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विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाता) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2002

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय - मुंबई

अधिसूचना सं.फेमा.63/2002-आरबी

दिनांक : 1 अप्रैल, 2002

विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा
विदेशी करेंसी खाता) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2002

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 9 के खण्ड (बी) तथा धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (ई) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और 27 फरवरी 2001 की अधिसूचना सं. फेमा.37/2001-आरबी) के अधिक्रमण में भारतीय रिज़र्व बैंक,विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के निवासी किसी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली 2000 में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्,

1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ :-

(i) ये विनियमों को विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता) (तृतीय संशोधन) विनियमावली 2002 कहा जायेगा ।

(ii) ये सरकारी गजट में उनके प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे।

विनियमों में संशोधन :-

2. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता) (तृतीय संशोधन) विनियमावली 2002 (इसके पश्चात यह "उक्त विनियमावली " कहा जायेगा)विनियमावली , पैरा 6 के पश्चात निम्नलिखित पैरा प्रतिस्थापित किया जाएगा, की अनुसूची में ,

(i) पैरा(1) के लिए निम्नलिखित पैरा जोड दिया जाएगा, अर्थात्;

" 6 ए विशेष आर्थिक अंचल क्षेत्र में इकाई का विदेशी मुद्रा खाता।"

विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थित इकाई भारत में प्राधिकृत व्यापी के साथ विदेशी मुद्रा खोल सकता है ,उसे रख सकता है बशर्ते ;

(क) विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाई द्वारा प्राप्त सभी विदेशी मुद्रा निधियों को इस प्रकार खाते में जमा किया गया हो;

(ख) भारत में रुपयों के तहत खरीदी गई विदेशी मुद्रा भारतीय रिज़र्व बैंक की पूर्व अनुमति के बिना खाते में जमा न की गयी हो;

(ग) खाते में रखी गयी निधियों का उपयोग भारत के निवासी या अन्य के साथ विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाई के वास्तविक व्यापारी लेनदेनों के लिए ही किया जाये ;

(घ) खाते की बकाया राशि को भारत सरकार की 3 मई 2000 की अधिसूचना सं जीएसआर.381(ई) की अनुसूची III की मद 3 और4 को छोड़कर , नियम 5 के अंतर्गत लगाये गये प्रतिबंधों से मुक्त रखा जाय

ेबशर्ते कि इसके अलावा इन खातों में जमा निधि जो किसी भी प्रकार से विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाई नहीं है , ऐसे किसी भी भारत के धनिवासी व्यक्ति अथवा इकाई को उधो या उपलब्ध न कराया जाए ।"

3. विनियम की अनुसूची के विद्यमान पैरा 5 को निरस्त समझा जाए ।

(कि.ज.उदेशी)
 कार्यपालक निदेशक

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