Clarifications relating to remittance for advertisement on foreign television, print media and Internet (As on May 31, 2003)
निवासी व्यष्टि द्वारा भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी (एडी) बैंक में खोले जाने वाले कुछ प्रमुख विदेशी मुद्रा खातों की जानकारी उनकी विशेषताओं के साथ नीचे दी गई है :
ब्योरा | विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता (ईईएफ़सी खाता) |
निवासी विदेशी मुद्रा (घरेलू) खाता [आरएफ़सी(डी) खाता] |
निवासी विदेशी मुद्रा खाता [आरएफ़सी खाता] |
खाता कौन खुलवा सकता है ? | विदेशी मुद्रा अर्जक संस्थाएं | व्यष्टि | व्यष्टि |
संयुक्त खाता | यह खाता खोलने के लिए पात्र किसी भी व्यक्ति के साथ; अथवा पूर्व या उत्तरजीवी आधार पर निवासी के रिश्तेदार (रिश्तेदारों) के साथ। कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत यथापरिभाषित रिश्तेदार (अर्थात हिन्दू अविभक्त परिवार के सदस्य, पति या पत्नी, माता-पिता, सौतेले माता-पिता, पुत्र, सौतेला बेटा, बहू, बेटी, दामाद, भाई / बहन, सौतेला भाई / सौतेली बहन) संयुक्त खाताधारक रिश्तेदार मुख्य खाताधारक के जीवन काल के दौरान खाते का संचालन नहीं कर सकता है। |
यह खाता खोलने के लिए पात्र किसी भी व्यक्ति के साथ संयुक्त रूप से | ईईएफ़सी के लिए लागू शर्तों के समतुल्य |
खाते का प्रकार | केवल चालू खाता | केवल चालू खाता | चालू/ जमा / सावधि जमा खाता |
ब्याज | ब्याज अनर्जक | ब्याज अनर्जक | अविनियमित (एडी बैंक के निर्णयानुसार) |
अनुमत जमा | 1) निर्यात लेनदेन से प्राप्त विदेशी मुद्रा का 100% 2) किसी निर्यातक द्वारा माल या सेवाओं के निर्यात पर प्राप्त अग्रिम विप्रेषण की राशि 3) विदेशी आयातकों को दिए गए ऋणों की चुकौती 4) एडीआर/ जीडीआर के रूपांतरण पर विनिवेश से हुई आय। 5) व्यावसायिक आय जैसे निदेशक के रूप में/ परामर्श सेवाओं पर / व्याख्यान हेतु प्राप्त शुल्क, मानदेय और इसी तरह की अन्य कोई आय जो किसी पेशेवर द्वारा अपनी व्यक्तिगत क्षमता में सेवाएं प्रदान करके प्राप्त की जाती है। 6) खाते में जमा राशि पर अर्जित ब्याज 7) खाते से पूर्व में आहरित की गई किंतु उपयोग न हुई विदेशी मुद्रा को पुनः जमा करना। 8) स्टार्टअप या उसकी किसी विदेशी सहायक कंपनी द्वारा की गई बिक्री / निर्यात से भारतीय स्टार्टअप को विदेशी मुद्रा में प्राप्त प्राप्त भुगतान की राशि |
1) विदेश यात्रा के दौरान भुगतान/ सेवा/ उपहार/ मानदेय के रूप में प्राप्त विदेशी मुद्रा अथवा भारत की यात्रा पर आए किसी अनिवासी से प्राप्त विदेशी मुद्रा। 2) किसी प्राधिकृत व्यापारी से विदेश यात्रा के लिए ली गई विदेशी मुद्रा की व्यय न हुई राशि। 3) किसी करीबी रिश्तेदार से उपहार 4) माल/ सेवाओं के निर्यात से हुई आय अथवा रॉयल्टी की राशि। 5) शेयरों को एडीआर/ जीडीआर में बदलने पर विनिवेश की राशि । 6) किसी भारतीय बीमा कंपनी से प्राप्त बीमा पॉलिसी के दावों/ परिपक्वता/ सरेंडर वैल्यू से प्राप्त आय जिसे विदेशी मुद्रा में समाशोधित किया गया हो। |
1) किसी विदेशी नियोक्ता से सेवा निवृत्ति पर अधिवर्षिता/ अन्य मौद्रिक लाभों के रूप में कर्मचारी को प्राप्त विदेशी मुद्रा। 2) फेमा की धारा 6(4) में संदर्भित की गई आस्तियों के रूपांतरण पर प्राप्त विदेशी मुद्रा। 3) फेमा की धारा 6(4) में संदर्भित व्यक्ति से उपहार/विरासत के रूप में प्राप्त राशि। 4) 8 जुलाई 1947 से पहले अर्जित की गई या भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति से भारत से बाहर धारित की गई विदेशी मुद्रा अथवा उससे अर्जित कोई आय। 6) किसी भारतीय बीमा कंपनी से प्राप्त बीमा पॉलिसी के दावों/ परिपक्वता/ सरेंडर वैल्यू से प्राप्त आय जिसे विदेशी मुद्रा में समाशोधित किया गया हो। 7) निवास की स्थिति में परिवर्तन होने पर एनआरई/ एफसीएनआर(बी) खातों में जमा राशि। |
अनुमत डेबिट | 1) कोई भी अनुमत चालू या पूंजी खाता लेनदेन 2) खरीदे गए माल की लागत 3) सीमा शुल्क 4) व्यापार संबंधी ऋण और अग्रिम |
किसी भी अनुमत चालू/ पूंजी खातेगत लेनदेन के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। | भारत में/ भारत के बाहर उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है। |
स्थानीय चेक संग्रहण शुल्क संबंधित बैंक द्वारा समय-समय पर तय किए जाते हैं और ग्राहकों को बैंक की प्रतिबद्धता के कोड के हिस्से के रूप में उनके सीसीपी के माध्यम से ग्राहक को सूचित किए जाते हैं।
बाहरी चेकों के लिए बैंक निम्नलिखित से अधिक प्रभार नहीं ले सकते हैं:
रुपये तक 5,000 और सहित– रुपये. 25 प्रति लिखत + सेवा कर; 5,000 रुपये से ऊपर और रु. 10,000 तक और इसमें शामिल - रु. 50 प्रति लिखत से अधिक नहीं + सेवा कर; 10,000 रुपये से अधिक और 1,00,000 रुपये तक और इसमें शामिल - प्रति लिखत 100 रुपये से अधिक नहीं + सेवा कर;
रु. 1,00,000 से ऊपर - निर्णय लेने के लिए बैंकों पर छोड़ दिया गया।
कोई अतिरिक्त शुल्क जैसे कूरियर शुल्क, जेब खर्च आदि नहीं लगाया जाना चाहिए।
यह नोट किया जा सकता है कि यदि संग्रहणकर्ता बैंक और भुगतानकर्ता बैंक एक ही सीटीएस ग्रिड के अधिकार क्षेत्र में स्थित हैं, भले ही वे अलग-अलग शहरों में स्थित हों, तो कोई बाहरी चेक संग्रहण शुल्क नहीं लगाया जाएगा।
उत्तर: आईडीएफ-एमएफ को बैंकों और एनबीएफसी द्वारा प्रायोजित किया जा सकता है। केवल बैंक और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनियां ही आईडीएफ-एनबीएफसी को प्रायोजित कर सकती हैं।
उत्तर: विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते केवल चालू खाते के रूप में रखे जा सकते हैं । विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खातों पर कोई ब्याज देय नहीं है ।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022