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यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन-संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का संकल्प (यूएनएससीआर) 1267(1999)/1989(2011) समिति की ‘अल-कायदा प्रतिबंध सूची’ को अद्यतन करना

भारिबैं/2014-15/548
बैंविवि.एएमएल.सं.15135/14.06.001/2014-15

9 अप्रैल, 2015

अध्यक्ष/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक/ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/
स्थानीय क्षेत्र बैंक / अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं

महोदय/महोदया,

यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन-संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का संकल्प (यूएनएससीआर) 1267(1999)/1989(2011) समिति की ‘अल-कायदा प्रतिबंध सूची’ को अद्यतन करना

कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 7 अप्रैल, 2015 का हमारा परि‍पत्र बैंविवि.एएमएल.सं.14894/14.06.001/2014-15 देखें जिसके द्वारा यूएनएससीआर 1267(1999)/1989(2011) समिति की ‘अल-कायदा प्रतिबंध सूची’ पर दिनांक 23 मार्च, 2015 का आठवाँ अद्यतन टि‍प्पण और 31 मार्च, 2015 का दसवां अद्यतन टि‍प्पण (अपडेट) जारी किया गया है।

2. यूएनपी प्रभाग, वि‍देश मंत्रालय (एमईए) ने हमें दिनांक 7 अप्रैल, 2015 का ग्यारहवाँ अद्यतन टि‍प्पण भेजा है जो प्रतिबंध सूची में एक व्यक्ति का नाम जोड़ने से संबंधित है (प्रतिलिपि संलग्न)। 7 अप्रैल, 2015 के ग्यारहवें अद्यतन टिप्पण से संबंधित प्रेस प्रकाशनी निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध है:
http://www.un.org/press/en/2015/sc11853.doc.htm

अलकायदा से संबद्ध व्‍यक्तियों व संस्थाओं की अद्यतित सूची निम्‍नलिखित लिंक पर उपलब्‍ध है:
http://www.un.org/sc/committees/1267/1267.pdf

3. बैंकों/ अखि‍ल भारतीय वि‍त्तीय संस्थाओं से अपेक्षा की जाती है कि‍ वे रि‍ज़र्व बैंक द्वारा परि‍चालि‍त व्यक्ति‍यों/संस्थाओं की सूची को अद्यतित करें। कोई नया खाता खोलने के पहले वे यह सुनि‍श्चि‍त करें कि‍ प्रस्तावि‍त ग्राहक का नाम उक्त सूची में न हो। इसके अलावा, बैंकों को सभी मौजूदा खातों की जांच करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सूची में शामिल संस्था या व्यक्ति द्वारा कोई खाता नहीं रखा जा रहा है या उनका किसी खाते से संबंध नहीं है।

4. बैंकों को सूचि‍त कि‍या जाता है कि‍ वे हमारे 17 सि‍तंबर 2009 के परि‍पत्र बैंपवि‍वि‍.एएमएल.बीसी.सं.44/14.01.001/2009-10 के साथ संलग्न 27 अगस्त 2009 के यूएपीए आदेश में नि‍र्धारि‍त प्रक्रि‍या का कड़ाई से अनुसरण करें तथा सरकार द्वारा जारी आदेश का अक्षरश: अनुपालन सुनि‍श्चि‍त करें।

5. जहाँ तक नि‍र्दि‍ष्ट व्यक्ति‍यों/ संस्थाओं द्वारा बैंक खातों के रूप में रखी गयी नि‍धि‍यों, वि‍त्तीय आस्ति‍यों या आर्थि‍क संसाधनों या संबंधि‍त सेवाओं पर रोक लगाने का संबंध है, 17 सि‍तंबर 2009 के उपर्युक्त परि‍पत्र के पैरा 6 में बताए गए अनुसार कार्रवाई की जानी चाहि‍ए।

6. सूची में किए गए परिवर्तनों से संबंधित प्रेस वि‍ज्ञप्ति का लिंक समिति की वेबसाइट के निम्‍नलिखित यूआरएल पर उपलब्‍ध कराया गया है:
http://www.un.org/sc/committees/1267/pressreleases.shtml

7. अनुपालन अधि‍कारी/प्रधान अधि‍कारी इस परि‍पत्र की प्राप्ति-सूचना दें।

भवदीय,

(थॉमस मैथ्यू)
महाप्रबंधक

अनुलग्नक : यथोक्त

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