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जहाज हेतु मजदूर मुहैया कराने वाले / कर्मीदल प्रबंधन एजेंसियों द्वारा भारत में विदेशी मुद्रा खाते खोलना

भारिबैंक/2015-16/184
ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 15

24 सितंबर 2015

सभी श्रेणी - । प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

जहाज हेतु मजदूर मुहैया कराने वाले / कर्मीदल प्रबंधन
एजेंसियों द्वारा भारत में विदेशी मुद्रा खाते खोलना

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 10/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली 2000 के विनियम 6 और 30 अप्रैल 2007 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.48 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार मजदूर/कर्मीदल की सेवाएं मुहैया कराने वाली जहाजरानी/हवाई एजेंसी को, जो भारत से बाहर निगमित किसी जहाजरानी/हवाई कंपनी को सेवाएं देती है, ऐसी जहाजरानी/हवाई कंपनी के भारत में स्थानीय खर्चों के लिए भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक के पास ब्याज रहित विदेशी मुद्रा खाता खोलने और बनाए रखने की सामान्य अनुमति है।

2. इस संबंध में कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से, विदेशी जहाजरानी अथवा हवाई कंपनियों अथवा भारत में उनके एजेंटों को किसी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों के पास खोले गए विदेशी मुद्रा खातों के परिचालन से संबंधित दिशानिर्देश पुन: नीचे दिए जा रहे हैं :

ए) भारत में माल भाड़े अथवा यात्री किराए की ही वसूली अथवा ओवरसीज़ प्रिंसिपल से सामान्य बैंकिंग चैनल से प्राप्त आवक विप्रेषणों को ही ऐसे खाते में जमा किया जाएगा। सामान्य कारोबार के दौरान जहाज / कर्मीदल के प्रबंधन के संबंध में हुए विभिन्न खर्चे ही इसमें नामे डाले जाएंगे।

बी) ऐसे खाते में रखी निधियों की जमानत पर कोई ऋण सुविधा (निधि आधरित अथवा गैर निधि आधरित) नहीं दी जाएगी।

सी) बैंक ऐसे खातों के जमाशेष के संबंध में निर्धारित प्रारक्षित अपेक्षाओं को पूरा करें।

डी) इन खातों में आए विप्रेषणों से विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खातेगत सुविधा की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

ई) ये खाते करार की वैधता अवधि के दौरान ही रखे जाएंगे।

3. प्रधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं।

4. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं।

भवदीय,

(ए. के. पाण्डेय)
मुख्य महाप्रबंधक

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