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भारतीय लेखा मानकों (इंड एएस) का कार्यान्वयन

भा.रि.बैंक/2022-2023/182
विवि.एसीसी.आरईसी.सं.104/21.07.001/2022-23

20 फरवरी 2023

महोदय/महोदया

भारतीय लेखा मानकों (इंड एएस) का कार्यान्वयन

कृपया उक्त विषय पर दिनांक 13 मार्च 2020 को जारी परिपत्र विवि(एनबीएफसी). सीसी.पीडी.सं.109/22.10.106/2019-20 के साथ पठित आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियों के लिए जारी दिनांक 01 अप्रैल 2022 के मास्टर परिपत्र विवि.एसआईजी.एफआईएन.आरईसी 1/26.03.001/2022-23 के पैरा 13 (iii) का संदर्भ लें।

2. यह पाया गया है कि इंड एएस (Ind AS) के कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप, कुछ आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां (एआरसी) प्रबंधन शुल्क को मान्यता दे रही हैं, यद्यपि उक्त शुल्क 180 दिनों से अधिक समय तक वसूल नहीं किया गया हो।

3. अप्राप्त आय की निरंतर मान्यता से उत्पन्न होने वाली विवेकपूर्ण चिंताओं को दूर करने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि इंड एएस के अनुसार अपने वित्तीय विवरण तैयार करने वाली एआरसी, पूंजी पर्याप्तता अनुपात की गणना करते समय अपने निवल स्वाधिकृत निधि से और लाभांश के भुगतान के लिए उपलब्ध राशि की गणना करते समय निम्नलिखित राशियों को कम करेंगी:

  1. योजना अवधि1 के दौरान मान्यता प्राप्त प्रबंधन शुल्क, जो योजना अवधि की समाप्ति की तारीख से 180 दिनों के बाद अप्राप्त रहता है।

  2. योजना अवधि की समाप्ति के बाद मान्यता प्राप्त प्रबंधन शुल्क जो ऐसी मान्यता के बाद 180 दिनों से अधिक अप्राप्त रहता है।

  3. उस अवधि का संज्ञान लिए बिना जिसके लिए यह अप्राप्त रहा है, ऐसा कोई भी अप्राप्त प्रबंधन शुल्क, जहां प्रतिभूति प्राप्तियों का शुद्ध आस्ति मूल्य अंकित मूल्य के 50 प्रतिशत से कम हो गया है।

उप-अनुच्छेदों (क) (ख) और (ग) में निर्दिष्ट अप्राप्त प्रबंधन शुल्क में जो कि निवल स्वाधिकृत निधि और लाभांश के भुगतान के लिए उपलब्ध राशि से कम की जानी है, वह राशि संबन्धित विशिष्ट अपेक्षित क्रेडिट हानि भत्ते (ECL Allowance) और उस पर निहितार्थ कर, यदि कोई हो, की निवल राशि होगी।

4. बोर्ड की लेखापरीक्षा समिति (एसीबी) द्वारा अप्राप्त प्रबंधन शुल्क की मात्रा की समीक्षा की जाएगी और वित्तीय विवरणों को अंतिम रूप देते समय उक्त अप्राप्त प्रबंधन शुल्क की वसूली योग्यता पर एसीबी स्वयं को संतुष्ट करेगी। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रबंधन शुल्क की गणना मौजूदा नियमों के अनुसार कड़ाई से की जाती है।

5. वार्षिक वित्तीय विवरणों में लेखों पर टिप्पणियों के एक भाग के रूप में, एआरसी द्वारा नीचे निर्दिष्ट प्रारूप में अपनी बहियों में मान्यता प्राप्त अप्राप्त प्रबंधन शुल्क के काल प्रभावन (ageing) के बारे में जानकारी का प्रकटीकरण करेंगे:

  चालू वर्ष की समाप्ति के अनुसार विगत वर्ष की समाप्ति के अनुसार
वसूली योग्य अप्राप्त प्रबंधन शुल्क की बकाया राशि    
1. उपरोक्त में से, निम्नलिखित के लिए बकाया राशि:    
(क) वे राशियाँ जहाँ प्रतिभूति प्राप्तियों का शुद्ध आस्ति मूल्य अंकित मूल्य के 50 प्रतिशत से कम हो गया है    
(ख) अन्य राशियाँ जिनकी वसूली निम्नांकित अवधि तक नहीं हुई है:
(i) 180 दिन से अधिक परंतु 1 वर्ष तक
(ii) 1 वर्ष से अधिक परन्तु 3 वर्ष तक
(iii) 3 वर्ष से अधिक
   
वसूल न किए गए प्रबंधन शुल्क के लिए बनाए गए भत्ते    
प्राप्त करने योग्य निवल अप्राप्त प्रबंधन शुल्क    

प्रयोज्यता

6. यह परिपत्र इंड एएस (Ind AS) के अनुसार अपने वित्तीय विवरण तैयार करने वाली सभी एआरसी पर लागू होता है।

भवदीया

(उषा जानकीरमन)
मुख्य महाप्रबंधक


1 योजना अवधि का अर्थ है, पुनर्निर्माण के उद्देश्य से अधिग्रहीत वित्तीय आस्तियों की वसूली के लिए योजना तैयार करने के लिए अवधि जो छह महीने से अधिक की नहीं हो, जैसा कि दिनांक 01 अप्रैल 2022 को आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियों पर जारी मास्टर परिपत्र के खंड 2(xii) में परिभाषित किया गया है।

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