बचत बैंक जमा खाता (बीएसबीडीए) – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (आरआरबी/एसटीसीबी/डीसीसीबी)
उत्तर. 01 जुलाई 2019 से, आरबीआई ने आरटीजीएस लेनदेन के लिए अपने द्वारा लगाए गए प्रसंस्करण शुल्क को माफ कर दिया है। बैंक अपने ग्राहकों को यह लाभ दे सकते हैं।
आरटीजीएस प्रणाली के माध्यम से धन हस्तांतरण की पेशकश के लिए बैंकों द्वारा लगाए गए सेवा शुल्क को युक्तिसंगत बनाने की दृष्टि से, शुल्कों का एक व्यापक ढांचा निम्नानुसार अनिवार्य किया गया है:
अ) आवक लेनदेन - नि: शुल्क, कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा।
ब) बाहरी लेनदेन - ₹ 2,00,000/- से ₹ 5,00,000/-: ₹ 25/- से अधिक नहीं (कर को छोड़कर, यदि कोई हो)
₹ 5,00,000/- से अधिक: ₹ 50 से अधिक नहीं (कर को छोड़कर, यदि कोई हो)
बैंक कम दर चार्ज करने का निर्णय ले सकते हैं लेकिन आरबीआई द्वारा निर्धारित दरों से अधिक शुल्क नहीं ले सकते।
One can file a complaint with the NBFC Ombudsman by writing on a plain paper and sending it to the concerned office of the NBFC Ombudsman by post/fax/hand delivery. One can also file it by email to the NBFC Ombudsman.
A complaint form along with the scheme is also available on RBI's website, though, it is not mandatory to use this format.
आवेदन पत्र जारीकर्ता बैंक/ एसएचसीआईएल कार्यालय/ चुनिंदा डाकघरों/ एजेंटों द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे। भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट से भी यह फार्म डाउनलोड किया जा सकता है। बैंक ऑनलाइन आवेदनपत्र भरने की सुविधा भी दे सकते हैं।
उत्तर: एक फैक्टरिंग यूनिट (एफयू) एक मानक नामकरण है जिसका उपयोग ट्रेड्स में इन्वॉइस (इन्वॉइसेज़) अथवा बिल (बिल्स) ऑफ एक्सचेंज के लिए किया जाता है। प्रत्येक एफ़यू, सरकारी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों सहित कॉर्पोरेट अथवा अन्य खरीदारों की स्थायी बाध्यता दर्शाता है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022