अपने ग्राहक को जानिए मानदंड - भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (युआईडीएआइ) द्वारा जारी पत्र जिसमें नाम, पता तथा आधार संख्या निहित है
आरबीआई/2011-12/253 9 नवंबर 2011 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय /महोदया अपने ग्राहक को जानिए मानदंड - भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (युआईडीएआइ) द्वारा जारी पत्र जिसमें नाम, पता तथा आधार संख्या निहित है कृपया 15 मार्च 2011 का हमारा परिपत्र शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी) सं.38/12.05.001/2010-11 देखें जिसके साथ धनशोधन के प्रतिबंध (लेनदेन के स्वरूप तथा मूल्य का रिकार्ड रखना, रिकार्ड रखने की प्रणाली तथा जानकारी प्रस्तुत करने का समय, बैंकिंग कंपनी, वित्तीय संस्था तथा मध्यवर्ती संस्था के ग्राहको की पहचान रिकार्ड का सत्यापन और अनुरक्षण) की तीसरी संशोधन नियमावली 2010 को अधिसूचित करते हुए 16 दिसंबर 2010 की भारत सरकार की अधिसूचना सं.14/2010/एफ सं.6/2/2001 की प्रतिलिपि संलग्न थी। उक्त अधिसूचना पीएमएल नियमावली 2005 के नियम 2(1)(d) के अधीन भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (युआईडीएआई) द्वारा जारी पत्र जिसमें नाम, पता और आधार संख्या निहित है को कार्यालयीन वैध दस्तावेज के रूप में मान्यता देती है । 2. इस संदर्भ में अपने ग्राहक को जानिए मानदंड / धनशोधन निवारण मानक /आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्व पर 1 जुलाई 2011 के मास्टर परिपत्र के पैरा 2.4 (घ) की और आकर्षित किया जाता है तथा यह सूचित किया जाता है कि ’आधार’ के आधार पर खाते खोलते समय भी बैंकों को ग्राहको के वर्तमान पते के संदर्भ में विद्यमान अनुदेशों के अनुसार प्रमाण प्राप्त कर संतुष्टि कर लेनी चाहिए । 3. कृपया शहरी बैंक विभाग के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को इस परिपत्र की प्राप्ति सूचना दे । भवदीय (एल.एम. कांबले) |
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