बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों को यथालागू) की धारा23-कार्योत्तर/डुप्लीकेट लाइसेंस जारी करना
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों कोयथालागू) की धारा23-कार्योत्तर/डुप्लीकेट लाइसेंस जारी करना
बीएल.(आरओ) 3 /07.01.00/2001-02
18 जुलाई 2002
शहरी बैंक विभाग के सभी क्षेत्रीय कार्यालय
महोदय/महोदया
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों को
यथालागू) की धारा 23-कार्योत्तर/डुप्लीकेट लाइसेंस जारी करना
हमें प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों से उनकी उन शाखाओं के लिए, जो 1 मार्च 1966 को अर्थात उस तारीख को मौजूद थीं जब बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 के कतिपय उपबंध सहकारी बैंकों पर लागू किए गए थे, कार्योत्तर लाइसेंस जारी करने और जहां शाखाएं खोलने के लिए जारी मूल लाइसेंसों का खो जाना/लापता हो जाना बताया गया है, वहां डुप्लीकेट लाइसेंस जारी करने के बारे में बार-बार अनुरोध प्राप्त होते रहे हैं ।
हमारे विधि विभाग से परामर्श करके और वाणिज्यिक बैंकों से प्राप्त ऐसे अनुरोधों के संबंध में बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग द्वारा जारी अनुदेशों को ध्यान में रखकर इस मामले की जांच की गई है और इस बारे में निम्नानुसार निश्चय किया गया है :
1. बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 के कतिपय उपबंधों के विस्तार की तारीख को
मौजूद शाखाओं को कार्योत्तर लाइसेंस जारी करना
यह निश्चय किया गया है कि बैंकों की उन सभी शाखाओं को लाइसेंस जारी किए जाएं जो 1 मार्च 1966 को मौजूद थीं । अत: बैंकों से अनुरोध प्राप्त होने पर क्षेत्रीय कार्यालय ऐसी शाखाओं को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों को यथालागू) की धारा 23 के अंतर्गत कार्योत्तर लाइसेंस, यदि पहले जारी नहीं किए गए हाें तो, जारी करें लाइसेंस के ऊपरी भाग पर शाखा खोलने की तारीख के साथ-साथ इस तथ्य का भी स्पष्ट उल्लेख किया जाए कि यह कार्योत्तर लाइसेंस है । तथापि, ऐसे लाइसेंस जारी करने से पहले क्षेत्रीय कार्यालय यह सुनिश्चित करें कि शाखाएं 1 मार्च 1966 को मौजूद थीं और वे संबंधित निबंधक, सहकारी सोसायटियां की अनुमति से खोली गई थीं और/या बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों को यथालागू) की धारा 22 के अंतर्गत लाइसेंस प्राप्त करने के लिए बैंक द्वारा आवेदनपत्र में सूचित की गईं थीं ।
2. क्रेडिट सोसायटी से संपरिवर्तन होने से पूर्व प्राथमिक सहकारी बैंक द्वारा खोली गई
शाखाओं को कार्योत्तर लाइसेंस जारी करना
क्रेडिट सोसायटी से संपरिवर्तन होने से पूर्व किसी बैंक द्वारा खोली गई शाखाओं को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 के अंतर्गत कार्योत्तर लाइसेंस, यदि पहले जारी नहीं किये गये हाें तो, जारी किए जाएं । लाइसेंस के ऊपरी भाग पर शाखा खोलने की तारीख के साथ-साथ इस तथ्य का भी स्पष्ट उल्लेख किया जाए कि यह कार्योत्तर लाइसेंस है । तथापि, ऐसे लाइसेंस बैंक से शाखा खोलने के लिए संबंधित निबंधक, सहकारी सोसायटियां के अनुमोदन की एक प्रति प्राप्त हो जाने पर और/या प्राथमिक सहकारी बैंक में संपरिवर्तन के लिए बैंक के आवेदन से शाखा की मौजूदगी के तथ्य का सत्यापन कर लेने के बाद ही जारी किए जाएं ।
3. उन शाखाओं को डुप्लीकेट लाइसेंस जारी करना जिनके मूल लाइसेंस खो जाने/ लापता
हो जाने की सूचना दी गई है
खोए / लापता लाइसेंसों के मामले में डुप्लीकेट लाइसेंस जारी किए जाने के बारे में बैंकों से निवेदन प्राप्त होने पर क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा डुप्लीकेट लाइसेंस जारी नहीं करना चाहिए बल्कि बैंक को, अभिलेख हेतु परिरक्षित करने के अनुदेशों के साथ, इस तरह का एक पत्र जारी करना चाहिए कि उक्त शाखा भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक -------------के लाइसेंस सं. ----------- के अंतर्गत खोली गई थी और दिनांक-- ------------से (शाखा खोलने की तारीख) --------------(अवस्थिति) में कार्य कर रही है । यदि कार्यालय स्थानांतरित किया गया हो तो, उसकी अवस्थिति में हुए परिवर्तन का उल्लेख जारी किए जानेवाले/पहले ही जारी किए गए पत्र में किया जाए ।
जब तक केंद्रीय कार्यालय से कोई विशिष्ट स्पष्टीकरण प्राप्त करना आवश्यक न हो, बैंकों से प्राप्त निवेदनों को क्षेत्रीय कार्यालय ऊपर दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अपने स्तर पर ही निपटाएं । अलावा इसके, भविष्य में बैंकों को शाखा लाइसेंस भेजते समय अग्रेषण पत्र में आप यह वाक्य भी लिखें कि लाइसेंस, चूंकि एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, इसलिए बैंक उसके परिरक्षण के लिए यथोचित सावधानी बरतें और, यह भी कि उन्हें डुप्लीकेट लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे ।
भवदीय
(सुदर्शन सेन)
महाप्रबंधक
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