अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के कार्यान्वयन के लिए तौर तरीके
आरबीआई/2014-15/609 21 मई 2015 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / महोदय, अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के कार्यान्वयन के लिए तौर तरीके वित्त मंत्रालय, भारत सरकार ने 9 मई 2015 को अटल पेंशन योजना आरंभ करने की घोषणा की है। यह योजना विशेष रूप से गरीबों और विशेषाधिकार से वंचित वर्ग के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा उपाय है जिसके अंतर्गत अंशदान और उसकी अवधि के आधार पर परिभाषित पेंशन दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत नामांकन 1 जून 2015 से तुरंत लागू रूप में शुरू किया जाएगा। एपीवाई असंगठित क्षेत्र के सभी नागरिकों के लिए है जो पीएफ़आरडीए द्वारा प्रशासित एनपीएस में सम्मिलित होते हैं। एपीवाई के अंतर्गत अभिदाता को 60 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर उनके एपीवाई में शामिल होने की आयु के आधार पर प्रतिमाह ₹1,000 से ₹5,000 के निर्धारित न्यूनतम पेंशन प्राप्त होंगे। एपीवाई में शामिल होने के लिए न्यूनतम आयु 18 साल और अधिकतम आयु 40 साल है। इसलिए एपीवाई के अंतर्गत किसी भी अभिदाता के लिए अंशदान हेतु अवधि 20 साल या उससे अधिक का होता है। निर्धारित न्यूनतम पेंशन देने की गारंटी सरकार की होगी। 2. सरकार द्वारा अंतिम रूप दिए गए प्रारम्भिक नियमों और शर्तों के अनुसार सदस्य बैंकों द्वारा इस योजना को कार्यान्वित किया जाएगा। इन नियमों एवं शर्तों की प्रति आपकी सूचना एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए संलग्न किया गया है। 7 और 8 मई 2015 का कार्यालय आदेश, योजना के संदर्भ में सूचना 30 अप्रैल 2015 की अधिसूचना, आम तौर पर पूछे जाने वाले सवाल, एपीवाई अभिदाता पंजीकरण फॉर्म, प्राप्ति स्वीकृति आदि संलग्नक I से V तक में दिया गया है। वित्त वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक पांच साल के लिए 31 मार्च 2015 से पूर्व एनपीएस में सम्मिलित होने वाले तथा अन्य किसी सांविधिक सामाजिक सुरक्षा योजना के सदस्य न होने वाले और आयकर का भुगतान न करने वाले हर योग्य अभिदाता के खाते में केंद्र सरकार द्वारा कुल अभिदान का 50% या ₹1000 प्रतिवर्ष जो भी कम हो का सह योगदान दिया जाएगा। फिर भी उक्त तारीख के बाद भी योजना लागू रहेगा लेकिन सरकार की ओर से योगदान नहीं दिया जाएगा। पीएफ़आरडीए द्वारा निर्धारित अवधि के अनुसार केंद्रीय रेकॉर्ड कीपिंग एजेंसी से पुष्टि प्राप्त करने के उपरांत पीएफ़आरडीए द्वारा पात्र पीआरएएन को सरकारी अंशदान देय है। फिर भी योजना के लिए निधि सहायता आवश्यक बजटीय प्रावधान करने के लिए पूरक मांग के माध्यम से संसद से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही निकाला जाएगा। 3. ये योजनाएं सिस्टम चालित सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली के माध्यम से कार्यान्वयित किए जा रहे हैं और निवेश की राशि खाता धारक के बचत खाते से बैंक द्वारा ऑटो डेबिट की सुविधा के माध्यम से ली जाएगी। इसलिए शहरी सहकारी बैंक पीएफ़आरडीए के साथ समन्वयन करते हुए ऑनलाईन नामांकन समेत के प्रयोजनों के लिए अपने सीबीएस पैकेज और बीसी के संदर्भ में हैंड हेल्ड उपकरण में परिवर्तन हेतु सॉफ्टवेयर में आवश्यक प्रावधान करें। प्राप्ति स्वीकृति स्लिप को इस प्रकार तैयार करें कि उसे प्राप्ति स्वीकृति और एपीवाई प्रमाणपत्र के रूप में इकट्ठे प्रयोग में लाए जा सकें। 4. सभी प्राथमिक शहरी सहकारी बैंक जो बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949(एएसीएस) की धारा 35क के अधीन निदेशाधीन नहीं है और पूर्णत: सीबीएस कार्यान्वित है और अपने सीबीएस में आवश्यक मॉड्यूल का सृजन/ बीसी के हैंड हेल्ड उपकरण के सॉफ्टवेयर में इस प्रकार के प्रावधान कर सकते हैं वे इस योजना में भाग ले सकते हैं। 5. शहरी सहकारी बैंक द्वारा इन योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए नोडल अधिकारी कों नियुक्त किया जाए और हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को बैंक का नाम, पता, नोडल अधिकारी का नाम, दूरभाष संख्या, ई मेल पता आदि प्रस्तुत करें ताकि हम उसे वित्त मंत्रालय, भारत सरकार को भेज सकें। 6. योजनाओं के संदर्भ में जानकारी www.jansuraksha.gov.in/www.financialservices.gov.in पर उपलब्ध है। भवदीया (सुमा वर्मा) सं: यथोपरि (परिशिष्ट I,II,III,IV और V) |
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