ओटीसी विदेशी मुद्रा तथा ब्याज दर डैरिवेटिव के लिए रिपोर्टिंग प्लेटफार्म
आरबीआई 2011-12/433 9 मार्च 2012 सभी श्रेणी I – प्राधिकृत डीलर बैंक तथा प्राथमिक डीलर महोदया/महोदय, ओटीसी विदेशी मुद्रा तथा ब्याज दर डैरिवेटिव के लिए रिपोर्टिंग प्लेटफार्म जैसा कि आप जानते हैं, रिज़र्व बैंक ने भारत में ओटीसी डैरिवेटिव बाजार की पारदर्शिता को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। अगस्त 2007 में, बैंक ने सीसीआइएल द्वारा विकसित प्लेटफार्म पर अंतर-बैंक/पीडी रुपया फार्वर्ड रेट एग्रीमैंट (एफआरए) तथा ब्याज दर स्वैप (आईआरएस) सौदों की रिपोर्टिंग करना अनिवार्य बना दिया था। इस संदर्भ में, वर्ष 2010-11 के लिए वार्षिक नीति में की गई घोषणा के परिणामस्वरुप, सभी ओटीसी ब्याज दर तथा विदेशी मुद्रा डैरिवेटिव लेनदेनों के लिए एक कुशल, एक ही स्थान पर (सिंगल प्वाइंट) रिपोर्टिंग कार्यविधि के लिए तौर तरीके बनाने के लिए जून 2010 में एक कार्य दल गठित किया गया था। कार्य दल की रिपोर्ट 25 मई 2011 को बैंक की वेबसाइट पर रखी गई। कार्य दल की सिफारिशों के अनुसार, अब यह निर्णय लिया गया है कि: (क) सीसीआईएल द्वारा विकसित किए जाने वाले प्लेटफार्म पर सभी अंतर-बैंक ओटीसी विदेशी मुद्रा डैरिवेटिव की रिपोर्टिंग की जाएगी। (ख) श्रेणी I प्राधिकृत डीलर बैंकों/मार्केट मेकर्स (बैंक/प्राथमिक व्यापारी) तथा उनके ग्राहकों के बीच ओटीसी विदेशी मुद्रा तथा ब्याज दर डैरिवेटिव में सभी/चुनींदा सौदे सीसीआईएल प्लैटफार्म पर रिपोर्ट किए जाएंगे। ऐसा परस्पर सहमत कान्फिडैन्शियलिटि प्रोटोकाल के अधीन किया जाएगा। हमने सीसीआईएल को उपर्युक्त प्रयोजन के लिए रिपोर्टिंग प्लैटफार्म विकसित करने के लिए सूचित कर दिया है। इसके अतिरिक्त, हमने बाजार के प्रतिनिधियों जैसे कि एफईडीएआई, एफआईएमएमडीए और पीडीएआई को भी सूचित किया है कि वे कान्फिडैंशियलिटि प्रोटोकाल तैयार करने में सीसीआईएल की सहायता करें। सीसीआईएल, यथासमय, इस प्रयोजन के लिए आवश्यक तकनीकी उन्नयन तथा विभिन्न लक्ष्यों को पूरा करने के लिए समय सीमा के बारे में बैंकों/प्राथमिक व्यापारियों को सूचना देती रहेगी। आपसे अनुरोध है कि इस परियोजना में सीसीआईएल को आवश्यक सहयोग प्रदान करें ताकि यथा समय निर्धारित की जाने वाली तारीख से रिपोर्टिंग बिना किसी बाधा के प्रारंभ की जा सके। भवदीय (जी. महालिंगम) |
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