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भारतीय लेखांकन मानकों का कार्यान्वयन

भारिबैं/2020-21/15
विवि.(गैबैंविक).कंपरि.नीप्र.सं.116/22.10.106/2020-21

24 जुलाई 2020

सेवा में

भारतीय लेखांकन मानकों को अपनाने वाली सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ और आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ

महोदया/महोदय,

भारतीय लेखांकन मानकों का कार्यान्वयन

कृपया शीर्षांकित विषय पर दिनांक 13 मार्च 2020 के हमारे परिपत्र विवि.(गैबैंविक).कंपरि.नीप्र.सं.109/22.10.106/2019-20 के अनुलग्नक के पैरा 3 का संदर्भ ग्रहण करें, जिसके अनुसार वित्तीय साधनों के उचित मूल्यांकन पर उत्पन्न होने वाले किसी भी निवल अप्राप्त लाभ को स्वाधिकृत निधि में शामिल नहीं किया जाना चाहिए जबकि ऐसे सभी निवल हानियों की गणना की जानी चाहिए।

2. समीक्षा के उपरांत, यह निर्णय लिया गया है कि हेजिंग के लिए सम्पन्न व्युत्पन्नी लेन-देन पर अप्राप्त लाभ/हानि का प्रतितुलन समरूप अंतर्निहित हेजिंग लिखत पर पूंजी की मान्यता प्राप्त अप्राप्त हानि/लाभ (लाभ या हानि के माध्यम से अथवा अन्य व्यापक आय के माध्यम से) के बदले में की जा सकती है। यदि अन्य वित्तीय लिखतों पर अप्राप्त लाभ/हानि के साथ इस तरह के प्रतितुलन और निवलीकरण के पश्चात भी निवल अप्राप्त लाभ शेष है, तो इसे उक्त परिपत्र के अनुलग्नक के पैराग्राफ 3 में अपेक्षित विनियामकीय पूंजी से बाहर रखा जाए।

3. यह भी स्पष्ट किया जाता है कि अप्राप्त लाभ/हानि को कराधान के पश्चात निवल माना जाए। अन्य सभी निर्देश अपरिवर्तित हैं।

भवदीय

(मनोरंजन मिश्रा)
मुख्य महाप्रबंधक

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