भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45एमएए के अंतर्गत एनबीएफसी के सांविधिक लेखा परीक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई
12 अक्तूबर 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45एमएए के अंतर्गत एनबीएफसी के भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45एमएए के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, 23 सितंबर 2021 के आदेश द्वारा, मेसर्स हरिभक्ति एंड कंपनी एलएलपी, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स (आईसीएआई फर्म पंजीकरण संख्या 103523डब्ल्यू / डब्ल्यू100048), को 1 अप्रैल 2022 से दो वर्ष की अवधि के लिए आरबीआई द्वारा विनियमित किसी भी संस्था में किसी भी प्रकार के लेखा परीक्षा संबंधी कार्य को शुरू करने से प्रतिबंधित कर दिया है। यह कार्रवाई एक व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के सांविधिक लेखा परीक्षा के संबंध में आरबीआई द्वारा जारी एक विशिष्ट निदेश का अनुपालन करने में ऑडिट फर्म की ओर से विफलता के कारण की गई है। 2. यह वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आरबीआई द्वारा विनियमित संस्थाओं में मेसर्स हरिभक्ति एंड कंपनी एलएलपी के लेखा परीक्षा कार्य को प्रभावित नहीं करेगा। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1027 |
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