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राष्ट्रिक स्‍वर्ण बॉण्‍ड योजना

• बॉण्‍ड की मीयाद समाप्‍त होने से एक महीना पहले निवेशक को बॉण्‍ड की मीयाद पूरी होने की सूचना दे दी जाएगी।

• मीयाद पूरी होने की तारीख पर बॉण्‍ड की परिपक्‍वता राशि रिकार्ड में दर्ज बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी।

• यदि बैंक खाते, ई-मेल पते आदि में कोई परिवर्तन है तो निवेशक को चाहिए कि वह उसकी सूचना बैंक/ एसएचसीआईएल/ डाकघर को तुरंत दे।

नहीं। अगर सरकारी प्रति‍भूति नाबालि‍ग के लिए धारि‍त की है, तो ऐसे नाबालि‍ग का भुगतान उसके पि‍ता या माता को कि‍या जाएगा और माता पि‍ता जीवित न होने पर उस नाबालि‍ग की संपत्ती का कानून के अनुसार रखरखाव करने हेतु पात्र व्यक्ति को भुगतान कि‍या जाएगा । तथापि, सरकारी प्रति‍भूति जि‍सका मूल्य रुपए एक लाख से अनधि‍क है, और धारक नाबालिग या पागल व्यक्ति है और उसके कार्य संभालने मे असमर्थ है, तो भारतीय रि‍ज़र्व बैंक, सरकारी प्रतिभूति वि‍नि‍यमावली के विनियम 17 की शर्तों के अनुसार एक व्यक्ति, जिसे वह नाबालिग या पागल व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करने के लिए उपयुक्त समझता है, इसका प्रबंध करने के लिए आदेश जारी कर सकता है ।

उत्तर

बीएसबीडीए में, बैंकों को एटीएम और अन्य मोड के माध्यम से न्यूनतम चार निकासी नि: शुल्क प्रदान करने की आवश्यकता है। चार आहरणों के अलावा, यह बैंकों के विवेक पर छोड़ दिया जाता है कि वे या तो नि:शुल्क पेशकश करें या अतिरिक्त निकासी के लिए शुल्क लें। हालांकि, बैंकों द्वारा उचित, गैर-विवेकाधीन, गैर-भेदभावपूर्ण और पारदर्शी तरीके से बैंकों द्वारा मूल्य निर्धारण संरचना की जानी चाहिए।

Taking personal jewellery out of India is governed by Baggage Rules framed under Export-Import Policy by the Government of India.
चूंकि मौजूदा एप्‍लीकेशन में दिए गए आर्डर मुख्‍य एनडीएस-ओएम से संयुक्‍त हो जाते हैं अत: ट्रेड सेगमेंट भी सामान्‍य एनडीएस-ओएम के समान ही है अर्थात् स्‍टैंडर्ड मार्केट और ऑड लॉट मार्केट। स्‍टैंडर्ड मार्केट के लिए लॉट का आकार न्‍यूनतम 5 करोड़ रु. और 5 करोड़ रु. के गुणकों में है। ऑड लॉट सेंगमेंट में केंद्र और राज्‍य सरकार की प्रतिभूतियों के लिए लॉट का न्‍यूनतम आकार 10,000/- रु. है और ट्रेज़री बिलों के लिए यह 25,000/- रु. है। व्‍हेन इश्‍यूड मार्केट ( जारी किए जाने पर मौजूद बाज़ार) में इस समय जीएएच को भाग लेने की अनुमति नहीं है। सरकारी प्रतिभूतियों के बाज़ार में जीएएच को शार्ट सेलिंग( अल्‍पकालिक बिक्री) करने की भी अनुमति नहीं है।
उ. नहीं , व्यक्तिगत संव्यबहारों में ईसीएस डेबिट द्वारा संग्रहित की जाने वाली राशि की कोई सीमा नही है.
  • नियत दर जी-सेक की तरह, आईआईबी प्राइमरी डीलरों द्वारा हस्ताक्षरित होंगे।

टीआरईडीएस का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक बिल फैक्टरिंग एक्सचेंज निर्मित करना है जो इलेक्ट्रॉनिक रूप से बिलों को स्वीकार और भुगतान करें ताकि एमएसएमई बिना देरी के अपनी प्राप्तियों को भुना सकें। यह न केवल उन्हें वित्त तक अधिक पहुंच प्रदान करेगा बल्कि कॉरपोरेट्स को उनके बकाए का समय पर भुगतान करने के लिए उन्हें और अधिक अनुशासित भी बनाएगा। अधिक जानकारी के लिए आप /en/web/rbi/-/guidelines-for-the-trade-receivables-discounting-system-treds-3504 पर टीआरईडीएस की स्थापना और संचालन के लिए रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों को देख सकते हैं।

Residents are free to carry the foreign exchange purchased from an authorised dealer or money changer in accordance with the Rules. In addition, they can also carry up to USD 2,000, or higher amounts representing the unutilized balance of a previous trip, if already held by them (see item13 above) in accordance with the Regulations.

उत्तर: शिकायतें https://cms.rbi.org.in पर ऑनलाइन या समर्पित ई-मेल के माध्यम से दर्ज की जा सकती हैं या आरबीआई, चौथी मंजिल, सेक्टर 17, चंडीगढ़ - 160 017 में स्थापित 'केंद्रीकृत रसीद और प्रसंस्करण केंद्र' को भौतिक मोड में निम्नलिखित पथ /documents/87730/38689832/RBIOS2021_12112021_A.pdf. पर दिए गए प्रारूप में भेजी जा सकती है। एक टोल-फ्री नंबर - 14448 (सुबह 9:30 बजे से शाम 5:15 बजे तक) - बहुभाषी समर्थन के साथ शिकायत दर्ज करने और शिकायत निवारण पर जानकारी दर्ज करने में सहायता लेने के लिए ग्राहकों के लिए भी उपलब्ध है।

  • चूंकि बैंक के अधीन ग्राहक होंगे, अतः केवाईसी बैंकों द्वारा की जाएगी।

जी हां, आईआईबी या एसजीबी के मौजूदा निवेशक वही निवेशक आईडी पीएमजीकेवाई के लिए बनाए रख सकते हैं बशर्तेकि निवेशक आईडी के साथ जोड़ा गया वैयक्तिक पहचान दस्तावेज़ स्थाई खाता संख्या हो।
At the time of making applications, the Promoters/Promoter Group will have to furnish a road map and methodologies they would adopt to comply with all the requirements of the corporate structure indicated in para 2 (C)(ii) and (iii) of the guidelines and realign the business between the entities to be held under the NOFHC [para 2(C)(iv) of the guidelines] within a period of 18 months. After the ‘in-principle approval’ is accorded by RBI for setting up of the bank, the actual setting up of NOFHC and the bank, re-organization of the Promoter Group entities to bring the regulated financial services entities under the NOFHC as well as realignment of business among the entities under the NOFHC have to be completed within a period of 18 months from the date of in-principle approval or before commencement of banking business, whichever is earlier.

Ans : Yes. It is left to the choice of the individual customer and the ECS user to decide these aspects. The mandate can contain a ceiling on the maximum amount of debit, specify the purpose of debit and validity period of the mandate.

Persons resident in India are permitted to maintain foreign currency accounts in India under following two Schemes:

  1. EEFC Accounts

To avoid exchange loss on conversion of foreign exchange into Indian Rupee & Rupee into foreign exchange, residents can retain upto 50% of foreign currency remittances received from abroad in a foreign currency account, viz., EEFC account, with an authorised dealer in India . Funds held in EEFC account can be utilised for current account transactions and also for approved capital account transactions as specified by the extant Rules/Regulations/Notifications/Directives issued by the Government/RBI from time to time.

  1. RFC Accounts :-

Returning Indians, i.e., those Indians, who were non-residents earlier, and are returning now for permanent stay, are permitted to open, hold and maintain with an authorised dealer in India a Resident Foreign Currency (RFC) Account to keep their foreign currency assets. Assets held outside India at the time of return can be credited to such accounts. The funds in RFC account are free from all restrictions regarding utilisation of foreign currency balances including any restriction on investment outside India. The facility is also available to residents provided foreign exchange to be credited to such account is received out of certain specified type of funds/accounts.

The transfer of securities to the clients should be completed within five working days from the date of the auction.Delivery and Form of Holding
नहीं, किसी भी जमाराशि को ब्याज अर्जित करने के लिए पात्र होने के लिए न्यूनतम निर्धारित अवधि तक रखना होता है जो वर्तमान में एफ सी एन आर (बी) और एन आर ई जमाराशियों के लिए एक वर्ष है।
No, once the report of remittance in form ODR is received by the Reserve Bank through the designated Authorised Dealer, an identification number for that particular investment is issued for the purpose of future reference. Subsequent investment in the same project will be permitted to be made only after allotment of the identification number.

उत्तर: सुरक्षित और सुरक्षित डिजिटल भुगतान सुनिश्चित करने के तरीकों के बारे में जानकारी के लिए आरबीआई का वेबपेज "आरबीआई कहता है" /hi/web/rbi/rbi-kehta-hai पर देखा जा सकता है। इसके अलावा, आरबीआई ने डिजिटल लेनदेन के उपयोगकर्ताओं के लिए बीई (अ) वेयर नामक एक पत्रिका भी लॉन्च की है, जिसे /documents/87730/39016390/BEAWARE07032022.pdf पर देखा जा सकता है।

बचत बैंक जमा ब्‍याज दर के अविनियमन पर दिनांक 7 फरवरी 2012 शबैवि.बीपीडी(पीसीबी)सं.18/13.01. 000/2011-12 में निहित हमारे अनुदेश बुनियादी बचत बैंक जमा खाते में धारित जमाराशि पर लागू हैं

उत्तर: ग्राहक को एटीएम/डबल्यूएलए में अपने लेनदेन सुरक्षित और प्रतिरक्षित रखने के लिए निम्नलिखित क्या करें और क्या न करें का अनुपालन करना चाहिए:

  • ग्राहकों को अपने किसी भी एटीएम/डबल्यूएलए लेनदेन को पूरी गोपनीयता में करना चाहिए।

  • एक समय में एटीएम/डबल्यूएलए किओस्क में केवल एक ही कार्ड धारक का प्रवेश/पहुँच होनी चाहिए।

  • कार्ड धारक को अपना कार्ड कभी भी किसी को नहीं देना चाहिए।

  • कार्ड के ऊपर पिन संख्या न लिखें।

  • कार्ड धारक को अपना पिन किसी को भी नहीं बताना चाहिए।

  • एटीएम में पिन संख्या दर्ज करते समय कभी भी किसी को अपना पिन नंबर नहीं देखने देना चाहिए ।

  • कभी भी ऐसे पिन का प्रयोग न करें जिसका अनुमान आसानी से लगाया जा सके।

  • एटीएम/डबल्यूएलए में कभी भी कार्ड न छोड़ें।

  • कार्ड धारक को एटीएम/डबल्यूएलए लेनदेन संबंधी चेतावनी प्राप्त करने के लिए कार्ड जारी करने वाले बैंक में अपना मोबाइल नंबर पंजीकृत करवाना चाहिए। यदि खाते में कोई भी अनधिकृत कार्ड लेनदेन पाया जाता है तो इसकी सूचना तुरंत कार्ड जारी करने वाले बैंक को दी जानी चाहिए।

  • कार्ड धारक एटीएम/डबल्यूएलए से जुड़े हुए किसी अतिरिक्त उपकरण से सावधान रहें। इनका उपयोग ग्राहक के आंकड़ों को धोखे से चुराने के लिए होता है। यदि इस प्रकार का कोई उपकरण पाया जाता है तो तुरंत सुरक्षा गार्ड/बैंक/इसे चलाने वाली व्हाइट लेबल कंपनी को इसके बारे में सूचित करें।

  • एटीएम/डबल्यूएलए के आस-पास किसी संदिग्ध व्यक्ति के आने – जाने पर नज़र रखें। ग्राहक को ऐसे अपरिचित लोगों से सावधान रहना चाहिए जो कि उसे बातों में लगाना चाहते हैं अथवा एटीएम के संचालन में सहायता /मदद देने का प्रस्ताव करते हैं।

  • कार्ड धारक इस बात को याद रखें कि बैंक अधिकारी फोन पर कभी भी आपके कार्ड का विवरण अथवा पिन नंबर नहीं पूछेंगे। अत: यदि कोई व्यक्ति यह दर्शाते हुए कि वह आपके बैंक से है और आपसे संपर्क करता है तो आप उसका प्रतिउत्तर न दें।

उत्तर. आरबीआई की वेबसाइट https://www.rbi.org.in/Scripts/FAQView.aspx?Id=140 पर "केंद्रीकृत भुगतान प्रणालियों में बड़े मूल्य के लेनदेन के लिए विधिक संस्था पहचानकर्ता (एलईआई)" पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न देखे जा सकते हैं।

उत्तर. उपर्युक्त पीपीआई के अलावा, पीपीआई की निम्नलिखित दो श्रेणियां हैं:

ए. उपहार पीपीआई; तथा

बी. मास ट्रांजिट सिस्टम के लिए पीपीआई (पीपीआई-एमटीएस)।

यद्यपि बॉण्‍ड की अवधि 8 वर्ष है, पाँच वर्ष के पश्‍चात कूपन भुगतान की तारीख से इस बॉण्‍ड का समय पूर्व नकदीकरण/ परिशोधन किया जा सकता है। इसे एक्‍सचेंज में ट्रेड किया जा सकता है। यदि इसे डीमैट स्‍वरूप में रखा गया है तो इसे किसी अन्‍य पात्र निवेशक को भी हस्‍तांतरित किया जा सकता है।

भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है कि 30.12.16 तक पीएमजीकेवाई के अधीन कर, जुर्माना, अधिभार हेतु भुगतान और जमा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी पुराने 500 और 1000 के बैंक नोटों के माध्यम से किया जा सकता है। घोषणा करने वालों के लिए प्रधान मंत्री गरीब कल्याण जमा योजना 2016 हेतु कराधान एवं निवेश व्यवस्था 17 दिसंबर 2016 से 31 मार्च 2017 तक उपलब्ध है। योजना के अधीन कर, जुर्माना, अधिभार हेतु भुगतान और जमा आईटीएनएस – 287 चालान के माध्यम से किया जाना है। पीएमजीकेवाई के संदर्भ में अधिसूचना www.incometaxindia.gov.in पर उपलब्ध है।

उत्तर

बचत बैंक जमा ब्याज दर के विविनियमन पर हमारे 30 जनवरी 2012 के परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं.57/03.05.33/2011-12 में निहित निर्देश 'आधारभूत बचत बैंक जमा खाता' में रखी जमाराशियों पर लागू होते हैं।

एनडीएस-ओएम वेब मॉड्यूल पर जीएएच को सीधे बिड करने और ऑफर देने की सुविधा मौजूद है। जीएएच अपने बकाया आर्डर को संशोधित/रद्द कर सकता है। यदि आवश्‍यक हो तो, जीएएच बकाया आर्डर होल्‍ड या रिलीज़ कर सकता है। अपने बकाया आर्डर पर जीएएच का पूर्ण नियंत्रण उपलब्‍ध है। अधिसूचना और पॉप-अप्‍स के जरिए जीएएच को रियल टाइम में अपने आर्डर के संबंध में अपडेट मिलते रहते हैं।
  • 15 मई 2013 के हमारे प्रेस विज्ञप्ति में निर्दिष्ट, प्रत्येक अंश का आकार रु. 1,000 करोड़ से 2,000 करोड़ होंगे।
A person resident in India is free to send (export) any gift article of value not exceeding Rs. 5,00,000 provided export of that item is not prohibited under the extant EXIM Policy.
उ. भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रायोजक बैंक द्वारा उपयोगकर्ता संस्थाओं पर लगाये जाने वाले प्रभारों को नियंत्रण मुक्त कर दिया है. तथापि प्रायोजक बैंक को इन प्रभारों का खुलासा पारदर्शी रूप से करना होगा. ईसीएस केन्द्रों द्वारा कोई भी प्रसंस्करण प्रभार नहीं लिया जाता है, मार्च 31, 2011 तक इनमें छूट दी गई है. बैंक शाखाएं सामान्यत: ग्राहकों के खातों डेबिट करने के लिए प्रसंस्करण शुल्क/सेवा प्रभारों को नहीँ लेती है.

प्रथम द्वि-मासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2016-17 के पैरा 48 में की गई घोषणा के अनुसार, रिज़र्व बैंक ने ऋण सलाहकारों के आधिकारिक मान्यता के लिए एक रूपरेखा निर्धारित की जिसे परिचालन संबंधी दिशानिर्देश निर्धारित करने के लिए सिडबी के साथ साझा किया गया। तदनुसार, सिडबी द्वारा यह योजना जुलाई 2017 में शुरू की गई थी। योजना के अनुसार, प्रमाणित ऋण सलाहकार सिडबी के साथ पंजीकृत संस्थान या व्यक्ति होते हैं जो पेशेवर तरीके से परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में एमएसएमई की सहायता करते हैं, जो बैंकों को और अधिक प्रामाणिक ऋण निर्णय लेने में मदद करते हैं।

  • उपभोक्ताओं को प्रतिभूतियाँ धन प्राप्ति के बाद जारी आर दें चाहिए। धन प्राप्ति के बाद, बैंक को सीबीएस पर उपभोक्ता को पंजीकृत करना चाहिए और धारिता प्रमाणपत्र जनरेट करना चाहिए।

हां । अगर प्रतिभूति एससी और जीपीएन के रूप में है, तो नकल (डुप्लि‍केट) सरकारी प्रति‍भूति जारी की जाएगी । तथापि, वाहक बांड /प्राइज बांड के लि‍ए नकल सरकारी प्रति‍भूति नहीं जारी की जाएगी । परि‍पक्व ऋण के मामले में सरकारी प्रति‍भूति की नकल जारी नहीं की जाएगी, तथा नकल सरकारी प्रति‍भूति जारी करने के लि‍ए नि‍म्नांकि‍त प्रकि‍या के बाद नि‍वेशक की प्रतिदेय आय का भुगतान कि‍या जाएगा ।

Ans : No. There is no value limit on the amount of individual transactions that can be collected by ECS Debit.

In terms of sub-section 4, of Section (6) of the Foreign Exchange Management Act, 1999, a person resident in India is free to hold, own, transfer or invest in foreign currency, foreign security or any immovable property situated outside India if such currency, security or property was acquired, held or owned by such person when he was resident outside India or inherited from a person who was resident outside India.
RBI will issue securities only in demat (SGL) form. It will credit the securities to the CSGL account of the bank/PD .
हां, जब कभी देय तारीख शनिवार/रविवार/गैर-कारोबारी कार्य दिवस/अवकाश के दिनों में आती है तब बैंकों को देय तारीख और भुगतान की तारीख के बीच की अवधि के लिए मूल संविदाकृत दर से एन आर ई/ एफ सी एन आर (बी) जमाराशियों पर ब्याज का भुगतान करने की अनुमति है ताकि जमाकर्ताओं को ब्याज के संबंध में कोई हानि न हो।
Yes. Companies, which are under the investigation by the Enforcement Directorate or are in the Reserve Bank’s caution/defaulters list, are not eligible to make investment under the automatic route.
बीएसबीडीए ग्राहकों को उपलब्‍ध करायी जा रही न्‍यूनतम सुविधाओं में चेक बुक सुविधा की परिकल्‍पना बीएसबीडीए में नहीं की गई। बैंक नि:शुल्‍क चेक बुक सुविधा सहित कोई भी अतिरिक्‍त सुविधा (जिस मामले में खाता बीएसबीडीए बना रहता है) या अतिरिक्‍त सुविधाओं के लिए प्रभार लगाने (जिस मामले में खाता बीएसबीडीए नहीं होता है) के लिए स्‍वतंत्र हैं।
उत्‍तर: कार्ड खोने/चोरी हो जाने पर ग्राहक को कार्ड जारीकर्ता बैंक से तत्‍काल संपर्क करना चाहिए और बैंक से कार्ड को ब्लॉक करने का अनुरोध करना चाहिए।

ये अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा केवल सूचना और सामान्य मार्गदर्शन उद्देश्यों के लिए जारी किए जाते हैं। उसके आधार पर की गई कार्रवाई और / या लिए गए निर्णयों के लिए बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। स्पष्टीकरण या व्याख्या के लिए, यदि कोई हो, तो बैंक द्वारा समय-समय पर जारी प्रासंगिक परिपत्रों और अधिसूचनाओं द्वारा निर्देशित हो सकते है।

उत्तर. उपहार पीपीआई की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

ए. ऐसे प्रत्येक पूर्वदत्त उपहार लिखत का अधिकतम मूल्य ₹10,000/- से अधिक नहीं होगा;

बी. ये पुनः लोड करने योग्य नहीं होंगे;

सी. कैश-आउट अथवा निधि अंतरण की अनुमति नहीं होगी। तथापि, पीपीआई धारक की सहमति प्राप्त करने के बाद निधि को 'स्रोत खाते को वापस' (वह खाता जहां से उपहार पीपीआई लोड किया गया था) अंतरित किया जा सकता है;

डी. पीपीआई धारक द्वारा अनुरोध किए जाने पर पुन: सत्यापित किया जाएगा (जिसमें नए लिखत जारी किए जाने के माध्यम से, शामिल है); तथा

ई. उपहार पीपीआई का उपयोग करने वाले लेनदेन के लिए प्रमाणीकरण का अतिरिक्त कारक (एएफए) / दो कारक प्रमाणीकरण (2एफए) अनिवार्य नहीं है।

उत्तर

बीएसबीडीए ग्राहकों को प्रदान की जाने वाली न्यूनतम सुविधाओं में चेक बुक सुविधा की परिकल्पना नहीं की जाती है। वे चेक बुक सुविधा सहित कोई भी अतिरिक्त सुविधा निःशुल्क प्रदान करने के लिए स्वतंत्र हैं (जिस स्थिति में खाता बीएसबीडीए रहता है) या अतिरिक्त सुविधाओं के लिए शुल्क (जिस स्थिति में खाता बीएसबीडीए नहीं है)।

विभिन्‍न उपलब्‍ध मात्रात्‍मक शर्तें निम्‍नानुसार हैं:-

  1. नार्मल (सामान्‍य): बाई डिफाल्‍ट राशि की प्रकृति नार्मल होगी। किसी नार्मल आर्डर की आंशिक रूप से ट्रेडिंग की जा सकेगी।

  2. डिस्‍क्‍लोज्‍ड: डिस्‍क्‍लोज्‍ड राशि आर्डर राशि का वह अंश है जिसे उपयोगकर्ता मार्केट को बताना चाहता है। यह एक वैकल्पिक फील्ड है।

  3. ऑल या एनओएन (एओएन): इस विकल्प को चुनने से कोई प्रयोगकर्ता यह स्‍पष्‍ट करता है कि वह आर्डर को संपूर्ण रूप में ट्रेड करना चाहता है अर्थात् किसी प्रकार की आंशिक ट्रेडिंग की अनुमति नहीं होगी। यह एक वैकल्पि‍क फील्‍ड है।

विभिन्‍न उपलब्‍ध समय शर्तें निम्‍नानुसार है:-

  1. डे (दैनिक): इस शर्त के तहत आर्डर, ट्रेडिंग सेशन की वैधता के दौरान पूरे समय वैध रहेगा। यह सेशन के बंद होने के समय तक उपलब्‍ध रहेगा। बाई डिफाल्ट समय शर्त में दैनिक का विकल्‍प सेलेक्‍ट (चुना हुआ) रहता है।

  2. आईओसी( तत्‍काल या रद्द): यदि कोई उपयोगकर्ता चाहता है कि उसका आर्डर तत्काल ट्रेड हो    जाय तो उसे आईओसी विकल्‍प चुनना होगा। इस शर्त के तहत आईओसी आर्डर दिए जाने पर  आर्डर की तुरंत मैचिंग प्राप्‍त की जाती है और इसके मिलने पर ट्रेडिंग पूरी हो जाती है अन्‍यथा आईओसी आर्डर रद्द हो जाता है।    

  3. जीटीटी (गूड टिल टाइम): यहाँ आर्डर देते समय यूज़र यह समय-सीमा बता सकेगा कि कब तक वह आर्डर वैध रहेगा और ट्रेड करने के लिए वह कब तक उपलब्‍ध होगा। ज्‍यों ही यूज़र द्वारा तय की गई आर्डर की समय-सीमा समाप्‍त हो जाती है त्‍यों ही वह आर्डर रद्द हो जाएगा।

  • वर्तमान वित्तीय वर्ष के द्वितीय छमाही में रिटेल निवेशकों के लिए विशिष्ट शृंखला शुरू की गई थी (लगभग अक्तूबर 2013 के पास)
Taking personal jewellery out of India is governed by Baggage Rules framed under Export-Import Policy by the Government of India. No approval of Reserve Bank is required in this case.
No. There is no value limit on the amount of individual transactions that can be collected by ECS Debit.
जब सरकारी प्रति‍भूति खो गई है, चोरी हो गई, नष्ट हो गई, वि‍कृत या वि‍रुपि‍त हो गई है, नकल जीपीएन या एससी जारी कराने हेतु सरकारी प्रतिभूति वि‍नि‍यमावली के विनियम 11 और 13 के अंतर्गत आवेदन करें ।

उत्तर: आरबीआई की वेबसाइट /hi/web/rbi/faq-page-2?ddm__keyword__26256231__FaqDetailPage2Title_en_US=Legal Entity Identifier (LEI) for Large Value Transactions in Centralised Payment Systems पर "केंद्रीकृत भुगतान प्रणालियों में बड़े मूल्य के लेनदेन के लिए कानूनी इकाई पहचानकर्ता (एलईआई)" पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न देखे जा सकते हैं।

At the time of making applications, the Promoters/Promoter Group will have to furnish a road map and methodologies they would adopt to comply with all the requirements of the corporate structure indicated in para 2 (C)(ii) and (iii) of the guidelines and realign the business between the entities to be held under the NOFHC [para 2(C)(iv) of the guidelines] within a period of 18 months. After the ‘in-principle approval’ is accorded by RBI for setting up of the bank, the actual setting up of NOFHC and the bank, re-organization of the Promoter Group entities to bring the regulated financial services entities under the NOFHC as well as realignment of business among the entities under the NOFHC have to be completed within a period of 18 months from the date of in-principle approval or before commencement of banking business, whichever is earlier.
  • आवेदन आरबीआई की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। हालांकि, बैंक भी फॉर्म को प्रिंट करके और ग्राहकों को उपलब्ध करा सकता है।

यदि मीयाद समाप्‍त होने से पहले निवेश राशि वापस लेनी हो तो निवेशक को चाहिए कि वह संबंधित बैंक/ एसएचसीआईएल कार्यालय/ डाकघर/ एजेंट से कूपन भुगतान की तारीख से तीस दिन पहले संपर्क करे। मीयाद समाप्‍त होने से पहले निवेश राशि तभी लौटाई जा सकती है जब निवेशक ने कूपन भुगतान की तारीख से कम से कम एक दिन पहले संबंधित बैंक/ डाक घर से संपर्क किया हो। बॉण्‍ड की राशि ग्राहक के उस खाते में जमा कर दी जाएगी जिसकी सूचना उसने बॉण्‍ड खरीदते समय दी थी।
SGL or CSGL are a demat form of holding government securities with the RBI. Just as an investor can hold shares in demat form with a depository participant, he can also hold government securities in an account with a bank or a PD. Securities kept on behalf of customers by banks or PDs are kept in a segregated CSGL A/c with the RBI. Thus, if the bank or the PD buys security for his client, it gets credited to the CSGL account of bank or PD with the RBI.
Proposals not covered by the conditions under the automatic route require the prior clearance of the regulatory authority for which a specific application in form ODI is required to be made to the Reserve Bank of India.
सभी मौजूदा 'नो-फ्रिल्‍स' खातों को परिपत्र की तारीख अर्थात् 17 अगस्‍त 2012 से बीएसबीडीए खाते माना जाए और परिपत्र के अनुसार मौजूदा नो-फ्रिल्‍स खाता धारकों को एटीएम कार्ड जारी करना आदि जैसी निर्धारित सुविधाएं ग्राहकों द्वारा जब कभी संपर्क किया जाये, बैंक द्वारा दी जा सकती हैं। तथापि, उन ग्राहकों, जो हमारा परिपत्र जारी होने के बाद नए खाते खोलते हैं, के लिए खाता खोलने के तुरंत बाद निर्धारित सुविधाएं उपलब्‍ध करायी जानी चाहिए।
उत्तर: मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड पर स्थित मैग्नेटिक स्ट्राइप पर कार्ड का डेटा स्टोर होता है जबकि ईएमवी चिप और पिन कार्ड में डेटा एक चिप में स्टोर होता है। मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड की तुलना में ईएमवी चिप और पिन कार्ड को अधिक सुरक्षित माना जाता है।

उत्तर. पीपीआई-एमटीएस की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

ए. ये पीपीआई एमटीएस परिचालकों द्वारा जारी किए जाते हैं;

बी. एमटीएस के अलावा, इन पीपीआई का उपयोग केवल उन व्यापारियों के पास किया सकता है जिनकी गतिविधियां ट्रांजिट सिस्टम के परिसर में की जाती हो अथवा उससे संबद्ध/संबंधित हो;

सी. इनकी प्रकृति पुनः लोड करने योग्य होती है;

डी. अधिकतम बकाया राशि किसी भी समय ₹3,000/- से अधिक नहीं हो सकती;

ई. कैश-आउट अथवा रिफंड अथवा निधि अंतरण की अनुमति नहीं है;

एफ. पीपीआई धारक द्वारा कभी भी अनुरोध किए जाने पर पुन: सत्यापित किया जाएगा (जिसमें नए लिखत जारी करने के माध्यम से, शामिल है); तथा

जी. ऐसे पीपीआई के उपयोग से होने वाले लेनदेनों के लिए एएफए / 2एफए अनिवार्य नहीं है।

Ans : The Reserve Bank of India has deregulated the charges to be levied by sponsor banks from user institutions. The sponsor banks are, however, required to disclose the charges in a transparent manner. With effect from 1st July 2011, originating banks are required to pay a nominal charge of 25 paise and 50 paise per transaction to the Clearing house and destination bank respectively. Bank branches do not generally levy processing / service charges for debiting the accounts of customers maintained with them.

यह बॉण्‍ड रिश्‍तेदार/ मित्र/ किसी भी व्‍यक्ति को उपहार स्‍वरूप या उसके नाम अंतरित किया जा सकता है बशर्ते वे (प्रश्‍न क्रमांक 4 में दी गई) पात्रता शर्तों को पूरा करते हों। बॉण्‍ड का अंतरण सरकारी प्रतिभूति अधिनियम 2006 और सरकारी प्रतिभूति विनियम 2007 के अनुसार मीयाद समाप्‍त होने से पहले किया जा सकेगा। यह कार्य एक अंतरण लिखत के माध्‍यम से होगा जो जारीकर्ता एजेंट के पास उपलब्‍ध रहता है।

हां । सरकारी प्रति‍भूति, सरकारी प्रतिभूति विनियमावली मे दी गई शर्तो और नियमो के अधीन, एक प्रकार की धारिता से दूसरे प्रकार की धारि‍ता मे रूपांतरण तथा समेकन, उपवि‍भाजन, नवीकरण के लि‍ए, पात्र है ।

उत्तर

सभी मौजूदा 'नो-फ्रिल' खातों को परिपत्र के जारी होने की तारीख से अर्थात 22 अगस्त 2012 से बीएसबीडीए खातों के रूप में माना जा सकता है। और जब ग्राहक बैंक से संपर्क करता है तो बैंक मौजूदा 'नो-फ्रिल' खाताधारकों को परिपत्र के अनुसार निर्धारित सुविधाएं जैसे एटीएम कार्ड आदि जारी कर सकते हैं। हालांकि, हमारे परिपत्र के जारी होने के बाद नए खाते खोलने वाले ग्राहकों के लिए खाता खोलते ही तुरंत निर्धारित सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए।

  • रिटेल निवेशकों के लिए आईआईबी की शृंखला के उत्पाद ढांचा को अभी अंतिम रूप देना बाकी है। यह नियत समय पर तय किया जाएगा और उक्त को सर्वजनिल डोमेन में रखा जाएगा।
A person resident in India is free to make any payment in Indian Rupees towards meeting expenses on account of boarding, lodging and services related thereto or travel to and from and within India of a person resident outside India who is on a visit to India.

ये अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा केवल सूचना और सामान्य मार्गदर्शन उद्देश्यों के लिए जारी किए जाते हैं। उसके आधार पर की गई कार्रवाई और/या लिए गए निर्णयों के लिए बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। स्पष्टीकरण या व्याख्या के लिए, यदि कोई हो, तो बैंक द्वारा समय-समय पर जारी प्रासंगिक परिपत्रों और अधिसूचनाओं द्वारा निर्देशित हो सकते है।

The Reserve Bank of India has deregulated the charges to be levied by sponsor banks from user institutions. The sponsor banks are, however, required to disclose the charges in a transparent manner. With effect from 1st July 2011, originating banks are required to pay a nominal charge of 25 paise and 50 paise per transaction to the Clearing house and destination bank respectively. Bank branches do not generally levy processing / service charges for debiting the accounts of customers maintained with them.
सीजी और एसजी प्राइज़-टाइम प्रियारिटी के आधार पर मैच किए जाते हैं तथा टी बिल्‍स ईल्‍ड टाइम प्रियारिटी के आधार पर मैच करता है। सीजी/एसजी में दिए जाने वाले बिड का किसी ऑफर से मैच होने के लिए यह ज़रूरी है उस बिड का मूल्‍य ऑफर के मूल्‍य के बराबर हो या उससे अधिक हो। सीजी/एसजी में किसी ऑफर का, बिड के साथ मैच होने के लिए, ऑफर का मूल्‍य ऑफर के मूल्‍य के बराबर हो या उससे अधिक हो। टी-बिल्‍स के मामले में बिड ईल्‍ड ऑफर ईल्‍ड के बराबर हो या उससे कम हो तथा ऑफर के लिए इसकी विपरीत स्थिति हो। एक समान मूल्‍य/ईल्‍ड की स्थिति में सिस्‍टम में पहले आने वाले ऑर्डर को प्राथमिकता दी जाएगी।
At the time of making applications, the Promoters/Promoter Group will have to furnish a road map and methodologies they would adopt to comply with all the requirements of the corporate structure indicated in para 2 (C)(ii) and (iii) of the guidelines and realign the business between the entities to be held under the NOFHC [para 2(C)(iv) of the guidelines] within a period of 18 months. After the ‘in-principle approval’ is accorded by RBI for setting up of the bank, the actual setting up of NOFHC and the bank, re-organization of the Promoter Group entities to bring the regulated financial services entities under the NOFHC as well as realignment of business among the entities under the NOFHC have to be completed within a period of 18 months from the date of in-principle approval or before commencement of banking business, whichever is earlier.
बैंक अपने-अपने संबंधित बोर्डों के अनुमोदन से 2 लाख रुपये से अधिक ऋण सीमा के लिए आधारभूत मूल उधार दर (बीपीएलआर) निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं। बीपीएलआर घोषित की जानी चाहिए तथा सभी शाखाओं के लिए इसे समान रूप में लागू किया जाना चाहिए। जमा तथा अग्रिमों पर ब्याज दर निर्धारित करने के लिए बैंक अपनी आस्ति-देयता प्रबंधन समिति (एएलसीओ) को प्राधिकृत कर सकते हैं, बशर्ते वे इसके बाद तुंत अपने बोर्ड को सूचित करें। बैंकों को एएलसीओ/बोर्ड के अनुमोदन से सभी अग्रिमों के लिए बीपीएलआर के ऊपर अधिकतम स्प्रेड भी घोषित करना चाहिए।

मध्यवर्ती एजेंसियों की निदर्शी सूची निम्नानुसार है ;

1. कमजोर वर्गों@ को आगे उधार देने के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित संगठन

2. कृषि निविष्टियां/उपकरणों के वितरक

3. कमजोर वर्गों को ऋण प्रदान करने का कार्य करने की सीमा तक राज्य वित्तीय निगम (एसएफसी)/राज्य औद्योगिक विकास निगम (एसआइडीसी)

4. राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआइसी)

5. खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआइसी)

6. विकेंद्रित क्षेत्र को सहायता देने में लगी एजेंसियां

7. आवास और शहरी विकास निगम लि. (हुडको)

8. पुनर्वित्त के लिए राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) द्वारा अनुमोदित आवास वित्त कंपनियां

9. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित संगठन (इन संगठनों के लाभार्थियों की निविष्टियों की खरीद तथा आपूर्ति और उत्पाद के विपणन के लिए)

10. स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) को उधार देने के लिए माइक्रो वित्त संस्थाएं/गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ)

@प्राथमिकता क्षेत्र में ‘कमजोर वर्ग’ में निम्नलिखित शामिल हैं :

i. 5 एक? तथा उससे कम जोत वाले छोटे तथा सीमांत किसान, भूमिहीन मजदूर, काश्तकार और बंटाईदार

ii. कारीगर, ग्राम और कुटीर उद्योग जहां व्यक्तिगत ऋण आवश्यकता रु. 25000/- से अधिक न हो ;

iii. छोटे और सीमांत किसान, बंटाईदार, कृषि तथा गैर-कृषि मजदूर, ग्रामीण कारीगर और गरीबी रेखा के नीचे रहनेवाले परिवार लाभार्थी हैं ? पारिवारिक आय वार्षिक रु. 11,000/- से अधिक नहीं होनी चाहिए ।

iv. अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां

v. लाभार्थी वे व्यक्ति हैं जिनकी सभी स्रोतों से पारिवारिक आय शहरी और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में वार्षिक रु.7200/- अथवा ग्रामीण क्षेत्रों में वार्षिक रु.6400/- से अधिक नहीं है। उनके पास भू-स्वामित्व नहीं होना चाहिए अथवा उनके भूखंड का आकार सिंचित भूमि के मामले में एक एक? से अधिक नहीं होना चाहिए और असिंचित भूमि के मामले में 2.5 एक? से अधिक नहीं होना चाहिए (अनुसूचित जाति / जनजाति के लिए भूमि धारिता संबंधी मानदंड लागू नहीं होंगे)।

vi. सफाई कर्मचारी मुक्ति और पुनर्वास योजना (एसएलआरएस) के तहत लाभार्थी

vii. ग्रामीण गरीबों तक पहुंचने के लिए स्व-सहायता समूहों को मंजूर अग्रिम।

An application for direct investment in a JV/WOS may be made in form ODI to:The Chief General Manager,Overseas Investment Division,Exchange Control Department,Reserve Bank of India, Central Office,Amar Building, Sir P.M.Road,Mumbai 400 001.
जी हां, ऐसे ग्राहकों को अपनी सहमति लिखित रूप में देनी चाहिए और उन्‍हें बीएसबीडीए में उपलब्‍ध सेवाओं की विशेषताओं और परिमाण की जानकारी दी जानी चाहिए।
उत्तर: बैंकों को यह अनुदेश दिया गया है कि वे 31 दिसंबर 2018 से पहले सभी विद्यमान मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्डों को ईएमवी चिप और पिन कार्ड में बदल दें। यदि कार्ड धारक ने अपने मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड को बदलकर ईएमवी चिप और पिन कार्ड नहीं लिया है तो उसे अपने कार्ड को बदलने के लिए तुरंत अपनी बैंक शाखा से संपर्क करना चाहिए।

उत्तर. केवाईसी का अर्थ एमडी-पीपीआई के पैरा 6 में दी गई परिभाषा के अनुसार है। आरबीआई के विनियमन विभाग (डीओआर) द्वारा "मास्टर निदेश - अपने ग्राहक को जानिए निदेश, 2016" में जारी केवाईसी/धन-शोधन निवारण (एएमएल)/आतंकवाद के लिए वित्तपोषण का मुकाबला (सीएफटी) करने संबंधी दिशानिर्देश अन्य बातों के साथ साथ पीपीआई जारी करने वाली सभी संस्थाओं पर लागू होंगे।

हां, इन प्रतिभूतियों का उपयोग बैंकों, वित्‍तीय संस्‍थानों तथा गैर-बैंकिंग वित्‍तीय संस्‍थानों से ऋण लेने के लिए जमानत के रूप में किया जा सकता है। ऋण और मूल्‍य का अनुपात वही होगा जो सामान्‍य स्‍वर्ण ऋण के मामले में रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी निदेशानुसार होता है। राष्ट्रिक बॉण्‍ड पर ऋण देना बैंक / वित्त पोषण एजेंसी के निर्णय के अधीन होगा,और अधिकार के रूप में नहीं लिया जा सकता ।
हां । सरकारी प्रति‍भूति‍यां पात्रता के अधीन ब्याज और मूल के लि‍ए अलग - अलग स्ट्रीप एवं पुर्नगठि‍त की जा सकती है ।
एनडीएस-ओएम सिस्‍टम में यह देखा जाता है कि जीएएच द्वारा दिए जाने वाले आर्डर प्राइमरी मेंबर द्वारा दिए जाने वाले आर्डर से मैच न करें। इसी प्रकार, एक ही प्राइमरी मेंबर के दो जीएएच द्वारा दिए जाने वाले आर्डर भी मैच न करें।
  • नियत आय मनी मार्केट और डिरेटिव एसोसियेशन ऑफ इंडिया (फिमडा) शीघ्र ही मूल्यांकन दिशानिर्देश जारी करेंगे।

Residents may book their tickets in India for their visit to any third country. That is residents can book their tickets for travel for instance to London/New York through domestic/foreign airlines in India itself.
At the time of making applications, the Promoters/Promoter Group will have to furnish a road map and methodologies they would adopt to comply with all the requirements of the corporate structure indicated in para 2 (C)(ii) and (iii) of the guidelines and realign the business between the entities to be held under the NOFHC [para 2(C)(iv) of the guidelines] within a period of 18 months. After the ‘in-principle approval’ is accorded by RBI for setting up of the bank, the actual setting up of NOFHC and the bank, re-organization of the Promoter Group entities to bring the regulated financial services entities under the NOFHC as well as realignment of business among the entities under the NOFHC have to be completed within a period of 18 months from the date of in-principle approval or before commencement of banking business, whichever is earlier.
No. It will not be mandatory for the retail investor to maintain a constituent subsidiary general ledger (CSGL) account with a bank or a primary dealer (PD) through whom it proposes to participate in the auction. It will, however, be convenient for the investor to have such an account.

उत्तर

हाँ। ऐसे ग्राहकों को अपनी सहमति लिखित रूप में देनी होगी और उन्हें बीएसबीडीए में उपलब्ध सुविधाओं और सेवाओं की सीमा के बारे में सूचित किया जाना चाहिए।

Yes, the PD/ bank through whom the application is made must clearly indicate such mode of crediting the securities.

हां : बैंक निम्नलिखित ऋणों के मामले में आधारभूत मूल उधार दर के संदर्भ के बगैर ब्याज दर का निर्धारण कर सकते हैं चाहे ऋण की राशि कितनी भी क्यों न हों :

(i) क. टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद के लिए ऋण

ख. शेयरों और डिबेंचरों / बांडों की जमानत पर व्यक्तियों को ऋण

ग. प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र से इतर अन्य वैयक्तिक ऋण

घ. बैंक के पास रखी देशी / अनिवासी /विदेशी मुद्रा अनिवासी रुपया (बैंक) जमाराशियों की जमानत पर अग्रिम / ओवर ड्राफ्ट, बशर्ते उक्त जमाराशि (याँ) या तो उधारकर्ता / उधारकर्ताओं के अपने नाम (मों) पर हो /हों अथवा अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त रूप से उधारकर्ता के नामों पर हो /हों।

? मध्यवर्ती एजेन्सियों (आवास संबंधी एजेन्सियों को छो?कर)को दिया गया वित्त जो आगे अंतिम लाभार्थियों तथा निविष्टि आधार प्रदान करने वाली एजेन्सियों को उधार देती हैं।

च. अंतिम लाभार्थी को उधार देने के लिए आवास वित्त मध्यवर्ती एजेन्सियों को दिया गया वित्त

?. बिलों की बट्टे पर भुनाई

ज. चयनात्मक ऋण नियंत्रण के अधीन पण्यों की जमानत पर ऋण /अग्रिम /नकदी ऋण/ ओवर ड्राफ्ट

(ii)

मीयादी उधार देनेवाली संस्थाओं की ब्याज पुनर्वित्त पोषण योजनाओं में सहभागिता के अंतर्गत आनेवाले ऋण

बैंक आधारभूत मूल उधार दर के संदर्भ के बगैर पुनर्वित्त पोषण करनेवाली एजेन्सियों की शर्तों के अनुसार दरें लगाने के लिए स्वंतत्र हैं।

Requests under the normal route are considered by taking into account the prima facie viability of the proposal, business track record of the promoters, experience and expertise of the promoters, benefits to the country, etc.

These FAQs are issued by the Reserve Bank of India (hereinafter referred to as “Bank”) for information and general guidance purposes only. The Bank will not be held responsible for actions taken and / or decisions made on the basis of the same. For clarifications or interpretations, if any, one may be guided by the relevant circulars, guidelines and notifications issued from time to time by the Bank.

उत्तर. पीपीआई की शेष राशियों पर कोई ब्याज देय नहीं है।
आयकर अधिनियम, 1961 (1961 का 43) के अनुसार इस बॉण्‍ड के ब्‍याज पर आयकर लागू होगा। एक व्यक्ति द्वारा एसजीबी का रिडेम्प्शन करते समय उसे पूंजीगत लाभ कर से छूट प्राप्त है। किसी व्यक्ति द्वारा बॉण्‍ड का अंतरण करते समय उत्पन्न दीर्घावधि पूंजीगत लाभ के संदर्भ में इंडक्सेशन लाभ दिया जाएगा।
STRIPS' सेपरेट ट्रेडिंग ऑफ रजि‍स्टर्ड इंन्ट्रेस्ट एंड प्रि‍सिंपल और सि‍क्यूरि‍टीज " का छोटा रुप है और मूलत: " जीरो कूपन " प्रति‍भूति है, इसमे नि‍वेशक को परि‍पक्वता पर ही भुगतान मि‍लता है । स्ट्रि‍प्स में नि‍वेशक को, पात्र प्रति‍भूति‍यों की विविध अवधि के लि‍ए अलग से ब्याज एवं मूल को धारण करने एवं व्यापार करने की सुवि‍धा है । ये ऐसे नि‍वेशकों की पसंद है, जो भवि‍ष्य की वि‍शि‍ष्ठ तारीख को विशिष्ट भुगतान प्राप्ति एवं चाही गई परि‍पक्वता की प्रति‍भूति‍यों को धारण करना पसंद करते है ।
प्राइमरी मेंबर को जीएएच के किसी बकाया आर्डर को रद्द/होल्‍ड करने का अधिकार है। उदाहरणार्थ, जीएएच के यहाँ कोई कनेक्टिविटी का मुद्दा उठ खड़ा होने पर जीएएच प्राइमरी मेंबर से अपने आर्डर को रद्द या होल्‍ड करने को कह सकता है। प्राइमरी मेंबर के पास होल्‍ड किए जाने वाले आर्डरों को वही प्राइमरी मेंबर रिलीज़ कर सकता है। जीएएच द्वारा दिए जाने वाले आर्डरों में प्राइमरी मेंबर द्वारा बदलाव नहीं किया जा सकता। एनडीएस-ओएम वेब माड्यूल पर संपन्‍न ट्रेड को रद्द नहीं किया जा सकता।
Persons resident in India are permitted to maintain foreign currency accounts in India under following two Schemes: EEFC Accounts:- To avoid exchange loss on conversion of foreign exchange into Indian Rupee & Rupee into foreign exchange, residents can retain upto 50% of foreign currency remittances received from abroad in a foreign currency account, viz., EEFC account, with an authorised dealer in India. Funds held in EEFC account can be utilised for current account transactions and also for approved capital account transactions as specified by the extant Rules/Regulations/Notifications/Directives issued by the Government/RBI from time to time. RFC Accounts :- Returning Indians, i.e., those Indians, who were non-residents earlier, and are returning now for permanent stay, are permitted to open, hold and maintain with an authorised dealer in India a Resident Foreign Currency (RFC) Account to keep their foreign currency assets. Assets held outside India at the time of return can be credited to such accounts. The foreign exchange (i) received or acquired as gift or inheritance from a person referred to sub-section (4) of section 6 of FEMA,1999 or (ii) referred to in clause (c) of section 9 of the Act or acquired as gift or inheritance therefrom may also be credited to this account. The funds in RFC account are free from all restrictions regarding utilisation of foreign currency balances including any restriction on investment outside India. The facility is also available to residents provided foreign exchange to be credited to such account is received out of certain specified type of funds/accounts. c. RFC (Domestic)Account:- A person resident in India can open, hold and maintain with an authorized dealer in India, a Resident Foreign Currency (Domestic) Account, out of foreign exchange acquired in the form of currency notes, Bank notes and travellers cheques from any of the sources like, payment for services rendered abroad, as honorarium, gift, services rendered or in settlement of any lawful obligation from any person not resident in India. The account may also be credited with/opened out of foreign exchange earned like proceeds of export of goods and/or services, royalty, honorarium, etc., and/or gifts received from close relatives (as defined in the Companies Act) and repatriated to India through normal banking channels by resident individuals.
At the time of making applications, the Promoters/Promoter Group will have to furnish a road map and methodologies they would adopt to comply with all the requirements of the corporate structure indicated in para 2 (C)(ii) and (iii) of the guidelines and realign the business between the entities to be held under the NOFHC [para 2(C)(iv) of the guidelines] within a period of 18 months. After the ‘in-principle approval’ is accorded by RBI for setting up of the bank, the actual setting up of NOFHC and the bank, re-organization of the Promoter Group entities to bring the regulated financial services entities under the NOFHC as well as realignment of business among the entities under the NOFHC have to be completed within a period of 18 months from the date of in-principle approval or before commencement of banking business, whichever is earlier.
Yes. At the instance of the investor, subsequent conversion to the physical form is allowed.
नहीं। चूंकि सभी उधार दरें मीयादी प्रीमियमों और / अथवा जोखिम प्रीमियमों को ध्यान में रखते हुए आधारभूत मूल उधार दर के संदर्भ में निर्धारित की जा सकती हैं, अत: बहुविध आधारभूत मूल उधार दरों की आवश्यकता नहीं है। ये प्रीमियम संबंधित आधारभूत मूल उधार दर से अधिक अथवा कम के अंतर (स्प्रेड) के रूप में रखे जा सकते हैं।
Proposals under the normal route are approved by the Special Committee on Indian Direct Investment Abroad, which consists of the representatives of the Ministry of Finance, Ministry of External Affairs and Ministry of Commerce of the Government of India and the Reserve Bank of India.
उत्तर. पीपीआई को कार्ड, वॉलेट और ऐसे किसी भी रूप में / लिखत के रूप में जारी किया जा सकता है जिसका उपयोग पीपीआई तक पहुंच स्थापित करने और उसमें पड़ी राशि का उपयोग करने के लिए किया जा सकता है। पेपर वाउचर के रूप में पीपीआई जारी नहीं किए जा सकते।
इस बॉण्‍ड पर टीडीएस लागू नहीं है। तथापि बॉण्‍ड धारक की यह जिम्मेदारी होगी कि वह कर संबंधी कानून का पालन करे।
चूँकि प्राइमरी मेंबर जीएएच द्वारा एनडीएस-ओएम वेब आधारित माड्यूल पर किए गए ट्रेड के निपटारे के लिए जि़म्‍मेदार है, इसलिए वह जीएएच द्वारा दिए गए आर्डरों और उसके द्वारा किए जाने वाले ट्रेडों को देख सकता है।
In terms of sub-section 4, of Section (6) of the Foreign Exchange Management Act, 1999, a person resident in India is free to hold, own, transfer or invest in foreign currency, foreign security or any immovable property situated outside India if such currency, security or property was acquired, held or owned by such person when he was resident outside India or inherited from a person who was resident outside India. (Please also refer to the Liberalised Remittance Facility of USD 25,000 discussed below).
हां। सरकारी प्रति‍भूति के नवीनीकरण, कनवर्शन, सब-डि‍वीजन के लि‍ए बीस रूपए और डुप्लीकेट सरकारी प्रति‍भूति के लि‍ए एक सौ रुपयो का भुगतान करना होता है । हालांकि जीपीएन को एससी एवं एसजीएल /सीएसजीएल और एससी कों एसजीएल /सीएसजीएल में कनवर्शन एवं जीपीएल के पीछे इन्ट्रेस्ट केज भरने पर और एससी के पीछे ट्रान्सफर एण्डोर्सेमेंट केज भरने पर कोई शुल्क नही लगता है ।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

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