स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015
भारिबैंक/2017-18/192 7 जून 2018 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदय/महोदया, स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा दिनांक 22 अक्तूबर 2015 के भारतीय रिज़र्व बैंक (स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015) मास्टर निदेश सं.बैंविवि.आईबीडी.सं.45/23.67.003/2015-16 में निम्नानुसार संशोधन तत्काल प्रभाव से किया जाता है: (i) विद्यमान उप—पैराग्राफ 2.2.1 (ii) को संशोधित करके निम्नानुसार पढ़ा जाएगा: “अल्पावधि जमाओं को बैंक की तुलनपत्र पर देयता माना जाएगा। ये जमाएं प्राधिकृत बैंक में 1-3 वर्ष की अल्पावधि के लिए (पुनर्निर्धारण (रॉल ऑवर) सुविधा के साथ) की जाएंगी। खंडित अवधि (उदा. 1वर्ष 3 महीने; 2 वर्ष 4 महीने 5 दिन; आदि) के लिए भी जमाओं की अनुमति दी जा सकती है। खंडित अवधि के साथ परिवक्वता वाली जमाओं के मामले में देय ब्याज की गणना पूर्ण वर्ष के लिए ब्याज की राशि और डी/360* एआरआई की दर से शेष दिनों के ब्याज के जोड के रूप में की जाएगी" जहां, एआरआई= वार्षिक ब्याज दर 2. विद्यमान उप—पैराग्राफ 2.2.2 (iv) को संशोधित करके निम्नानुसार पढ़ा जाएगा: “मध्यम और दीर्घावधि सरकारी जमा (एमएलटीजीडी) के अन्य विशेषताएं निम्नानुसार है: (a) परिपक्वता मध्यम अवधि सरकारी जमा (एमटीजीडी) 5-7 वर्ष तक किया जा सकता है तथा दीर्घावधि सरकारी जमा (एलटीजीडी) 12-15 वर्ष के लिए, अथवा ऐसी अवधि के लिए किया जा सकता है, जैसा कि केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर तय किया जाएगा। खंडित अवधि (उदा. 5वर्ष 7 महीने; 13वर्ष 4 महीने 15 दिन; आदि) के लिए भी जमाओं की अनुमति दी जा सकती है। (b) ब्याज दर • ऐसे जमाओं पर ब्याज दर समय समय पर केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित की जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित की गई वर्तमान ब्याज दरें निम्नानुसार हैं: (i) मध्यम अवधि जमा पर – 2.25% प्रतिवर्ष (ii) दीर्घावधि जमा पर – 2.50% प्रतिवर्ष • खंडित अवधि के साथ परिपक्वता वाली जमाओं के मामले में देय ब्याज की गणना पूर्ण वर्ष के लिए ब्याज की राशि और डी / 360 * एआरआई की दर से शेष दिनों की ब्याज के जोड के रूप में की जाएगी" जहां, एआरआई= वार्षिक ब्याज दर (c) ब्याज भुगतान की आवधिकता इन जमाओं पर ब्याज भुगतान की आवधिकता वार्षिक है और हर वर्ष 31 मार्च को भुगतान किया जाएगा। जमाकर्ता के पास वार्षिक रूप से सामान्य ब्याज या परिपक्वता के समय संचयी ब्याज, ऐसे मामले में वार्षिक आधार पर चक्रवृद्धित किया जाएगा, का भुगतान प्राप्त करने का विकल्प होगा। इस विकल्प का उपयोग जमा के समय किया जाएगा। (d) न्यूनतम अवरुद्धता (लॉक इन) अवधि मध्यम अवधि सरकारी जमा (एमटीजीडी) को 3 वर्ष के बाद तथा दीर्घावधि सरकारी जमा (एलटीजीडी) को 5 वर्ष के बाद किसी भी समय आहरण की अनुमति है। (e) अवधिपूर्व आहरण पर ब्याज अवरुद्धता अवधि के पश्चात् अवधि-पूर्व आहरण पर जमाकर्ता को अदा की जाने वाली राशि की गणना नीचे (अ) और (आ) में दर्शाए गए अनुसार की जाएगी: (A) आहरण के दिन स्वर्ण जमा का वास्तविक बाजार मूल्य। (B) जमा के समय स्वर्ण के मूल्य पर देय ब्याज निम्नानुसार है।
3. विद्यमान उप—पैराग्राफ 2.2.2 (v) को निम्नानुसार संशोधित किया जाएगा: “एमएलटीजीडी के मामले में, परिपक्वता पर मूलधन का मोचन जमाकर्ता के विकल्प के अनुसार या तो मोचन के समय भारतीय रुपये में जमा किए गए स्वर्ण के बराबर राशि में अथवा स्वर्ण में किया जाएगा। तथापि, एमएलटीजीडी का अवधिपूर्व मोचन केवल भारतीय रुपये में होगा। जहां जमा का मोचन स्वर्ण में किया जाएगा; वहां जमाकर्ता से आनुमानिक मोचन राशि पर भारतीय रुपये में 0.2% की दर से प्रशासनिक प्रभार वसूला जाएगा। तथापि, एमएलटीजीडी पर उपचित ब्याज की गणना जमा के समय स्वर्ण के भारतीय रुपये में मूल्य के संदर्भ में की जाएगी तथा उसका भुगतान केवल नकद में किया जाएगा।” 4. विद्यमान उप—पैराग्राफ 2.2.2 (ix) को निम्नानुसार संशोधित किया जाएगा: “केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है कि 05 नवंबर 2016 से अगली सूचना तक प्राधिकृत बैंकों को एमएलटीजीडी के लिए 1.5% की एक समान दर पर हैंडलिंग प्रभार (स्वर्ण की शुद्धता की जांच करने, परिष्करण, परिवहन, भंडारण तथा अन्य संबंधित लागतों सहित) तथा योजना के अंतर्गत जुटाए गए स्वर्ण के बराबर भारतीय रुपये में राशि के 1% कमीशन का भुगतान किया जाए।” 5. उपर्युक्त संशोधनों को सम्मिलित करते हुए दिनांक 22 अक्तूबर 2015 के भारतीय रिज़र्व बैंक मास्टर निदेश सं बैंविवि.आईबीडी.सं.45/23.67.003/2015-16 को अद्यतन किया गया है। भवीदय (प्रकाश बलियारसिंह) |
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