भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 – धारा 42(1ए) वृद्धिशील सीआरआर को वापस लेना
भा.रि.बैं./2016-17/174 7 दिसंबर, 2016 अध्यक्ष/ मुख्य कार्यपालक अधिकारी, सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक/ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/ महोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 – धारा 42(1ए) कृपया 26 नवंबर, 2016 का हमारा परिपत्र बैंविवि.सं.आरईटी.बीसी.41/12.01.001/2016-17 देखें जिसके द्वारा सभी अनुसूचित बैंकों से अपेक्षित था कि वे धारा 42(1ए) के अधीन 16 सितंबर 2016 और 11 नवंबर 2016 के बीच निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) में हुई वृद्धि के अनुसार 26 नवंबर 2016 से शुरू होने वाले पखवाड़े से 100% का वृद्धिशील आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखें। 2. उक्त की समीक्षा के बाद, यह निर्णय लिया गया है कि 10 दिसंबर 2016 से शुरू होने वाले पखवाड़े से वृद्धिशील सीआरआर की अपेक्षा को वापस लिया जाए। 3. 7 दिसंबर 2016 की संबंधित अधिसूचना बैंविवि.सं.आरईटी.बीसी.45/12.01.001/2016-17 की प्रति संलग्न है। भवदीय, (एस.एस. बारिक) भा.रि.बैं./2016-17/ 7 दिसंबर, 2016 अधिसूचना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप धारा (1ए) के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और 26 नवंबर 2016 की अधिसूचना बैंविवि.सं.आरईटी.बीसी.40/12.01.001/2016-17 का अधिक्रमण करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतदद्वारा सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों/ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों/ सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों/ सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों द्वारा 16 सितंबर 2016 और 11 नवंबर 2016 के बीच निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) में हुई वृद्धि के अनुसार 100% का वृद्धिशील आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखने की अपेक्षा को 10 दिसंबर 2016 से शुरू होने वाले पखवाड़े से वापस लेता है। (सुदर्शन सेन) |
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