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बुनियादी ढांचा वित्त कंपनियां (आईएफसी)

उत्तर: आईएफसी एक जमा न स्वीकार करने वाली ऋण कंपनी है जो निम्नलिखित का अनुपालन करती है:

  1. एक आईएफसी-एनबीएफसी की कुल आस्ति का कम से कम 75 प्रतिशत बुनियादी ढांचा ऋण में लगाया जाना चाहिए;

  2. कंपनी की न्यूनतम मालियत 300 करोड़ रुपये होनी चाहिए।

  3. कंपनी का सीआरएआर 15% और टियर I पूंजी 10% और

  4. कंपनी की न्यूनतम क्रेडिट रेटिंग 'ए' या क्रिसिल, फिच, केयर, आईसीआरए, ब्रिकवर्क के समकक्ष या किसी अन्य मान्यता प्राप्त रेटिंग एजेंसियों द्वारा समकक्ष रेटिंग होनी चाहिए।

उनके अनुरोध को नवीनतम वित्तीय वर्ष के 31 मार्च को कंपनी के आस्ति पैटर्न की पुष्टि करने वाले उनके सांविधिक लेखा परीक्षकों के प्रमाण पत्र द्वारा समर्थित होना चाहिए।

उत्तर: इंफ्रास्ट्रक्चर डेट फंड (आईडीएफ) को ट्रस्ट या कंपनी के रूप में स्थापित किया जा सकता है। एक ट्रस्ट आधारित आईडीएफ आम तौर पर सेबी द्वारा विनियमित एक म्यूचुअल फंड (एमएफ) होगा, जबकि एक कंपनी आधारित आईडीएफ सामान्य रूप से रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित एक एनबीएफसी होगा।

उत्तर: यदि कोई व्यक्ति फेमा, 1999 के किसी प्रावधान (धारा 3(ए) को छोड कर) का उल्लंघन करता है अथवा इस अधिनियम के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए जारी किये गये किसी नियम, विनियम, अधिसूचना, निर्देश अथवा आदेश का उल्लंघन करता है अथवा रिज़र्व बैंक द्वारा जिस शर्त के अधीन प्राधिकार जारी किया गया है, उस शर्त का उल्लंघन करता है, तो वह रिज़र्व बैंक के पास कंपाउंडिंग के लिए आवेदन कर सकता है। फेमा, 1999 की धारा 3(ए) के तहत उल्लंघनों की कंपाउंडिंग के आवेदन प्रवर्तन निदेशालय को प्रस्तुत किए जाएं।

उत्तर: सभी श्रेणी के विदेशी मुद्रा अर्जक जैसे व्यक्ति, कंपनियाँ, आदि जो भारत में निवास करते हैं वे विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते खोल सकते हैं।

एनबीएफसी सहित सभी उधार दाता संस्थाओं के सभी कृषि ऋण एक्सपोजर, जो 7 जुलाई 2016 के मास्‍टर निदेश विसविवि.केंका.प्‍लान.1/04.09.01/2016-17 (अद्यतित) के पैरा 6.1 में सूचीबद्ध प्रकार के हैं, किंतु जिसमें डेयरी, मत्स्य पालन, पशुपालन, पोल्ट्री, मधुमक्खी पालन और रेशम पालन जैसी संबन्धित गतिविधियां शामिल नहीं है, को समाधान ढांचे के दायरे से बाहर रखा गया है। उपर्युक्त के अनुपालन में, किसान परिवारों को दिए गए ऋण समाधान ढांचे के तहत समाधान के लिए पात्र होंगे, यदि वे समाधान ढांचे की अपवर्जन सूची की किसी अन्य शर्तों को पूरा नहीं करते हैं।

उत्तर: एनईएफटी निधि अंतरण या प्राप्ति के लिए निम्नलिखित लाभ प्रदान करता है:

  • वर्ष के सभी दिनों में चौबीसों घंटे उपलब्धता।

  • लाभार्थी के खाते में निकट-वास्तविक समय में धन हस्तांतरण और सुरक्षित तरीके से निपटान।

  • सभी प्रकार के बैंकों की शाखाओं के वृहद नेटवर्क के माध्यम से अखिल भारतीय कवरेज।

  • कागजी लिखतों को जमा करने के लिए लाभार्थी को बैंक की शाखा में जाने की आवश्यकता नहीं है। यदि प्रेषक का बैंक ऐसी सेवा प्रदान करता है, तो वह इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करके अपने घर/कार्यस्थल से प्रेषण शुरू कर सकता है।

  • लाभार्थी के खाते में क्रेडिट पर एसएमएस/ई-मेल द्वारा प्रेषक को सकारात्मक पुष्टि।

  • क्रेडिट या लेन-देन की वापसी में देरी के लिए दंडात्मक ब्याज प्रावधान।

  • आरबीआई द्वारा बैंकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता।

  • ऑनलाइन एनईएफटी लेनदेन के लिए बचत बैंक खाता ग्राहकों के लिए कोई शुल्क नहीं।

  • लेन-देन शुल्क भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित किया गया है।

  • धन हस्तांतरण के अलावा, एनईएफटी प्रणाली का उपयोग कार्ड जारी करने वाले बैंकों को क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि के भुगतान, ऋण ईएमआई के भुगतान, आवक विदेशी मुद्रा प्रेषण आदि सहित विभिन्न प्रकार के लेनदेन के लिए किया जा सकता है।

  • लेन-देन को कानूनी समर्थन प्राप्त है।

  • भारत से नेपाल के लिए वन-वे फंड ट्रांसफर के लिए उपलब्ध।

उत्तर: गैर-बैंकों द्वारा स्थापित, उनके स्वामित्व वाले एवं उनके द्वारा परिचालित किए जाने वाले एटीएम को व्हाइट लेबल एटीएम कहा जाता है। गैर-बैंक एटीएम परिचालक भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत होते हैं। प्राधिकृत व्हाइट लेबल एटीएम परिचालकों की सूची भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध है https://www.rbi.org.in/Scripts/PublicationsView.aspx?id=12043

यह ध्यान में रखते हुए कि निधियों का निपटान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की पुस्तकों में होता है, भुगतान अंतिम और अपरिवर्तनीय हैं।

उत्तर. पीपीआई ऐसे लिखत हैं जो उनमें संगृहीत मूल्य से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद, वित्तीय सेवाओं के संचालन, विप्रेषण आदि सुविधाओं को सक्षम करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
जी नहीं, 'नो फ्रील' खातों पर 24 नवंबर 2005 के परिपत्र शबैवि.बीपीडी.परि.सं. 19/13.01.000/2005-06 में निहित अनुदेशों के अधिक्रमण में बैंकों को अब अपने सभी ग्राहकों को 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' प्रदान करने के लिए 17 अगस्त 2012 के परिपत्र शबैवि.बीपीडी.परि. सं. 5/13.01.000/2012-13 द्वारा सूचित किया गया है जिसमें उसमें वर्णित प्रकार से न्‍यूनतम आम सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। बैंकों से अपेक्षित है कि वे अपने वर्तमान के 'नो फ्रील' खातों को'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' में परिवर्तित कर दें।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

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