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पीपीएफ योजना 1968 - पीपीएफ खातों को समय से पहले बंद करना, खाताधारकों की मृत्यु उपरांत दावों के मामले आदि

आरबीआई/2004-05/170
सं.सीओ.डीटी.15.02.001/एच-2831-53/2004-05

9 सितम्बर 2004

भाद्र 18,1926 (स)

महाप्रबंधक
भारतीय स्टेट बैंक
सरकारी लेखा विभाग
प्रधान कार्यालय
एसबीआई/एसोसिएट बैंक/14 राष्ट्रीयकृत बैंक/
कॉर्पोरेशन बैंक

महोदय,

पीपीएफ योजना 1968 - पीपीएफ खातों को समय से पहले बंद करना, खाताधारकों की मृत्यु उपरांत दावों के मामले आदि।

कृपया दिनांक 16 सितंबर, 2003 के हमारे परिपत्र पत्र सं.सीओ.डी.टी.15.02.001/एच-1651/2002-03 के पैरा संख्या तीन का संदर्भ लें।

2. भारत सरकार ने दिनांक 8 सितम्बर, 2003 और 27 अगस्त, 2004 के अपने पत्र सं.एफ.7/11/02-एनएस-II के माध्यम से शीर्षक योजना का संचालन करने वाले एजेंसी बैंकों के लिए निम्नलिखित स्पष्टीकरण/अनुदेश जारी किए हैं -

(i) सामान्यतः विदेशों में प्रवास, विवाह, सेवानिवृत्ति/नौकरी से निलंबन के आधार पर पीपीएफ खाते को समय से पहले बंद करने के नियमों में छूट देने की आवश्यकता नहीं है।

(ii) केवल अत्यधिक अनुकंपा आधार के मामले (जैसे की जानलेवा बीमारी के मामलों में चिकित्सा सहायता), तथा मृत्यु के मामले, समय से पहले बंद करने के लिए विचारयोग्य हैं।

(iii) केवल उन मृत्यु-दावा मामलों, जहां मौजूदा नियम प्रच्छन्न हैं या जहां निर्दिष्ट प्रावधानों में छूट की आवश्यकता है, को पूर्ण विवरण के साथ विचार के लिए भारत सरकार को अग्रेषित किया जाना चाहिए।

(iv) एजेंसी बैंकों/शाखाओं को पीपीएफ योजना, 1968 के पैरा संख्या 12 के प्रावधानों के अनुसार जहां तक संभव हो सके, ऐसे मृत्यु-दावा मामलों का निपटान स्वयं करना चाहिए।

3. भारत सरकार के उपर्युक्त अनुदेशों को ध्यान में रखते हुए, आपको यह सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती है कि योजना के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार पीपीएफ निपटान मामलों को आपके क्षेत्रीय कार्यालय/प्रधान कार्यालय स्तर पर अंतिम रूप दिया जाए और इसे नियमित रूप से भारत सरकार को नहीं भेजा जाना चाहिए। इसलिए आपसे अनुरोध है कि हमें सूचित करते हुए, अपने क्षेत्रीय/क्षेत्रीय कार्यालयों और नामित शाखाओं को उपयुक्त अनुदेश जारी करें।

4. पत्र की प्राप्ति की पावती प्रदान करें।

भवदीय,

ह/-

(डी राजगोपाल राव)
उप महाप्रबंधक

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