मुद्रा परिवर्तन गतिविधियाँ
उत्तर: भारत का कोई निवासी, जो भारत के बाहर अस्थायी दौरे पर गया है, भारत के बाहर किसी भी स्थान (नेपाल और भूतान को छोड़कर) से अपनी भारत वापसी के समय भारत सरकार के मुद्रा नोट तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के नोट ला सकता है जिनका मूल्य रु25,000/- से अधिक न हो। कोई व्यक्ति नेपाल अथवा भूटान से रु100 से अधिक मूल्यवर्ग के भारत सरकार के मुद्रा नोट तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के नोट नहीं ला सकता। भारत का दौरा करने वाला भारत के बाहर का निवासी कोई व्यक्ति, जो पाकिस्तान तथा बांग्लादेश का नागरिक नहीं है तथा जो पाकिस्तान तथा बांग्लादेश से न तो आ रहा है और न वहाँ जा रहा है, अगर किसी हवाई अड्डे के माध्यम से भारत में प्रवेश करता है केवल तभी भारत सरकार के मुद्रा नोट तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के नोट ला सकता है परंतु उनका मूल्य रु25,000/- से अधिक नहीं होना चाहिए।
उत्तर: एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) के जरिये किये जाने वाले सभी लेनदेन प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों द्वारा अन्य सामान्य विदेशी मुद्रा लेनदेनों की तरह ही तदनुरुपी व्यवस्थाओं के माध्यम से किए जाने चाहिए।
प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार में प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के हिस्से के रूप में केवल वे क्षेत्र शामिल हैं जो आबादी के बड़े हिस्से, कमजोर वर्गों और रोजगार-प्रधान क्षेत्रों जैसे कृषि, और सूक्ष्म और लघु उद्यमों को प्रभावित करते हैं। प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार पर विस्तृत दिशानिर्देश ‘प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार’ पर हमारे दिनांक 04 सितंबर 2020 के मास्टर निदेश विसविवि.केंका.प्लान.बीसी.5/04.09.01/2020-21 में उपलब्ध हैं और समय-समय पर अद्यतन किए जाते हैं।
उत्तर: "प्रायोजन" का अर्थ एनबीएफसी द्वारा आईडीएफ के 30 से 49% के बीच इक्विटी भागीदारी है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022