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भारत में विदेशी इकाईयों के संपर्क/शाखा/परियोजना कार्यालय

उत्तर: एलओ को छोड़कर किसी विदेशी इकाई के बीओ/ पीओ को अपने खुद के उपयोग के लिए संपत्ति अर्जित करने तथा अनुमत/ प्रासंगिक क्रियाकलाप करने की अनुमति है लेकिन वे उस संपत्ति को पट्टे पर अथवा किराए पर नहीं दे सकते हैं। तथापि पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, ईरान, नेपाल, भूटान, चीन, हांगकांग तथा मकाऊ की इकाइयों को बीओ/पीओ के लिए भारत में अचल संपत्ति अर्जित करने के लिए रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है। बीओ/ एलओ/ पीओ को इस शर्त पर पट्टे पर ली गई संपत्ति से अनुमत/ प्रासंगिक कार्यकलाप करने की सामान्य अनुमति है कि पट्टे की अवधि पांच वर्ष से अधिक नहीं होगी।

  • हाँ, 1.5% की नियत दर आधार के रूप में होगी, जिसका अर्थ है कि प्रति वर्ष 1.5% की ब्याज दर की गारंटी है यदि उस समय अपस्फीति है।

  • उदाहरण के लिए, यदि मुद्रास्फीति दर (-) 5% है, तो ब्याज दर सामान्य गणना से (-)3.5% होना चाहिए। परंतु कुछ मामलों में, नकारात्मक मुद्रास्फीति को नहीं माना जाएगा और निवेशकों को 1.5% की नियत दर प्राप्त होगी (कृपया 23 पर उदाहरण 2 देंखें)।

उत्तर : हां, भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से जुटाए गए ईसीबी और ट्रेड क्रेडिट को एएससीएल में गिना जाएगा।
उत्तर. किसी प्रतिभूति के दृष्टिबंधक द्वारा समर्थित ऋण को सूक्ष्मवित्त ऋण नहीं माना जाएगा।
उत्तर: कॉरिस्पॉण्डेंट बैंकिंग का आशय किसी मध्यस्थ या एजेंट के रूप में कार्य करना है, जिसमें बैंकों को आपस में तार-अंतरण (वायर ट्रान्सफर) की सुविधा देना, व्यापारिक लेनदेन करना, जमाराशियां स्वीकार करना और दूसरे बैंक की ओर से दस्तावेज़ जुटाना करना, आदि शामिल हैं। घरेलू बैंक आमतौर पर कॉरिस्पॉण्डेंट बैंकों की सेवाओं का उपयोग उन लेनदेनों के लिए करते हैं, जो प्रायः विदेशों में प्रारम्भ होते हैं या ऐसे लेनदेन जिनका अंतिम निपटान विदेशों में होता है। घरेलू बैंक विदेशी वित्तीय बाजारों तक अपनी पहुंच बनाने और विदेशों में शाखाएं खोले बिना अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को सेवा प्रदान करने के लिए कॉरिस्पॉण्डेंट बैंकों का उपयोग करते हैं।

उत्तर: पाकिस्तानी राष्ट्रिक / पाकिस्तान के स्वामित्व वाले व्यक्तियों / संस्थाओं द्वारा खाते खोलने और बांग्लादेश के स्वामित्व की संस्थाओं द्वारा खाते खोलने के लिए रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन आवश्यक है ।

तथापि, बांग्लादेशी राष्ट्रियता वाले व्यक्ति एनआरओ खाता खोल सकते हैं, बशर्ते कि व्यक्ति(यों) के पास वैध वीज़ा हो और विदेशी नागरिक पंजीकरण कार्यालय(एफआरओ)/ विदेशी नागरिक क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) द्वारा जारी वैध आवासीय परमिट हो।

भारत में निवास करने वाले पाकिस्तान/ बांग्लादेश के नागरिक जो कि उन देशों में अल्पसंख्यक समुदायों (हिन्दू, सीख, बौद्ध, जैन, पारसी तथा ईसाई) से हैं, तथा जिन्हें दीर्घावधि वीसा (एलटीवी) प्रदान किया गया है अथवा एलटीवी के लिए जिनका आवेदन विचाराधीन है, किसी प्राधिकृत व्यापारी बैंक के पास केवल एक एनआरओ खाता खोल सकते हैं और वह समय-समय पर अद्यतन की गई 1 अप्रैल 2016 की अधिसूचना सं. फेमा 5(आर)/2016-आरबी में उल्लिखित शर्तों के अधीन होगा। इस प्रकार के एनआरओ खाते खोलना दिनांक 28 मार्च 2019 के एपी (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.28 द्वारा दिए गए अनुदेश के अनुसार संबंधित प्राधिकृत बैंक द्वारा खोले गए खातों के ब्यौरे तिमाही आधार पर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करने के अधीन होगा।

जी हाँ। जनसाधारण ₹2000/- बैंकनोट का उपयोग अपने लेन-देन तथा भुगतान प्राप्त करने के लिए करते रहेंगे। लेकिन, उन्हें इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जाता है कि वे इन बैंकनोटों को 30 सितंबर, 2023 को या उससे पहले जमा कर दें/अथवा बदल लें।

विनिर्दिष्ट बैंक नोट (देयताओं की समाप्ति) अधिनियम 2017 के अनुसार, ऐसे निवासी तथा अनिवासी भारतीय नागरिकों (भारतीय पासपोर्ट आवश्यक) के लिए, जो 10 नवंबर से 30 दिसंबर, 2016 तक उक्त अवधि के दौरान भारत में उपस्थित नहीं होने के कारण इस सुविधा का लाभ नहीं उठा सके, को विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के विनिमय की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। यह सुविधा भारतीय रिजर्व बैंक के पाँच कार्यालयों मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता तथा नागपुर में निवासियों के लिए 02 जनवरी, 2017 से 31 मार्च, 2017 तक खुली थी तथा एनआरआई के लिए 02 जनवरी, 2017 से 30 जून, 2017 तक खुली रहेगी । इस धारा में निहित टिप्पण भी अदालत में लंबित किसी भी मामले के संबंध में न्यायालय के निर्देश पर किसी भी व्यक्ति को निर्दिष्ट बैंक नोटों को धारित करने के लिए प्रतिबंधित करेगा ।

इस सुविधा का लाभ केवल व्यक्तिगत क्षमता में तथा अवधि के दौरान एक बार ही उठाया जा सकता है । इस सुविधा के तहत तृतीय पक्ष जमाकर्ता को अनुमति नहीं है ।

यह सुविधा नेपाल, भूटान, पाकिस्तान तथा बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध नहीं होगी।

इस योजना के नियमों / शर्तों तथा इसके प्रकार का विवरण दिनांक 31 दिसंबर, 2016 के हमारे परिपत्र डीसीएम (आयो) सं. 2170/10.27.00/2016-17 में उपलब्ध हैं ।

निवासी भारतीयों तथा एनआरआई (भारतीय पासपोर्ट रखने वाले) के लिए निविदा फार्म का लिंक यहाँ उपलब्ध है ।

मूल पेपर टोकन खो जाने के मामले में, वि‍शेष अनुरोध पर और नि‍र्धारि‍त शुल्क अदा करने पर रसीदी चालान जारी कि‍या जाता है।
एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर से तात्पर्य अनुसूचित बैंक या प्राथमिक डीलर या प्राथमिक नीलामी के गैर-प्रतिस्पर्धी खंड में निवेशकों से प्राप्त बोलियों को एकत्र करते हुए एकल बोली प्रस्तुत करने हेतु अनुमति प्रात निर्दिष्ट शेयर बाज़ार से है।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

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