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बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश – प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना में संशोधन

भारिबैंक/2013-14/629
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 139

5 जून 2014

सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश – प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना में संशोधन

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 20/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (मूल विनियमावली) की अनुसूची 1 के संलग्नक 'बी' की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अनुमत क्षेत्रों/गतिविधियों के लिए प्रवेश मार्ग, सेक्टोरल कैप और अन्य शर्तें विनिर्दिष्ट हैं। उक्त अनुसूची के अनुसार, बीमा क्षेत्र में स्वचालित मार्ग के तहत 26 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी गयी है।

2. बीमा क्षेत्र के लिए मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की अब समीक्षा की गई है। तदनुसार,   विदेशी संस्थागत निवेशकों(FIIs)/विदेशी पोर्टफोलियों निवेशकों(FPIs) और अनिवासी भारतीयों (NRIs) द्वारा बीमा क्षेत्र में स्वचालित मार्ग के तहत 26% तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने के लिए अनुमति, 4 फरवरी 2014 के प्रेस नोट 2 (2014 सीरीज) की शर्तों के अधीन, दी जाएगी जो 4 फरवरी 2014 से प्रभावी है।

3. इस संबंध में औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी 4 फरवरी 2014 के प्रेस नोट 2 (2014 सीरीज) की प्रतिलिपि संलग्न है।

4. रिज़र्व बैंक ने मूल विनियमावली 27 मई 2014 के जीएसआर सं. 361(ई) के जरिए अधिसूचित 4 अप्रैल 2014 की अधिसूचना सं. फेमा. 301/2014-आरबी द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (चौथा संशोधन) विनियमावली, 2014 के द्वारा संशोधित कर दी है।

5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों और घटकों को अवगत कराएं ।

6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं ।

भवदीय,

(बी.पी.कानूनगो)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

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