provided by the ECS user institutions. The beneficiaries can match the entries in the passbook / account statement with the advice received by them from the User Institutions. Many banks also give mobile alerts / messages to customers after credit of such funds to accounts.

प्रतिभूतियों की लागत, जहां भी लागू हो उपार्जित ब्याज़ और कमीशन ग्राहकों से प्राप्त करने के तौर तरीके फेसिलिटेटर द्वारा तैयार किया जाना चाहिए और इस प्रयोजन के लिए ग्राहक के साथ निष्पादित करार में इसे स्पष्ट रूप से कहा जाना चाहिए।

उत्तर: नहीं। भारत और नेपाल के बीच सीमा पार लेनदेन को संभालने के लिए बैंकों / गैर-बैंकों के बीच द्विपक्षीय व्यवस्था आईएनआरएफ योजना के दिशानिर्देशों के अंतर्गत नहीं आती है। आईएनआरएफ योजना विशेष रूप से नेपाल को इस तरह के प्रेषण के लिए एनईएफटी पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग करती है और इस तरह सभी एनईएफटी सक्षम बैंक-शाखाएँ पहले से ही इस योजना के अंतर्गत आती हैं।

No. The Banking Ombudsman does not charge any fee for filing and resolving customers’ complaints.
नहीं। चूँकि यह धनराशि अवयस्क बच्चे की संपत्ति है न कि बैंक के कर्मचारी की, अत: अतिरिक्त ब्याज नहीं दिया जा सकता।
Yes, capitalization of export proceeds is permitted subject to compliance of certain guidelines. i.e. the exports have not remained outstanding beyond the stipulated period of realisation etc.
The foreign exchange acquired for any purpose has to be used within 60 days of purchase. In case it is not possible to use the foreign exchange within the period of 60 days it should be surrendered to an authorised dealer.

उत्तर: आईडीएफ-एनबीएफसी न्यूनतम 5 वर्ष की परिपक्वता अवधि के रुपये या डॉलर मूल्यवर्ग के बांड जारी करके संसाधन जुटाएंगे। आईडीएफ-एमएफ, एमएफ की इकाइयों को जारी करके संसाधन जुटाएंगे।

भारतीय रि‍ज़र्व बैंक के खाते में धारि‍त प्रति‍भूति‍यों के धारक को सीएसजीएल खाता धारक समझा जाएगा । परंतु ग्राहकों /श्रेष्ठ प्रति‍भूति खातेदार धारक उसमें धारि‍त सरकारी प्रति‍भूति के लाभ प्राप्त करनेवाले स्वामी के रुप में, सभी प्रकार के लाभ, सीएसजीएल खाता धारक से दावा करने के लि‍ए पात्र होगा और सीएसजीएल खाते में धारि‍त सरकारी प्रति‍भूति‍यों के संबंध में सभी दायि‍त्व के अधीन होगा ।
सिस्‍टम रिज़र्व बैंक के स्‍वामित्‍व में है। ग्राहकों के लिए कोई प्रभार नहीं है। लेकिन चूंकि सभी सौदे सीसीआइएल द्वारा गारंटीकृत होते हैं और उनका निपटान किया जाता है, इसलिए प्राथमिक व्‍यापारियेां को निपटान प्रभार देने होंगे और अपने ग्राहकों की ओर से सीसीआइएल के पास पर्याप्‍त मार्जिन जमा कराने होंगे।

उत्तर : हाँ, ईईएफसी खाते में शेष राशियों की हेजिंग की जा सकती है। खाताधारकों द्वारा फारवर्ड बेची गयी शेष राशियां डिलिवरी के लिए अलग से रखी जानी हैं। तथापि, संविदाएं रोल-ओवर की जा सकती हैं।

उत्तर. हां, पीपीआई की नकद लोडिंग की सीमा ₹50,000/- प्रति माह है, जो पीपीआई की समग्र सीमा के अधीन है (एक तरह के लघु पीपीआई के मामले अनुमति नहीं है)। इलेक्ट्रॉनिक/ऑनलाइन माध्यमों से पीपीआई को लोड करने की सीमा पीपीआई की समग्र सीमा के अधीन है।

उत्तर: हाँ, दिनांक 01 नवंबर 2014 से बैंक को अपने बचत खाता धारकों को निम्नलिखित अनुसार कुछ न्यूनतम मुफ्त लेनदेन अवश्य उपलब्ध कराने होंगे:

  • किसी भी स्थान पर बैंक के स्वयं के एटीएम में लेनदेन (ऑन अस लेनदेन): बैंकों को अपने बचत बैंक खाता धारकों को एक महीने में न्यूनतम पाँच लेनदेन (वित्तीय और गैर वित्तीय दोनों को मिलाकर) अवश्य मुफ्त देने चाहिए, चाहे एटीएम किसी भी स्थान में क्यों न हो।

  • मेट्रो शहरों में किसी अन्य बैंक के एटीएम (ऑफ अस लेनदेन) पर किए जाने वाले लेनदेन: छ: मेट्रो शहरों में उदाहरणार्थ मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू और हैदराबाद में स्थित एटीएम के मामले में बैंकों को अपने बचत बैंक खाता धारकों को एक महीने में न्यूनतम तीन मुफ्त लेनदेन (वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेनों सहित) अवश्य प्रदान करने चाहिए।

  • गैर –मेट्रो स्थानों पर किसी अन्य बैंक के एटीएम पर लेनदेन: अन्य स्थानों पर बैंकों को बचत बैंक खाता धारकों को अन्य बैंक के एटीएम पर एक महीने में न्यूनतम पाँच मुफ्त लेनदेन (वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेनों सहित) अवश्य प्रदान करने चाहिए।

दिनांक 16 दिसंबर 2010 की भारत सरकार अधिसूचना में अधिसूचित प्रकार से बीएसबीडीए-छोटा खाता निम्‍नलिखित शर्तों पर होंगे :

  1. ऐसे खातों में कुल क्रेडिट एक वर्ष में एक लाख रूपए से अधिक न हो।

  2. खातों में अधिकतम शेष किसी भी समय पचास हजार रूपए से अधिक नहीं होना चाहिए।

  3. किसी महीने में नकद आहरणों और अंतरणों के रूप में कुल नामे (डेबिट) दस हजार रूपए से अधिक नहीं होना चाहिए।

  4. सामान्‍य केवाइसी औपचारिकताएं पूरी किए बिना विदेशी प्रेषण (रेमिटेंस) छोटे खातों में जमा (क्रेडिट) नहीं किया जा सकेगा।

  5. छोटे खाते प्रारंभ में 12 महीनों की अवधि के लिए वैध होते हैं जिन्‍हें यदि व्‍यक्ति आधिकारिक रूप से वैध प्रलेख के लिए आवेदन करने का प्रमाण प्रस्‍तुत करें तो और 12 महीनों के लिए बढ़ाया जा सकता है।

  6. छोटे खाते बैंकों की केवल सीबीएस सहबद्ध शाखाओं में ही अथवा ऐसी शाखाओं में खोले जा सकते हैं जहां शर्तों को पूरा किए जाने की व्‍यक्ति द्वारा (मैन्‍युअली)निगरानीकरनासंभवहै।

उत्तर. आरटीजीएस का उपयोग करते हुए निधि अंतरण लेनदेन करते समय निम्नलिखित को सुनिश्चित किया जाना चाहिए -

  • आरंभिक और गंतव्य बैंक शाखाएं आरटीजीएस नेटवर्क का हिस्सा हैं।

  • लाभार्थी का विवरण जैसे कि लाभार्थी का नाम, खाता संख्या और खाता प्रकार, लाभार्थी बैंक शाखा का नाम और आईएफएससी प्रेषक के पास उपलब्ध होना चाहिए।

  • लाभार्थी की खाता संख्या प्रदान करने में अत्यधिक सावधानी बरती जानी चाहिए, क्योंकि आरटीजीएस लेनदेन की प्रक्रिया के दौरान, आरटीजीएस प्रेषण निर्देश / संदेश में प्रदान की गई खाता संख्या के आधार पर ही ग्राहक के खाते में क्रेडिट दिया जाएगा।

कार्यांन्वित की जाने वाली वैसी परियोजनाएं जिसमें डीसीसीओ का स्थगन शामिल है, उनकी पुनर्रचना समाधान ढ़ांचे के दायरे से बाहर है। दिनांक 1 जुलाई 2015 के परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी. 2/21.04.048/2015-16 के पैरा 4.2.15 और दिनांक 7 फरवरी 2020 के बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.33/21.04.048/2019-20 और उधारदाता संस्थाओं की विशिष्ट श्रेणी पर लागू अन्य प्रासंगिक अनुदेशों में निहित विनियमों में पहले ही डीसीसीओ के संशोधन और इसके परिणामस्वरूप पुनर्रचना माने बिना पुनर्भुगतान शेड्यूल में बदलाव की अनुमति है, जो इंफ्रास्ट्रचर परियोजना के मामले में अधिकतम चार वर्ष और गैर-इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना के मामले में अधिकतम दो वर्ष है (वाणिज्यिक स्थावर संपदा एक्सपोजर सहित)। उक्त के अलावा, स्वामित्व में बदलाव के मामले में परियोजना का डीसीसीओ और दो वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है जो उपर्युक्त अनुदेशों में निर्दिष्ट शर्तों के अधीन होगा।

The compensation amount, if any, which can be awarded by the NBFC Ombudsman, for any loss suffered by the complainant, is limited to the amount arising directly out of the act or omission of the NBFC or rupees one million, whichever is lower.

हां, परिवार के प्रत्‍येक सदस्‍य के नाम बॉण्‍ड खरीदे जा सकते हैं बशर्ते वे प्रश्‍न क्रमांक 4 में परिभाषित पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों।

The compensation amount, if any, which can be awarded by the Ombudsman, for any loss suffered by the complainant, is limited to the amount arising directly out of the act or omission or commission of the System Participant, or two million rupees whichever is lower. The compensation shall be over and above the disputed amount.

These FAQs are issued by the Reserve Bank of India (hereinafter referred to as “Bank”) for information and general guidance purposes only. The Bank will not be held responsible for actions taken and / or decisions made on the basis of the same. For clarifications or interpretations, if any, one may be guided by the relevant circulars, guidelines and notifications issued from time to time by the Bank.

एडीएफ के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए कुल समय उस क्लस्टर पर निर्भर करेगा जिसमें बैंक दृष्टिकोण पत्र में दी गई कार्यप्रणाली के अनुसार प्रक्रिया और प्रौद्योगिकी परिपक्वता का आकलन करने के बाद खुद को रखता है। तथापि, यह उम्मीद की जाती है कि उन्नत आईटी सिस्टम और कम्प्यूटरीकृत वातावरण में काम करने का अनुभव रखने वाले बैंक सबसे कम समय में, यहां तक ​​​​कि 2-3 महीने में भी एडीएफ को लागू करेंगे। सामान्य तौर पर, बैंकों को कम से कम संभव समय सीमा के भीतर उद्देश्यों को पूरा करने का प्रयास करना चाहिए।
जी हां, जमा हेतु भुगतान एक बार में एक से अधिक रूपों के संयोग में किया जा सकता है। फिर भी जमा का प्रभावी तारीख उगाही के बाद बैंक को कुल राशि प्राप्त होने पर होगा।
  • आईआईबी सरकारी प्रतिभूति होगी और जी-सेक में विभिन्न वर्गों के पात्र निवेशक, आईआईबी में भी निवेश करने के लिए पात्र होंगे।

  • एफ़आईआई आगामी आईआईबी में निवेश के लिए पात्र होंगे बशर्ते जी-सेक में उनके निवेश के लिए सीमा है (वर्तमान में यूएस डॉलर 25 बिलियन)।

एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार और सिडबी ने सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी निधि न्यास (सीजीटीएमएसई) की स्थापना की है ताकि एमएसई क्षेत्र में संपार्श्विक/तृतीय पक्ष गारंटी की आवश्यकता के बिना ऋण के प्रवाह को सुविधाजनक बनाया जा सके। योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि ऋणदाता को परियोजना की व्यवहार्यता को महत्व देना चाहिए और वित्तपोषित परिसंपत्तियों की प्राथमिक जमानत पर ऋण सुविधा को सुरक्षित करना चाहिए। क्रेडिट गारंटी योजना (सीजीएस) ऋणदाता को आश्वस्त करती है कि यदि कोई एमएसई इकाई, जिसने संपार्श्विक - मुक्त ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया है, ऋणदाता को अपनी देनदारियां चुकाने में विफल रहता है तो गारंटी ट्रस्ट, योजना के अनुसार ऋणदाता को हुए नुकसान की भरपाई करेगा।

सीजीटीएमएसई 200 लाख तक की ऋण सुविधा के लिए कवर प्रदान करेगा, जिसे उधार देने वाले संस्थानों द्वारा बिना किसी संपार्श्विक सुरक्षा और/या तीसरे पक्ष की गारंटी के दिया गया है। गारंटी कवर का लाभ उठाने के लिए सीजीटीएमएसई द्वारा गारंटी और वार्षिक सेवा शुल्क लिया जाता है। अधिक जानकारी के लिए आप www.cgtmse.in को देख सकते हैं।

हाँ। बैंकों को सूचित किया गया है कि वे अपने नोस्ट्रो खाते में क्रेडिट दिखाई देने की तारीख से ग्राहकों के खाते में वास्तविक रूप से क्रेडिट दिए जाने तक की समयावधि के लिए मूल्य-तारीख संकल्पना के आधार पर चेक की राशि पर ब्याज अदा करें। ग्राहक के खातों में जमा की गई राशि पर कम से कम बचत बैंक दर पर गणना करके ब्याज का भुगतान किया जाएगा।
उत्तर: हाँ! आवेदक वैयक्तिक सुनवाई के लिए उपस्थित रहने हेतु अपनी ओर से किसी अन्य व्यक्ति को केवल उचित लिखित प्राधिकार-पत्र के साथ प्राधिकृत कर सकता है। यह सुनिश्चित करना होगा कि आवेदक की ओर से उपस्थित होने वाला व्यक्ति उल्लंघन के स्वरूप और उससे संबंधित विषय से अच्छे से परिचित हो। हालांकि, रिज़र्व बैंक व्यक्तिगत सुनवाई के लिए आवेदक द्वारा किसी प्रतिनिधि को भेजने/विधि विशेषज्ञ/कंसल्टैंट, आदि को साथ लाने के बजाय उसे स्वयं उपस्थित होने के लिए प्रोत्साहित करता है क्योंकि कंपाउंडिंग प्रायः स्वयं द्वारा स्वीकृत उल्लंघन की ही होती है।

उत्तर: हां, कोई विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक अथवा कोई विदेशी जोखिम पूंजी निवेशक, यदि भारतीय प्रतिभूति तथा विनिमय बोर्ड (सेबी) के संबंधित विनियमों के अंतर्गत सेबी में पंजीकृत हैं तो वह विदेशी मुद्रा प्रबंध (गैर-ऋण लिखत) नियमावली, 2019 के प्रावधानों के अनुसार निवेश के प्रयोजन से ब्याज-रहित विदेशी मुद्रा खाता खोल सकता है तथा ऐसे खाते को धारित किए रख सकता है।

उत्तर: लाभार्थी की पहचान के आवश्यक तत्व हैं:

लाभार्थी का नाम
लाभार्थी की शाखा का नाम
लाभार्थी के बैंक का नाम
लाभार्थी का खाता प्रकार
लाभार्थी का खाता संख्या
लाभार्थी की शाखा आईएफएससी
प्रेषक और लाभार्थी कानूनी इकाई पहचानकर्ता (पात्र लेनदेन के लिए)

वर्तमान में, एडी श्रेणी-I बैंकों, एडी श्रेणी-II और संपूर्ण मुद्रा परिवर्तकों (एफएफएमसी) के माध्यम से विदेशी मुद्रा या विदेशी मुद्रा में निर्दिष्ट ट्रैवेलर्स चेक का भारतीय रुपये में अदला-बदली संभव है। इसके अलावा, एडी श्रेणी-I बैंक, एडी श्रेणी- II और एफएफएमसी विदेशी मुद्रा की खरीद करने के लिए फ्रैंचाइज़ी (जिन्हें एजेंट के रूप में भी जाना जाता है) नियुक्त कर सकते हैं।

उत्तर: विदेशी मुद्रा में व्यापार करने के लिए प्राधिकृत बैंक आईडीसी जारी कर सकते हैं जिनका प्रयोग निवासी द्वारा उसके विदेश में दौरे के दौरान नकदी आहरण के लिए या किसी व्यापारिक स्थापना के भुगतान के लिए किया जा सकता है । आईडीसी प्रयोग केवल चालू खाता लेनदेनों के लिए अनुमत है और इन कार्डों के प्रयोग एलआरएस सीमा के भीतर किया जाएगा।

प्राधिकृत डीलर बैंक विदेश में निजी / कारोबारी यात्रा पर जा रहे निवासियों को स्टोर वैल्यू कार्ड/चार्ज कार्ड/स्मार्ट कार्ड जारी कर सकते हैं जो विदेशी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को भुगतान करने और एटीएम टर्मिनलों से नकदी निकालने के लिए प्रयोग किए जाते हैं । ऐसे कार्ड जारी करने के लिए रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमती आवश्यक नहीं है। तथापि, ऐसे कार्डों का प्रयोग अनुमत चालू खाता लेनदेनों तक सीमित है और इन कार्डों के प्रयोग एलआरएस सीमा के अधीन होगा।

भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी के साथ या विदेश में किसी बैंक के साथ, जैसा कि वर्तमान विदेशी मुद्रा विनियमों के अधीन अनुमत है, विदेशी मुद्रा खाते रखने वाले निवासी व्यक्ति, विदेशी बैंकों तथा अन्य विख्यात एजेंसियों से आईसीसी प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र हैं। भारत में या विदेश में, कार्ड पर प्रभार, कार्डधारक के विदेशी मुद्रा खाते (खातों में रखी निधियों में से या भारत से, केवल बैंक के माध्यम से जहां कार्ड धारक का चालू या बचत खाता है, से विप्रेषण, यदि कोई हो, में से दिए जा सकते हैं । इस प्रयोजन के लिए विप्रेषण विदेश में कार्ड जारी करने वाली एजेंसी को सीधे भी भेजा जा सकता है, और किसी अन्य पार्टी को नहीं । यह भी स्पष्ट किया जाता है कि लागू ऋण सीमा कार्ड जारी करने वाले बैंकों द्वारा निर्धारित ऋण सीमा होगी । इस सुविधा के अधीन रिज़र्व बैंक द्वारा कोई विप्रेषण, यदि कोई हो की मौद्रिक सीमा निर्धारित नहीं की गई है । ऐसे व्यक्ति के भारत के बाहर दौरे पर होते समय उसके द्वारा अपने व्यय के भुगतान के लिए किए गए आईसीसी के प्रयोग पर एलआरएस सीमा लागू नहीं होगी।

विभिन्न प्रयोजनों से विदेश यात्रा के लिए आईसीसी/आईडीसी का उपयोग किया जा सकता है तथा विदेशी जर्नल के लिए अभिदान, इंटरनेट अभिदान नीआदि के लिए व्यक्तिगत भुगतान करने के लिए भि किया जा सकता है। तथापि लाटरी टिकट, प्रतिबंधित पत्रिकाओं, आदि की खरीद जैसी फेम(कैट) संशोधन नियमावली, 2015 की अनुसूची 1 में निर्दिष्ट प्रतिबंधित लेनदेन के लेई आईसीसी/आईडीसी के प्रयोग की अनुमति नहीं है।

नेपाल तथा भूटान में विदेशी मुद्रा में भुगतान करने के लिए इन लिखतों के प्रयोग की अनुमति नहीं है ।

उ. ईसीएस क्रेडिट देने वाली संस्था को इससे कई लाभ हैं: • प्रशासनिक व्यवस्था, मुद्रण, प्रेषण और कागज लिखतों के समाधान में होने वाली बचत ईसीएस क्रेडिट नहीँ अपनाने की स्थिति में प्राप्त नहीं होती. • पारगमन में लिखतों के खोने/ चोरी होने और धोखाधड़ीपूर्ण नकदीकरण होने की संभावना नहीं है.• दक्ष भुगतान माध्यम जिसमें निर्धारित दिनांक को हिताधिकारियों को क्रेडिट मिलना सुनिश्चित है.•लागत कम है.
हाँ। बैंकों को यह अधिकार है कि वे कट ऑफ तिथि को जमा राशि में से अपनी देय राशि का समायोजन कर सकते हैं। जमा बीमा ऐसी देय राशियों के समायोजन के बाद उपलब्ध है।

उत्तर: हाँ । उपर्युक्त प्रश्न 10 में उल्लिखित लेनदेन को छोड़कर। तथापि, म्यांमार के साथ किए जाने वाले व्यापार लेनदेन का एसीयू व्यवस्था के अतिरिक्त किसी भी मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्रा में निपटान किया जा सकता है। श्रीलंका के साथ किए जाने वाले व्यापारिक लेनदेन सहित सभी पात्र चालू खाता लेनदेन का एसीयू व्यवस्था के बाहर निपटान करने की अनुमति अगली सूचना जारी किए जाने तक दी गयी है। साथ ही, 1 जुलाई 2016 से ‘यूरो’ में किए गए व्यापारिक लेनदेन सहित सभी पात्र चालू खाता लेनदेन का एसीयू व्यवस्था के बाहर निपटान करने की अनुमति अगली सूचना जारी किए जाने तक दी गयी है।

Travellers are allowed to purchase foreign currency notes/coins only up to USD 2000. Balance amount can be taken in the form of traveller’s cheque or banker’s draft. Exceptions to this are (a) travellers proceeding to Iraq and Libya can draw foreign exchange in the form of foreign currency notes and coins not exceeding US$ 5000 or its equivalent; (b) travellers proceeding to the Islamic Republic of Iran, Russian Federation and other Republics of Commonwealth of Independent States can draw entire foreign exchange released in form of foreign currency notes or coins.

सीटीएस के तहत भौतिक चेक प्रस्तुतकर्ता बैंक में रखे जाते हैं और भुगतान करने वाले बैंकों में नहीं जाते हैं। ग्राहक की इच्छा के मामले में, बैंक विधिवत प्रमाणित / अधिप्रमाणित चेकों की छवियां प्रदान कर सकते हैं। तथापि, यदि कोई ग्राहक वास्तविक चेक देखना / प्राप्त करना चाहता है, तो इसे प्रस्तुतकर्ता बैंक से प्राप्त करना होगा, जिसके लिए उसके बैंक से अनुरोध करना होगा। इस उद्देश्य के लिए लागत / प्रभार का एक तत्व भी शामिल हो सकता है। कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, चेक को ट्रंकेट करने वाले प्रस्तुतकर्ता बैंकों को 10 साल की अवधि के लिए भौतिक लिखतों (चेकों) को संरक्षित करने की आवश्यकता होती है।

  • प्राधिकृत बैंक एसबीआई एवं एसोसिएट, राष्ट्रीयकृत बैंक, एचडीएफ़सी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक हैं।

उत्तर

जैसा कि भारत सरकार की 16 दिसंबर, 2010 की अधिसूचना के अनुसार अधिसूचित किया गया है, बीएसबीडीए-लघु खाते निम्नलिखित शर्तों के अधीन होंगे:

i. ऐसे खातों में कुल जमा एक वर्ष में एक लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।

ii. खाते में अधिकतम शेष राशि किसी भी समय पचास हजार रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।

iii. नकद निकासी और अंतरण के माध्यम से कुल डेबिट राशि एक महीने में दस हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।

iv. सामान्य केवाईसी औपचारिकताओं को पूरा किए बिना विदेशी प्रेषण को छोटे खातों में जमा नहीं किया जा सकता है

v. छोटे खाते शुरू में 12 महीने की अवधि के लिए वैध होते हैं, जिसे एक और 12 महीने की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है, यदि व्यक्ति द्वारा आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज़ के लिए आवेदन करने का प्रमाण प्रदान किया जाता है।

vi. छोटे खाते केवल बैंकों की सीबीएस से जुड़ी शाखाओं में या ऐसी शाखाओं में खोले जा सकते हैं जहां शर्तों की पूर्ति की मैन्युअल रूप से निगरानी करना संभव हो।

The requirement is that the companies in the Promoter Group in which the public hold not less than 51 per cent of the voting equity shares shall hold not less than 51 per cent of the total voting equity shares of the NOFHC.[ para 2 (C) (ii) (b) of the guidelines]

उत्तर. हां। ऐसे गैर-बैंक पीएसपी के लिए यह अपेक्षित होगा कि वे अपने नियमित भुगतानों का निर्वहन करने के लिए आरबीआई के साथ रखे गए अपने चालू खाते से वाणिज्यिक बैंकों के साथ बनाए गए चालू खातों में धन अंतरित करें। इस प्रयोजन हेतु आरबीआई के चालू खाते का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

इसके अलावा, गैर-बैंक पीपीआई जारीकर्ताओं के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (बैंकों) के साथ निलंब खाते/खातों के रखरखाव पर जारी मौजूदा निर्देश लागू रहेंगे। कार्ड नेटवर्क को उनकी निपटान गारंटी और संबंधित गतिविधियों के लिए आरबीआई चालू खाते का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

प्रतिक्रिया: एसटीबीडी के मामले में, संबंधित प्रावधान नामित बैंकों द्वारा निर्धारित किए जाएंगे। एमटीजीडी अथवा एलटीजीडी जमा के मामले में, जमाकर्ता की मृत्यु अथवा एमएलटीजीडी प्रमाण पत्र के प्रति लिए गए ऋण के चूक के मामले में न्यूनतम लॉक-इन अवधि से पहले बंद करने की सुविधा उपलब्ध है। लागू ब्याज दरें मास्टर निदेश - स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015 के पैरा 2.2.2. (एफ) और 2.2.2. (जी) में विस्तृत रूप से दी गई हैं।

The bank or PD through whom the investor bids will obtain and keep on record an undertaking to the effect that the investor is making only a single bid.Auction Process

उत्तर: हां, भुगतान और निपटान प्रणाली (पीएसएस) अधिनियम, 2007 के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक से प्राधिकार प्राप्त करने की आवश्यकता है।

उत्तर: हाँ।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

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