मुद्रास्फीति सूचकांक बॉन्ड (आईआईबी)
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नियत दर परंपरागत बॉन्ड के मामले में, आईआईबी को प्रतिफल आधारित के माध्यम से निर्गम किया जाएगा और उसके बाद पुननिर्गम मूल्य आधारित नीलामी के माध्यम से होगा।
उपर्युक्त दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंकों को सूचित किया गया है कि वे एमएसई क्षेत्र के लिए अपनी मौजूदा उधार नीतियों की समीक्षा करें और उनमें निम्नलिखित प्रावधान शामिल करें ताकि व्यवहार्य एमएसई उधारकर्ताओं को समय पर और पर्याप्त रूप से, खासकर अप्रत्याशित परिस्थितियों में निधियों की आवश्यकता के दौरान, ऋण की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाया जा सके:
(i) मीयादी ऋणों के मामले में आपाती ऋण सुविधा का विस्तार करना
(ii) एमएसई इकाइयों की आकस्मिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त कार्यशील पूंजी
(iii) नियमित कार्यशील पूंजी सीमाओं की मध्यावधि समीक्षा, जहां बैंकों को यह विश्वास हो कि एमएसई उधारकर्ताओं के मांग के स्वरूप में परिवर्तनों के कारण पिछले वर्ष की वास्तविक बिक्री के आधार पर प्रति वर्ष एमएसई की मौजूदा क्रेडिट सीमा में वृद्धि की आवश्यकता होती है।
(iv) ऋण निर्णयों के लिए सामयिकता।
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भारत सरकार की प्रतिभूतियों को लागू वर्तमान कराधान इन प्रतिभूतियों को भी लागू होगी।
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आयकर अधिनियम 1961 के खंड 193 के उप-खंड (iv) के अनुसार केंद्र सरकार और राज्य सरकार के किसी भी प्रतिभूति पर किसी भी ब्याज पर कोई कर की कटौती नहीं की जाएगी, बशर्ते कि इस खंड में निहित कुछ भी वित्तीय वर्ष के दौरान 8% बचत (कर योग्य) बांड, 2003 पर देय दस हजार रुपये से अधिक ब्याज पर लागू नहीं होगा।
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उक्त खंड के अनुसार, आईआईएनएसएस-सी पर भुगतान योग्य किसी ब्याज से भी टीडीएस की कटौती नहीं की जाएगी, जब तक सरकार से अन्यथा संदर्भित न हो।
उत्तर: जहां कहीं बीओ अथवा पीओ को फेमा के अंतर्गत यथालागू दिशानिर्देशों के भीतर भारत के बाहर निधियाँ विप्रेषित करनी हो, वहाँ यह आवश्यक नहीं है कि वे नामित श्रेणी-I बैंक के माध्यम से ही करें बल्कि वे नामित एडी श्रेणी-I बैंक से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करने की शर्त के अधीन अपनी पसंद के किसी भी एडी श्रेणी-I बैंक के माध्यम से ऐसा कर सकते हैं। विप्रेषण कॅश/ टॉम/ स्पॉट आधार पर निपटाए जाने वाले लेनदेन के लिए ही होंगे। विप्रेषण बैंकिंग चैनल के माध्यम से निम्न दो में से किसी एक पद्धति से होगा:
(1) नामित श्रेणी-I बैंक भारतीय रुपये में समतुल्य राशि को लेनदेन का कार्य करने वाले बैंक को अंतरित करेगा। लेनदेन करने वाला बैंक उक्त राशि बीओ/ पीओ के मूल कार्यालय को स्विफ्ट के माध्यम से प्रेषित करेगा। तथापि लेनदेन करने वाले बैंक को केवाईसी अनुपालन तथा आवश्यक प्रलेखन सुनिश्चित करना होगा। उसे यूआईएन संख्या, लाभार्थी तथा विप्रेषण संबंधी ब्यौरे सहित स्विफ्ट संदेश को नामित एडी श्रेणी-I बैंक के साथ साझा करना होगा।
(2) नामित श्रेणी-I बैंक भारतीय रुपये में समतुल्य राशि को लेनदेन करने वाले बैंक को अंतरित करेगा। लेनदेन करने वाला बैंक नामित श्रेणी-I बैंक के नॉस्ट्रो खाते में जमा करेगा और वह उक्त राशि को अंतिम लाभार्थी को प्रेषित करेगा।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022