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समुद्रपारीय (ओवरसीज)प्रत्यक्ष निवेश – उदारीकरण / युक्तिकरण

भारिबैंक/2010-11/584
ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.73

29 जून 2011

सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

समुद्रपारीय (ओवरसीज)प्रत्यक्ष निवेश – उदारीकरण / युक्तिकरण

प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-।) बैंकों का ध्यान, समय समय पर यथा संशोधित, 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 (विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2004 (अधिसूचना)) तथा उनके तहत जारी निम्नलिखित परिपत्रों की ओर आकर्षित किया जाता है:

भारत से बाहर के किसी संयुक्त उद्यम (जेवी) अथवा भारत से बाहर की किन्हीं पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों (डब्ल्यूओएस) की बिक्री, बट्टे खाते डालने और न डालने के उपबंध सहित, के तहत अंतरण से संबंधित विभिन्न प्रावधानों के पुनर्प्रस्तुतीकरण की दृष्टि से, मौजूदा दिशा-निर्देश निम्नानुसार समेकित किये गये हैं :

2. संयुक्त उद्यम(जेवी)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों(डब्ल्यूओएस) के शेयरों की बिक्री के मार्फत अंतरण

कोई भारतीय पार्टी, रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन के बिना, दूसरी भारतीय पार्टी को जो 7 जुलाई 2004 की फेमा अधिसूचना 120/आरबी-2004 के विनियम 6 के उपबंधों का पालन करती है अथवा भारत से बाहर के किसी निवासी व्यक्ति को भारत से बाहर के किसी संयुक्त उद्यम (जेवी) अथवा भारत से बाहर की किन्हीं पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों (डब्ल्यूओएस) के अपने शेयरों अथवा की अपनी प्रतिभूति का बिक्री के मार्फत निम्नलिखित शर्तों पर अंतरण कर सकती है:

  1. बिक्री का परिणाम किये गये निवेश में कोई राइट ऑफ (बट्टा) नहीं होना चाहिए।

  2. स्टाक एक्स्चेंज, जहाँ समुद्रपारीय संयुक्त उद्यम(जेवी)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के शेयर सूचीबद्ध हैं, के माध्यम से बिक्री की जाए;

  3. यदि शेयर स्टाक एक्स्चेंजों में सूचीबद्ध नहीँ हैं और शेयरों का विनिवेश निजी व्यवस्था के तहत किया जाता है, तो शेयरों का मूल्य संयुक्त उद्यम (जेवी)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के पिछले (लेटेस्ट) लेखा परीक्षित वित्तीय विवरण के आधार पर उचित मूल्य के रूप में सनदी लेखाकार/प्रमाणित लोक लेखाकार द्वारा प्रमाणित मूल्य से कम नहीं होगा ;

  4.  भारतीय पार्टी को लाभांश, तकनीकी जानकारी शुल्क, रॉयल्टी, परामर्श, कमीशन अथवा अन्य हक़दारी और/अथवा जेवी/ डब्ल्यूओएस से निर्यातगत कोई प्राप्य राशि शेष न हो;

  5.  समुद्रपारीय प्रतिष्ठान पिछले पूरे एक वर्ष कार्यरत रहा हो और उस वर्ष के लिए लेखा परीक्षित लेखे के साथ वार्षिक कार्य निष्पादन रिपोर्ट रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत की गयी हो ;

  6. भारतीय पार्टी के विरूद्ध भारत में केंद्रीय जाँच ब्यूरो/प्रवर्तन निदेशालय/सेबी/आइआरडीए अथवा किसी अन्य विनियामक प्राधिकरण द्वारा जाँच न की जा रही हो ।

3. निवेश को बट्टे खाते डाले जाने के उपबंध वाले जेवी/ डब्ल्यूओएस के शेयरों का बिक्री के मार्फत अंतरण 

(ए) भारतीय पार्टियां निम्नलिखित मामलों में रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन के बिना विनिवेश कर सकती हैं जहाँ विनिवेश पर प्रत्यावर्तित की जानेवाली राशि मूल निवेश की राशि से कम हो:

(i) जहाँ जेवी/ डब्ल्यूओएस समुद्रपारीय स्टॉक एक्स्चेंज में सूचीबद्ध है;

(ii) जहाँ भारतीय पार्टी भारत में स्थित किसी स्टॉक एक्स्चेंज में सूचीबद्ध है और जिसकी निवल मालियत 100 करोड़ रूपयों से कम नहीं है;

(iii) जहाँ भारतीय पार्टी गैर-सूचीबद्ध कंपनी है और विदेशी उद्यम में उसका निवेश 10 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक नहीं है और

(iv) जहाँ भारतीय पार्टी 100 करोड़ रूपयों से कम निवल मालियत वाली सूचीबद्ध कंपनी है परंतु समुद्रपारीय जेवी/ डब्ल्यूओएस में जिसका निवेश 10 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक नहीं है।

(बी) ऐसे विनिवेश उपर्युक्त पैराग्राफ 2 की मद (ii) से (iv) में दी गयी शर्तों के तहत होंगे ।

4. भारतीय पार्टी को विनिवेश की तारीख से 30 दिनों के भीतर अपने नामित प्राधिकारी व्यापरी श्रेणी -। बैंक के माध्यम से ऐसे विनिवेश के ब्योरे प्रस्तुत करने आवश्यक हैं ।

5. विदेश स्थित अपने जेवी/ डब्ल्यूओएस में विनिवेश करने की उपर्युक्त शर्तें पूरी न करनेवाली भारतीय पार्टी को एतदर्थ रिज़र्व बैंक की पूर्व मंजूरी प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होगा ।

6. विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किये जाएंगे।

7.  प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करायें ।

8. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं ।

भवदीया,

(डॉ.सुजाता एलिज़ाबेथ प्रसाद)
 मुख्य महाप्रबंधक

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