RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

पृष्ठ
भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट
थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
PwC_SIT

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

FAQ DetailPage Breadcrumb

RbiFaqsSearchFilter

सामग्री प्रकार:

श्रेणी पहलू

केटेगरी

कस्टम पहलू

ddm__keyword__26256231__FaqDetailPage2Title_en_US

खोज परिणाम

जमा बीमा

डीआईसीजीसी निम्नलिखित जमाराशियों को छोड़कर बचत, मीयादी, चालू, आवर्ती आदि जैसे सभी बैंक जमाराशियों को बीमा प्रदान करता है:-

  • विदेशी सरकारों की जमाराशियां;

  • केंद्र/राज्य सरकारों की जमाराशियां;

  • अंतर बैंक जमाराशियां;

  • राज्य सहकारी बैंकों में रखी गई राज्य भूमि विकास बैंकों की जमाराशियां;

  • भारत के बाहर प्राप्त जमाराशि के कारण देय कोई राशि; और

  • रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन से निगम द्वारा विशेष रूप से छूट प्राप्त कोई राशि

उत्तर: ईरान, भारत, बांगलादेश, भूटान, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव और म्यांमार के केंद्रीय बैंक तथा मुद्रा प्राधिकारी एशियाई समाशोधन संघ (एसीयु) के सदस्य देश हैं।

उत्तर: ‘भारतीय मूल का व्यक्ति’ (पीआईओ) भारत से बाहर का निवासी है, जो बांग्लादेश या पाकिस्तान अथवा केंद्र सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट ऐसे किसी अन्य देश से भिन्न किसी देश का नागरिक है, और जो निम्नलिखित शर्तें पूरी करता है:

ए) जो भारतीय संविधान के अनुसार अथवा नागरिकता अधिनियम, 1955 (1955 का 57) के अनुसार भारत का नागरिक था, अथवा

बी) वह ऐसे किसी भौगोलिक क्षेत्र से आता हो, जो 15 अगस्त 1947 के बाद भारत का हिस्सा बन गया; अथवा

सी) वह भारतीय नागरिक का या ऊपर उल्लिखित पैरा (ए) या (बी) में उल्लिखित किसी व्यक्ति का पुत्र /पुत्री या पोता /पोती अथवा पर-पोता/ पर-पोती है; अथवा

डी) वह किसी भारतीय नागरिक का विदेशी मूल का पति/ की पत्नी है, अथवा ऊपर उल्लिखित पैरा (ए) (बी) या (सी) में उल्लिखित किसी व्यक्ति का विदेशी मूल का पति/ की पत्नी है।

पीआईओ में नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा-7(ए) की परिभाषा के अंतर्गत ‘विदेशी भारतीय नागरिक कार्ड-धारक” भी शामिल है। उक्त विदेशी भारतीय नागरिकता कार्डधारक व्यक्ति भारत के बाहर का निवासी व्यक्ति होना चाहिए।

भारतीय मूल के व्यक्ति न होने वाले व्यक्तियों द्वारा द्वारा विप्रेषण (नेपाल अथवा भूटान के नागरिकों अथवा भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO) को छोड़कर) अनिवासी भारतीयों (NRIs) / भारतीय मूल के व्यक्ति (PIOs) भारतीय एंटिटी भारत के बाहर के निवासी द्वारा स्थापित शाखा अथवा कार्यालय
1. कोई व्यक्ति भारत में किसी नौकरी से सेवा-निवृत्त हुआ हो;

2. फेमा की धारा 6 (5)1 में उल्लिखित किसी व्यक्ति से उसने परिसंपत्तियों को उत्तराधिकार में पाया हो;

3. भारत से बाहर की/का निवासी कोई विधवा/विधुर है और जिसने अपने मृतक पति/ पत्नी, जो भारत का/ की निवासी भारतीय नागरिक था/थी, की परिसंपत्तियां उत्तराधिकार में पायी हों।

ऐसे विप्रेषण प्रति वित्तीय वर्ष एक मिलियन अमरीकी डालर से अधिक नहीं होने चाहिए।
1. अनिवासी (साधारण) (NRO) खाते में जमाशेष से-घोषणा के अधीन *

2. परिसंपत्तियों की बिक्रीगत आगम राशि से

3. उत्तराधिकार / विरासत/ निष्पादित निपटान विलेख से अधिग्रहित आस्तियां

प्रति वित्तीय वर्ष एक मिलियन अमरीकी डालर तक की राशि का विप्रेषण कर सकते हैं

*जहां विप्रेषण एनआरओ (NRO) खाते में जमाशेष से किया जाता है/ जाना है, वहां खाताधारक व्यक्ति प्राधिकृत व्यापारी को इस आशय का वचनपत्र प्रस्तुत करेगा कि "विप्रेषक के खाते में जमाशेष से विप्रेषण किया जाना है, जिसमें जमाशेष भारत में उसे वैध रूप में प्राप्त हुई राशि है और जो किसी अन्य व्यक्ति से उधार नहीं लिया गया है अथवा किसी अन्य एनआरओ खाते से अंतरित नहीं किया गया है तथा यदि ऐसा पाया जाएगा तो खाताधारक फेमा के अंतर्गत स्वयं को दण्ड का भागी बनाएगा।"
किसी संस्था (एंटिटी) का अपने प्रवासी स्टाफ, जो भारत के निवासी है, परंतु “स्थायी रूप से भारत में निवास नहीं करते”, की भविष्य निधि / अधिवर्षिता / पेंशन निधि में अंशदान अपेक्षित दस्तावेजों की प्रस्तुति के बाद समापन पर आगम राशि का विप्रेषण कर सकते हैं
प्रधान मंत्री गरीब कल्याण जमा योजना 2016 हेतु कराधान एवं निवेश व्यवस्था की धारा 199सी की उप धारा 1 के तहत अप्रकटित आय के संदर्भ में घोषणा करने वाले कोई भी व्यक्ति इस योजना के तहत जमा कर सकते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 08 नवंबर 2016 तक जारी 500 रुपए और 1000 रुपए मूल्यवर्ग नोटों का वैध निविदा स्वरूप (जिसे बाद में विनिर्दिष्ट बैंक नोट कहा जाएगा) वापिस लिया जाता है । इसके परिणाम स्वरूप पुराने उच्च मूल्यवर्ग के नोट का व्यापारिक लेन-देन और / अथवा भावी उपयोग हेतु मूल्य-संचय के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा । 25 नवंबर, 2016 तक बैंक शाखाओं / डाकघरों तथा 30 दिसंबर, 2016 तक भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यालयों में विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के विनिमय की अनुमति थी तथा 10 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर, 2016 की अवधि के दौरान वाणिज्यिक बैंक / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / सहकारी बैंक (केवल शहरी सहकारी बैंक तथा राज्य सहकारी बैंकों में) की किसी भी शाखा में अथवा किसी भी प्रधान डाकघर अथवा उप डाकघर में जमा किए जा सकते थे ।

उत्तर: नहीं, यदि किसी एलओ/ बीओ को एक से अधिक खाते खोलने हों, तो उसे अपने एडी श्रेणी-I बैंक के माध्यम से रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति प्राप्त करनी होगी और अतिरिक्त खाता खोलने की आवश्यकता का उचित कारण भी देना होगा।

संपूर्ण भुगतान डेटा केवल भारत में स्थित प्रणालियों में संग्रहीत किया जाएगा, यहाँ स्पष्ट किए गए मामलों को छोडकर ।
उपर्युक्त परिपत्र के पैरा 2.4 में आयु-सीमा यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दी गई थी कि सीसीओ से जुड़ी जिम्मेदारियों को एक विशेष और मुख्य कार्य के रूप में माना जाए। उपर्युक्त सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए, यदि सीसीओ के रूप में चिन्हित किया गया कोई व्यक्ति 55 वर्ष से अधिक आयु का है, भले ही वह सीसीओ के रूप में या अन्यथा, अनुपालन कार्य के साथ जुड़ा रहा/रही हो, तो 55 वर्ष की आयु सीमा को उस तारीख के रूप में लिया जा सकता है जब से वह सीसीओ के रूप में अनुपालन कार्य के साथ जुड़ा हुआ था/हुई थी; उदाहरण के रूप में, यदि सीसीओ की भूमिका के लिए चिन्हित किए गए व्यक्ति की आयु 55 वर्ष से अधिक है, लेकिन वह 55 वर्ष की आयु पूरी करने से पहले अनुपालन कार्य से लगातार जुड़ा हुआ/हुई है, तो वह ऐसी नियुक्ति के लिए पात्र होगा/होगी।
यहां समूह संस्थाएं का अर्थ समूह में आरबीआई विनियमित संस्थाओं को संदर्भित करती हैं, जो परिपत्र में उल्लिखित समूह संस्था की परिभाषा को पूरा करती हैं। इसलिए, यदि सनदी लेखाकार फर्म का कोई भागीदार समूह में आरबीआई विनियमित संस्था में निदेशक है, तो उक्त फर्म को समूह में आरबीआई विनियमित संस्थाओं में से किसी के एससीए/एसए के रूप में नियुक्त नहीं किया जाएगा। हालांकि, अगर किसी लेखापरीक्षा फर्म को एससीए/एसए के रूप में नियुक्ति के लिए समूह में आरबीआई द्वारा विनियमित संस्थाओं में से किसी द्वारा विचार किया जा रहा है, जिसका भागीदार किसी भी समूह संस्था (जो आरबीआई द्वारा विनियमित नहीं है) में निदेशक है, तो उक्त लेखापरीक्षा फर्म एसीबी के साथ-साथ बोर्ड/एलएमसी को उचित प्रकटीकरण करेगा।

Web Content Display (Global)

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

हमारा ऐप इंस्टॉल करने के लिए QR कोड स्कैन करें

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

क्या यह पेज उपयोगी था?