निवासी व्यष्टि के विदेशी मुद्रा खाते
उत्तर: कोई निवासी व्यष्टि निम्नलिखित मामलों में भारत से बाहर किसी बैंक में विदेशी मुद्रा खाता खोल सकता है:
1) कोई निवासी छात्र जो विदेश में अध्ययन हेतु वहाँ रहने गया हो,ऐसे मामलों में इन खातों में भारत से किए जाने वाले सभी निक्षेप फेमा और उसके तहत बनाए गए नियमों और विनियमों के अनुसार किए जाने चाहिए। पढ़ाई पूरी करने के बाद उस छात्र के भारत लौटने पर, ऐसे खाते को उदारीकृत विप्रेषण योजना (LRS) के तहत खोला गया खाता माना जाएगा।
2) कोई निवासी यदि निश्चित अवधि के लिए विदेश में रहने के उद्देश्य से विदेश यात्रा पर गया हो, ऐसे मामलों में खाताधारक के भारत लौटने पर खाते में शेष राशि भारत में संप्रत्यावर्तित की जाएगी।
3) किसी प्रदर्शनी / व्यापार मेले में भाग लेने के लिए विदेश गया कोई व्यक्ति वहाँ अपने माल की बिक्री से प्राप्त हुई आय को जमा करने हेतु खाता खोल सकता है। ऐसी प्रदर्शनी/ व्यापार मेले के बंद होने की तिथि से एक माह के भीतर शेष राशि भारत में संप्रत्यावर्तित कर दी जाए।
4) निम्नलिखित व्यक्ति भारत में उसे देय अपना संपूर्ण वेतन विप्रेषित करने/ प्राप्त करने के लिए खाता खोल सकता है:
(ए) भारत में निवासी कोई विदेशी नागरिक, जो किसी विदेशी कंपनी का कर्मचारी है और भारत में उस कंपनी के कार्यालय/ शाखा/ अनुषंगी/ संयुक्त उद्यम/ समूह कंपनी में प्रतिनियुक्ति पर है;
(बी) कोई ऐसा व्यक्ति जो भारतीय नागरिक है और किसी विदेशी कंपनी का कर्मचारी है और भारत में उस कंपनी के कार्यालय / शाखा / अनुषंगी / संयुक्त उद्यम / समूह कंपनी में प्रतिनियुक्ति पर है; तथा
(सी) कोई विदेशी नागरिक, जो भारत में निवासी है और किसी भारतीय कंपनी में कार्यरत है।
5) उदारीकृत विप्रेषण योजना के तहत राशि विप्रेषित करने के लिए ।
अधिकांश देशों की तरह, भारत में बैंकों को भी चेकों के संग्रहण से संबंधित अपनी व्यक्तिगत नीति/प्रक्रियाओं को विकसित करने की आवश्यकता होती है। ग्राहक बैंक के दायित्वों और ग्राहकों के अधिकारों पर बैंक से देय प्रकटीकरण प्राप्त करने का हकदार है।
मोटे तौर पर, बैंकों द्वारा बनाई गई नीतियों में निम्नलिखित क्षेत्रों को शामिल किया जाना चाहिए:
स्थानीय/बाहरी चेकों के लिए तत्काल क्रेडिट, स्थानीय/बाहरी लिखतों की वसूली के लिए समय सीमा और विलंबित वसूली के लिए देय मुआवजा।
विभिन्न बैंकों के संबंधित सीसीपी बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए हैं।
बैंक स्वयं द्वारा निर्धारित मानकों का पालन न करने के लिए देरी के कारण मुआवजे/ब्याज भुगतान के माध्यम से ग्राहकों को अपनी देयता का खुलासा करने के लिए बाध्य हैं। ग्राहक को मुआवजा/ब्याज का भुगतान दिया जाना चाहिए, भले ही इस के लिए कोई औपचारिक दावा दर्ज न किया गया हो।
जीएएच की ओर से, प्राथमिक सदस्य द्वारा सीसीआइएल को एक एक्सेस रिक्वेस्ट फार्म प्रस्तुत करना होता है। यह अनुरोध औपचारिक तौर पर रिज़र्व बैंक को संबोधित किया जाएगा। लेकिन, सीसीआइएल को सीधे ही प्राथमिक सदस्य से प्राप्त एक्सेस रिक्वेस्ट फार्म को प्राप्त करने और उस पर कार्रवाई करने के लिए प्राधिकृत किया गया है। इस बारे में विस्तृत जानकारी अनुबंध-1 में दी गयी है।
उत्तर: आईडीएफ-एमएफ को प्रायोजित करने के इच्छुक एनबीएफसी को निम्नलिखित आवश्यकताओं का पालन करना आवश्यक है:
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एनबीएफसी के पास 300 करोड़ रुपये का न्यूनतम निवल स्वाधिकृत फंड (एनओएफ) होना चाहिए; और जोखिम भारित आस्तियों के लिए पूंजी (सीआरएआर) 15%;
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इसका निवल एनपीए निवल अग्रिम के 3% से कम होना चाहिए;
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यह कम से कम 5 साल के लिए अस्तित्व में होना चाहिए था;
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इसे पिछले तीन वर्षों से लाभ अर्जित करना चाहिए और इसका प्रदर्शन संतोषजनक होना चाहिए;
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आईडीएफ-एमएफ में निवेश के बाद एनबीएफसी का सीआरएआर इसके लिए निर्धारित विनियामक न्यूनतम से कम नहीं होना चाहिए;
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एनबीएफसी को प्रस्तावित आईडीएफ में निवेश के लिए लेखांकन के बाद एनओएफ के आवश्यक स्तर को बनाए रखना जारी रखना चाहिए और
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एनबीएफसी के संबंध में कोई पर्यवेक्षी चिंता नहीं होनी चाहिए
उत्तर : नहीं । विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाईयां विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता नहीं खोल सकती हैं। तथापि दिनांक 21 जनवरी 2016 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवास करने वाले व्यक्ति के विदेशी मुद्रा खाते) विनियमावली, 2016 के विनियम-4 (डी) में निर्धारित शर्तों के अधीन विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थित कोई इकाई भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी के पास विदेशी मुद्रा खाता खोल सकती है।
उत्तर: नकदी निकालने के अलावा एटीएम/डबल्यूएलए ग्राहकों को कई अन्य सेवाएं/सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं। इनमें से कुछ सेवाएँ निम्नलिखित हैं:
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खाता संबंधी जानकारी
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नकद जमा (डबल्यूएलए में नकदी जमा को स्वीकार करने की अनुमति नहीं है)
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नियमित बिल भुगतान (डबल्यूएलए में अनुमति नहीं है)
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मोबाइलों के लिये रीलोड वाउचरों की खरीद (डबल्यूएलए में अनुमति नहीं है)
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छोटा / लघु विवरण
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पिन परिवर्तन
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चेक बुक के लिए अनुरोध
पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले सभी ऋण, जब तक कि समाधान ढांचे के अनुबंध के पैरा 2 के विशिष्ट अपवर्जन सूची मे शामिल नहीं हैं, उक्त क्र सं 2 के स्पष्टीकरण के तहत समाधान ढांचे के दायरे के अधीन होंगे। ये ऋण, यदि समाधान ढांचे के अनुबंध के पैराग्राफ 2 में उल्लिखित श्रेणियों में से किसी के अंतर्गत नहीं आते हैं, तो वे दिनांक 4 जनवरी 2018 को एक्सबीआरएल विवरणी – बैंकिंग सांख्यिकी को सुसंगत बनाना विषय पर जारी परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.99/08.13.100/2017-18 में परिभाषित "व्यक्तिगत ऋण" के दायरे में आने पर अनुबंध के भाग ए के तहत समाधान के लिए पात्र हैं, भले ही वे स्पष्ट रूप से किसी भी विनियामकीय/पर्यवेक्षी रिपोर्टिंग में, या अनुबंध के भाग बी के तहत स्पष्ट रूप से वर्गीकृत नहीं किए गए हैं।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022