Application Tracking System (ATS)
Yes. ATS is also available for all applications / letters, etc. submitted physically at the counters of RBI or received through post/courier, provided a valid email id is given in the document. Receipt of all such applications as also its disposal will be advised to the applicant through email.
Additionally, the status of such applications can also be tracked through the ATS number and the password sent to the valid email id of the applicant.
जीएएच (https://www.ndsind.com) यूआरएल के माध्यम से ट्रेडिंग प्लेटफार्म का एक्सेस प्राप्त करता है। यह वेब पर आधारित एनडीएस-ओएम तथा वेब पर आधारित नीलामियों का एक सांझा यूआरएल है। यूआरएल में लाग-इन के बाद जीएएच उपयोगकर्ताओं को विकल्प में एनडीएस-ओएम सिलेक्ट करना होता है। जीएएच की ओर से, प्राथमिक सदस्य सीसीआइएल से लाग-इन/पासवर्ड और आइडीआरबीटी से डिजिटल प्रमाणपत्र की व्यवस्था करेगा।
उत्तर : i) अनुमत चालू खातेगत लेनदेन [विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) नियमावली, 2000 के उपबंधों के अनुसार)] तथा अनुमत पूँजी खातेगत लेनदेन [विदेशी मुद्रा प्रबंध (अनुमत पूँजी खाता लेनदेन) नियमावली, 2000 के उपबंधों के अनुसार)] के लिए भारत से बाहर किए गए भुगतान।
ii) 100 प्रतिशत निर्यातोन्मुख इकाई अथवा (ए) निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र अथवा (बी) सॉफ्टवेयर टेक्नॉलॉजी पार्क अथवा (सी) इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेअर टेक्नॉलॉजी पार्क की ईकाई से खरीदी गयी वस्तुओं की लागत के लिए विदेशी मुद्रा में किये गये भुगतान।
iii) भारत सरकार की उस समय प्रचलित विदेश व्यापार नीति के उपबंधों के अनुसार सीमा शुल्क का भुगतान ।
iv) विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना और उधार देना) नियमावली, 2000 के अनुपालन की शर्त पर इस प्रकार का खाता धारित करने वाले निर्यातक द्वारा भारत से बाहर के उसके आयातक ग्राहक को प्रदान किए गए व्यापार संबद्ध ऋण/अग्रिम।
v) भारत के निवासी व्यक्ति को माल/ सेवाओं की आपूर्ति, जिसमें हवाई शुल्क और होटल व्यय का भुगतान शामिल है, के लिए विदेशी मुद्रा में किए गए भुगतान ।
उत्तर. लघु पीपीआई दो प्रकार के हो सकते हैं:
ए. ₹10,000/- तक के पीपीआई (नकद लोडिंग की सुविधा के साथ)। इन पीपीआई को 24 महीने के भीतर पूर्ण-केवाईसी पीपीआई में परिवर्तित करना होगा।
बी. ₹10,000/- तक के पीपीआई (नकद लोडिंग सुविधा के बिना)।
उत्तर. आईएफएससी नंबर प्रेषक (ग्राहक) द्वारा अपनी बैंक शाखा से प्राप्त किया जा सकता है। वैकल्पिक रूप से, यह लाभार्थी के चेक पत्र पर उपलब्ध है। यह कोड संख्या / बैंक शाखा की जानकारी लाभार्थी द्वारा प्रेषित ग्राहक को भेजी जा सकती है। आईएफएससी की सूची आरबीआई की वेबसाइट https://rbi.org.in/Scripts/Bs_viewRTGS.aspx?Category=5 पर भी उपलब्ध है। सूची को पाक्षिक आधार पर अद्यतन किया जाता है।
Ans : Yes. In case the information / account particulars contained in the mandate undergo any change, the beneficiary has to notify the changes to the User Institution so that the correct information can be incorporated in its records. This will ensure that transactions do not get rejected at the beneficiary’s bank branch due to inconsistencies/ mismatch in the data sent by the user institution.
उत्तर: एनईएफटी प्रणाली के माध्यम से आउटबाउंड प्रेषण केवल भारत-नेपाल प्रेषण सुविधा (आईएनआरएफ) योजना के तहत नेपाल को ही अनुमति है। इस योजना के तहत, प्रेषक भारत में किसी भी एनईएफटी-सक्षम बैंक शाखाओं से नेपाल में धनराशि स्थानांतरित कर सकता है, भले ही नेपाल में लाभार्थी का नेपाल में बैंक शाखा में खाता हो या नहीं। लाभार्थी को नेपाली रुपये में धन प्राप्त होगा। आईएनआरएफ योजना का विवरण आरबीआई की वेबसाइट /hi/web/rbi/faq-page-2?ddm__keyword__26256231__FaqDetailPage2Title_en_US=Indo-Nepal Remittance Facility scheme पर उपलब्ध है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022