गहरे समुद्र में मछलियां पकड़ने वाले जलयान से पकड़े गए शिकार/जीवों का समुद्र के बीच से ही लदान
भारिबैंक/2011-12/267 21 नवंबर 2011 सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, गहरे समुद्र में मछलियां पकड़ने वाले जलयान से प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। (प्रा.व्या. श्रेणी-।) बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23 / 2000 - आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 के विनियम 3 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें यह उल्लेख है कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में भौतिक या अन्य किसी तरीके से माल और साफ्टवेयर का निर्यात करने वाले निर्धारित फार्म में विनिर्दिष्ट प्राधिकारी को एक घोषणापत्र प्रस्तुत करेंगे जिसमें निर्यात किए गए माल के पूर्ण निर्यात मूल्य के साथ सही ब्योरे विनिर्दिष्ट साक्ष्यों सहित प्रस्तुत हों और उनमें पुष्टि की गई हो कि माल के पूर्ण निर्यात मूल्य को वसूला जाएगा और विनिर्दिष्ट अवधि एवं तरीके से उसे प्रत्यावर्तित किया जाएगा। 2. समुद्री मछलियों/जीवों को पकड़ने की व्यापाक नीति (कंप्रेहेंसिव मरीन फिशिंग पालिसी) के अनुसार कृषि मंत्रालय, भारत सरकार पूर्ण स्वामित्व वाले भारतीय उपक्रमों को एतदर्थ विशिष्ट जलयान/नों (संसाधनों) के अर्जन/अधिग्रहण हेतु अनुमति पत्र जारी करता है और इन जलयानों के परिचालन को विनियमित करता है। चूंकि गहरे समुद्र में मछलियों/समुद्री जीवों को पकड़ने के लिए भू-सीमा से दूर लगातार नौ-चालन(सेलिंग) करना होता है और किए गए शिकार/पकड़े गए समुद्री जीवों का (प्रेषण) लदान काफी गहरे समुद्र में होता है जिससे विनियामक रिपोर्टिंग अपेक्षा अर्थात 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 23/2000- आरबी के अनुसार निर्यात घोषणापत्र को प्रस्तुत करने में प्रक्रियात्मक बाधा आती है। 3. इस प्रक्रिया को युक्तियुक्त बनाने के दृष्टिकोण से भारत सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदण्डों के अनुसार भारतीयों के स्वामित्व वाले जलयानों द्वारा किए गए शिकार/पकड़े गए समुद्री जीवों का समुद्र से ही (प्रेषण) लदान होने के संबंध में निर्यातकों द्वारा संलग्नक-I में दी गई प्रक्रिया का पालन 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 23/2000/आरबी के विनियम 3 के तहत जीआर घोषणा करने के बाबत किया जाए। 4. इंटरनेशनल मॅरीन कारगो सर्वेयर्स की एक अद्यतन सूची संलग्नक II के रूप में जोड़ी गई है। 5. यह नोट किया जाए कि 31 मई 1993 के ए.डी. (एमए सिरीज) परिपत्र सं. 15 द्वारा पहले जारी अनुदेश एतद्द्वारा अधिक्रमित किए जाते हैं। 6. निर्यात के संबंध में फेमा के अंतर्गत लागू सभी अन्य उपबंध/शर्तें, आवश्यक परिवर्तनों सहित, गहरे समुद्र में फिशिंग करने वाले जलयानों द्वारा समुद्र से हुए (प्रेषण) लदानों पर लागू होंगे/होंगी। 7. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों/ग्राहकों को अवगत करायें । 8. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमत/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं । भवदीया, (रश्मि फौजदार) |
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