Clarifications to Queries on Guidelines for Licensing of New Banks in the Private Sector
उत्तर. पीपीआई जारीकर्ता लिखतों को जारी करते समय धारकों को सभी महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों को स्पष्ट और सरल भाषा में प्रकट करेंगे। इन प्रकटीकरण में निम्नलिखित शामिल होंगे:
ए. लिखत के उपयोग से जुड़े सभी प्रभार और शुल्क; तथा
बी. वैधता अवधि की समाप्ति और लिखत की वैधता समाप्ति से संबंधित नियम और शर्तें।
हां ? बैंकों से अनुरोध है कि वे मीयादी ऋणों सहित सभी अग्रिमों के मामले में संबंधित ऋण करारों में निम्नलिखित परंतुक अनिवार्यत: शामिल करें ताकि बैंक, निर्धारित दर वाले ऋणों के मामले को छो?कर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अनरूप लागू ब्याज दर लगा सकें।
"बशर्ते उधारकर्ता द्वारा दिया जानेवाला ब्याज, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में समय-समय पर किए गए परिवर्तनों के अधीन होगा।"
हां, नामांकन सुविधा सरकारी प्रतिभूति अधिनियम 2006 और सरकारी प्रतिभूति विनियमन 2007 के प्रावधानों के अनुसार उपलब्ध है। आवेदन फार्म के साथ नामांकन फार्म उपलब्ध है । एक अनिवासी भारतीय व्यक्ति मृत निवेशक के नामिती के रूप में प्रतिभूति को अपने नाम निम्नलिखित शर्तों के अधीन अंतरण कर सकता है :-
i) अनिवासी निवेशक को प्रारंभिक रिडेम्प्शन तक या परिपक्वता तक प्रतिभूति रखने की आवश्यकता होगी; तथा
ii) निवेश की ब्याज और परिपक्वता आय प्रत्यावर्तनीय नहीं होगी।
हां, बॉण्डों को डिमैट खातों में रखा जा सकता है। उसके लिए आवेदन में ही निश्चित अनुरोध किया जाना है।
डीमैटीरियालाइज़ेशन की प्रणाली पूर्ण होने तक इन बॉण्डों को भारतीय रिज़र्व बैंक की बही में रखा जाएगा। बॉण्ड आबंटित किए जाने के पश्चात डीमैट में परिवर्तित करने की सुविधा उपलब्ध होगी।
उत्तर. प्राधिकृत डीलर श्रेणी-I बैंकों द्वारा जारी पूर्ण-केवाईसी पीपीआई, फेमा के तहत अनुमत चालू खाता लेनदेनों, अर्थात वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए, सीमा-पार जावक लेनदेनों में उपयोग किए जा सकते हैं। यह सुविधा केवल पीपीआई धारक के स्पष्ट अनुरोध पर ही सक्षम की जाएगी।
लेनदेन की सीमाएं:
ए. प्रति लेनदेन सीमा ₹10,000/- से अधिक नहीं होगी।
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ए. प्रति लेनदेन सीम ₹10,000/- से अधिक नहीं होगी।
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बी. प्रति माह सीमाा ₹50,000/- से अधिक नहीं होगी।
अनुमत लेनदेन:
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा) के तहत अनुमत चालू खाता लेनदेन, अर्थात इस तरह के लेनदेनों को नियंत्रित करने वाले मौजूदा मानदंडों के अनुपालन के अधीन वस्तुओं और सेवाओं की खरीद।
लेनदेन जिनकी अनुमति नहीं है:
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ए. उदारीकृत विप्रेषण योजना के अंतर्गत कोई सीमा-पार जावक निधि अंतरण और/अथवा विप्रेषण के लिए।
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बी ऑनलाइन व्यापारियों के खाते की प्रीफंडिंग।
उत्तर. बैंक और गैर-बैंक पीपीआई जारीकर्ता, जो प्राधिकृत सीमा-पार प्रिंसिपल (ओपी) के भारतीय एजेंट हैं, को आरबीआई की मुद्रा अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) के तहत आवक विप्रेषण के लाभार्थियों को पूर्ण-केवाईसी पीपीआई जारी करने की अनुमति है। इसका अर्थ यह है कि इस गतिविधि को करने वाली संस्था को एक प्राधिकृत पीपीआई जारीकर्ता के साथ-साथ एमटीएसएस (विदेशी मुद्रा विभाग, आरबीआई द्वारा प्राधिकृत) के तहत एक भारतीय एजेंट होना चाहिए।
व्यक्तिगत आवक एमटीएसएस विप्रेषण से ₹50,000/- तक की राशि को लाभार्थियों को जारी किए गए पीपीआई में लोड अथवा पुनः लोड करने की अनुमति है। ₹50,000/- से अधिक की किसी भी एकल लेनदेन राशि का भुगतान बैंक खाते में जमा करके किया जाएगा।
राष्ट्रिक स्वर्ण बॉण्ड के संदर्भ में आम जनता के प्रश्नों को प्राप्त करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक अलग ई मेल आईडी सृजित की है। निवेशक अपने प्रश्न इस ई मेल आईडी पर भेज सकते हैं।
यदि कोई व्यक्ति किसी सरकारी प्रतिभूति का अपने पक्ष में हक पाने अथवा किसी अन्य व्यक्ति को यह हक दिलाने के लिए मिथ्यावचन करता है, तो वह, अधिकतम 6 माह तक कारावास या जुर्माना या दोनों का पात्र होगा । इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति सरकारी प्रतिभूति अधिनियम के प्रावधानों या इसमे अंतर्गत जारी किसी विनियम, अधिसूचना या निर्देश का उल्लंघन करता है या एसजीएल/सीएसजीएल खातो को खोलने और जारी रखने के नियम और शर्तो का उल्लंघन करता है ,तो भारतीय रिज़र्व बैंक उसे 5 लाख रूपए का दंड लगा सकता है और यदि ऐसा उल्लंघन जारी रहता है, तो आगे प्रति दिन 5 हजार रुपए के हिसाब से उल्लंघन जारी रहने तक दंड लगा सकता है ।
इन बांडस के निवेशकों को संचयी / गैर संचयी ब्याज भुगतान का विकल्प होता है । कम्यूलेटिव बांड में परिपक्वता के समय मूल के साथ ब्याज भुगतान दिया जाता है । नॉन कम्यूलेटिव बांड में ब्याज अर्धवार्षिक अंतराल पर भुगतान किया जाता है । यदि निवेशक निरंतर आय चाहता है तो वह गैर संचयी का विकल्प चुनें । ब्याज, ब्याज वारंट (रजिस्टर्ड पोस्ट द्वारा) या ईसीएस सुविधा से भुगतान किया जाता है, जिसके लिए निवेशक के बैंक खाते की जानकारी भारतीय रिज़र्व बैंक या एजेंसी बैंक से ईसीएस फार्म प्राप्त कर प्रस्तुत करना होता है (इस एफ़एक्यू के अंत मे आदर्श फार्मेट दिया गया है ) ।
उत्तर. किसी अन्य भुगतान लिखत का उपयोग करके विफल/वापस किए गए/अस्वीकृत/रद्द किए गए लेनदेनों के मामले में धन वापसी को पीपीआई में क्रेडिट नहीं किया जाना चाहिए।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022