बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के लिए प्रतिभूति (Security)
भारिबैं./2014-15/377 1 जनवरी 2015 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/महोदय, बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के लिए प्रतिभूति (Security) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार के लिए प्रतिभूति पर प्रभार सृजित करने से संबंधित 1 अगस्त 2005 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 5 के संलग्नक के पैराग्राफ 1(ए)(vii) और 1(बी)(vi) तथा 11 जुलाई 2008 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 1 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने संबंधी मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने के लिए ओवरसीज़ उधारदाता/आपूर्तिकर्ता को उपलब्ध करायी जाने वाली प्रतिभूतियों के चयन की छूट उधारकर्ता को दी गई है। बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने के संबंध में उदारता एवं विकल्पों को विस्तारित करने तथा प्रतिभूतियों पर प्रभार सृजित करने हेतु विभिन्न उपबंधों को समेकित करने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक निम्नलिखित के संबंध में संतुष्ट होने पर, उधारकर्ता द्वारा बाह्य वाणिज्यिक उधार की प्राप्ति सुनिश्चित करने/प्राप्त बाह्य वाणिज्यिक उधार के संबंध में, ओवरसीज़ उधारदाता/प्रतिभूति ट्रस्टी के पक्ष में अचल परिसंपत्तियों, चल परिसंपत्तियों, वित्तीय प्रतिभूतियों पर प्रभार सृजित करने एवं कार्पोरेट तथा / अथवा व्यक्तिगत गारंटी जारी करने की अनुमति प्रदान कर सकते हैं: (i) अंतर्निहित(underlying) बाह्य वाणिज्यिक उधार, मौजूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार दिशानिर्देशों के अनुपालन में हो, (ii) ऋण करार में प्रतिभूति पर प्रभार सृजित करने के संबंध में बाह्य वाणिज्यिक उधारकर्ता से इस आशय की अपेक्षा संबंधी उपबंध हो कि वह ओवरसीज़ उधारदाता/प्रतिभूति ट्रस्टी के पक्ष में अचल परिसंपत्तियों/चल परिसंपत्तियों/वित्तीय प्रतिभूतियों पर प्रभार सृजित करेगा/कार्पोरेट तथा/अथवा व्यक्तिगत गारंटी देगा, एवं (iii) जहां कहीं आवश्यक हो, भारतीय उधारदाताओं से एतदर्थ अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त किया गया हो। (ए) अचल परिसंपत्तियों पर प्रभार का सृजन
(बी) चल परिसंपत्तियों पर प्रभार का सृजन प्रभार के लागू होने/आह्वान पर, चाहे उधारदाता चल परिसंपत्तियों को हस्तगत कर ले अथवा नहीं, उसका दावा बाह्य वाणिज्यिक उधार की बकाया राशि तक ही सीमित होगा। भारग्रस्त चल परिसंपत्तियों को देश से बाहर भी ले जाया जा सकता है। (सी) वित्तीय प्रतिभूतियों पर प्रभार का सृजन
(डी) कार्पोरेट अथवा व्यक्तिगत गारंटी जारी करना
4. बाह्य वाणिज्यिक उधार संबंधी दिशानिर्देशों में किए गए ये संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू होंगे व समय-समय पर समीक्षा के अधीन होंगे। बाह्य वाणिज्यिक उधार से संबंधित सभी अन्य उपबंध अपरिवर्तित बने रहेंगे। 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों एवं ग्राहकों को अवगत कराएं। 6. इस परिपत्र में निहित दिशानिर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) एवं 11(1) के तहत एवं किसी अन्य कानून के अतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं। भवदीय, (बी.पी.कानूनगो) |
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