विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2009
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं.फेमा 189 /आरबी-2009 दिनांक: फरवरी 27, 2009 विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खण्ड (ञ) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.8/आरबी-2000)में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्, (ख) यह माना जायेगा कि ये विनियम,नवंबर 2008 के 10वें दिन से लागू हैं । 2.विनियम में संशोधन- विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.8/आरबी-2000) में, विनियम 4 के उप विनियम (1क) के बाद निम्नलिखित नया उप-विनियम अंत:स्थापित किया जाएगा अर्थात्,- "(1ख) भारत में कोई प्राधिकृत व्यापारी , भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय समय पर इस संबंध में विनिर्दिष्ट शर्तों के अधीन , भारत में रहने वाले किसी व्यक्ति के किसी दायित्व की गारंटी दे सकता है अथवा समर्थनकारी पत्र जारी कर सकता है और भारत में रहने वाले ऐसे किसी व्यक्ति के अनुमत पण्य बचाव लेनदेन के संबंध में मार्जिन राशि के भुगतान के लिए भारत से बाहर रहनेवाले किसी व्यक्ति का देनदार हो सकता है ।" (सलीम गंगाधरन) पाद टिप्पणी : 2) मूल विनियमावली 5 मई 2000 को जीएस.आर.सं. 391 (अ) के जरिये सरकारी राजपत्र भाग ।।, धारा 3, उपधारा ( i)में प्रकाशित की गयी और तत्पश्चात् निम्नलिखित द्वारा संशोधित की गयी :
|
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: