स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015
भारिबैं/2019-20/43 16 अगस्त 2019 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015 बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 की धारा 35क के अधीन भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक तत्काल प्रभाव से दिनांक 22 अक्तूबर 2015 के भारतीय रिज़र्व बैंक (स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015) पर मास्टर निदेश सं.बैंविवि.आईबीडी.सं.45/23.67.003/2015-16 में निम्नलिखित परिवर्तन करता है। 1. मौजूदा सब-पैरा 2.1.1(v) को इस प्रकार पढे जाने के लिए संशोधित किया जाए: “योजना के अंतर्गत सभी जमाएं सीपीटीसी में की जाएंगी। बशर्ते, बैंक अपने विवेकानुसार निर्दिष्ट शाखाओं में स्वर्ण की जमाएं स्वीकार कर सकते हैं, विशेषत: बड़े जमाकर्ताओं से। बैंक अपनी उपस्थिति वाले राज्य/ संघ शासित क्षेत्र में इस योजना के अंतर्गत जमा स्वीकार करने के लिए कम से कम एक शाखा की पहचान करेंगे। बशर्ते यह भी कि बैंक अपने विवेकानुसार जमाकर्ताओं को सीधे ऐसी शोधशालाओं में स्वर्ण जमा करने की अनुमति भी दे सकते हैं, जिनके पास अंतिम परख करने तथा जमाकर्ता को 995 परिशुद्धता वाले मानक स्वर्ण की जमा रसीद जारी करने की सुविधाएं हैं।” 2. एक नया सब-पैरा 2.1.1 (xii) इस प्रकार पढे जाने के लिए सम्मिलित किया जाए: “सभी प्राधिकृत बैंक अपनी शाखाओं, वेबसाइट और अन्य माध्यमों द्वारा योजना का पर्याप्त प्रचार करेंगे।” 3. दिनांक 22 अक्तूबर 2015 के भारतीय रिज़र्व बैंक (स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015) पर मास्टर निदेश सं.बैंविवि.आईबीडी.सं.45/23.67.003/2015-16 को उपर्युक्त परिवर्तनों को शामिल करते हुए अद्यतन किया गया है। भवदीय (सौरभ सिन्हा) |
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