एटीएम/व्हाइट लेबल एटीएम
उत्तर: ग्राहक को एटीएम/डबल्यूएलए में अपने लेनदेन सुरक्षित और प्रतिरक्षित रखने के लिए निम्नलिखित क्या करें और क्या न करें का अनुपालन करना चाहिए:
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ग्राहकों को अपने किसी भी एटीएम/डबल्यूएलए लेनदेन को पूरी गोपनीयता में करना चाहिए।
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एक समय में एटीएम/डबल्यूएलए किओस्क में केवल एक ही कार्ड धारक का प्रवेश/पहुँच होनी चाहिए।
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कार्ड धारक को अपना कार्ड कभी भी किसी को नहीं देना चाहिए।
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कार्ड के ऊपर पिन संख्या न लिखें।
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कार्ड धारक को अपना पिन किसी को भी नहीं बताना चाहिए।
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एटीएम में पिन संख्या दर्ज करते समय कभी भी किसी को अपना पिन नंबर नहीं देखने देना चाहिए ।
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कभी भी ऐसे पिन का प्रयोग न करें जिसका अनुमान आसानी से लगाया जा सके।
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एटीएम/डबल्यूएलए में कभी भी कार्ड न छोड़ें।
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कार्ड धारक को एटीएम/डबल्यूएलए लेनदेन संबंधी चेतावनी प्राप्त करने के लिए कार्ड जारी करने वाले बैंक में अपना मोबाइल नंबर पंजीकृत करवाना चाहिए। यदि खाते में कोई भी अनधिकृत कार्ड लेनदेन पाया जाता है तो इसकी सूचना तुरंत कार्ड जारी करने वाले बैंक को दी जानी चाहिए।
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कार्ड धारक एटीएम/डबल्यूएलए से जुड़े हुए किसी अतिरिक्त उपकरण से सावधान रहें। इनका उपयोग ग्राहक के आंकड़ों को धोखे से चुराने के लिए होता है। यदि इस प्रकार का कोई उपकरण पाया जाता है तो तुरंत सुरक्षा गार्ड/बैंक/इसे चलाने वाली व्हाइट लेबल कंपनी को इसके बारे में सूचित करें।
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एटीएम/डबल्यूएलए के आस-पास किसी संदिग्ध व्यक्ति के आने – जाने पर नज़र रखें। ग्राहक को ऐसे अपरिचित लोगों से सावधान रहना चाहिए जो कि उसे बातों में लगाना चाहते हैं अथवा एटीएम के संचालन में सहायता /मदद देने का प्रस्ताव करते हैं।
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कार्ड धारक इस बात को याद रखें कि बैंक अधिकारी फोन पर कभी भी आपके कार्ड का विवरण अथवा पिन नंबर नहीं पूछेंगे। अत: यदि कोई व्यक्ति यह दर्शाते हुए कि वह आपके बैंक से है और आपसे संपर्क करता है तो आप उसका प्रतिउत्तर न दें।
उत्तर. आरबीआई की वेबसाइट https://www.rbi.org.in/Scripts/FAQView.aspx?Id=140 पर "केंद्रीकृत भुगतान प्रणालियों में बड़े मूल्य के लेनदेन के लिए विधिक संस्था पहचानकर्ता (एलईआई)" पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न देखे जा सकते हैं।
उत्तर. उपर्युक्त पीपीआई के अलावा, पीपीआई की निम्नलिखित दो श्रेणियां हैं:
ए. उपहार पीपीआई; तथा
बी. मास ट्रांजिट सिस्टम के लिए पीपीआई (पीपीआई-एमटीएस)।
भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है कि 30.12.16 तक पीएमजीकेवाई के अधीन कर, जुर्माना, अधिभार हेतु भुगतान और जमा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी पुराने 500 और 1000 के बैंक नोटों के माध्यम से किया जा सकता है। घोषणा करने वालों के लिए प्रधान मंत्री गरीब कल्याण जमा योजना 2016 हेतु कराधान एवं निवेश व्यवस्था 17 दिसंबर 2016 से 31 मार्च 2017 तक उपलब्ध है। योजना के अधीन कर, जुर्माना, अधिभार हेतु भुगतान और जमा आईटीएनएस – 287 चालान के माध्यम से किया जाना है। पीएमजीकेवाई के संदर्भ में अधिसूचना www.incometaxindia.gov.in पर उपलब्ध है।
उत्तर
बचत बैंक जमा ब्याज दर के विविनियमन पर हमारे 30 जनवरी 2012 के परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं.57/03.05.33/2011-12 में निहित निर्देश 'आधारभूत बचत बैंक जमा खाता' में रखी जमाराशियों पर लागू होते हैं।
- 15 मई 2013 के हमारे प्रेस विज्ञप्ति में निर्दिष्ट, प्रत्येक अंश का आकार रु. 1,000 करोड़ से 2,000 करोड़ होंगे।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022