स्वच्छ नोट नीति - बैंक नोटों की छंटाई
वापस लिया गया w.e.f. 16/11/2021
आरबीआई/2004-05/372 22 फरवरी 2005 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक, महोदय, स्वच्छ नोट नीति - बैंक नोटों की छंटाई जैसा कि आप जानते हैं कि स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए और पुन: जारी करने योग्य बैंक नोटों को बचाने के इरादे से, बैंकों को दिनांक 7 नवंबर, 2001 को बैंकों को डीबीओडी सं.डीआईआर.42/13.03.00/2001-02 के माध्यम से निर्देश जारी किए गए थे, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ, बैंकनोटों को जारी करने योग्य और जारी न करने योग्य में छंटनी करने और जनता को केवल स्वच्छ नोट जारी करने और गंदे नोटों को अनस्टैपल्ड स्थिति में मुद्रा तिजोरियों के माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक को वापस विप्रेषित करने हेतु निर्देश दिए गए थे। यद्यपि, हमारा अनुभव रहा है कि कुछ करेंसी चेस्ट बैंक को गंदे नोट भेजने से पहले बैंक नोटों की उचित छंटाई नहीं करते हैं। 2 अत: यह निर्णय लिया गया है कि यदि मुद्रा तिजोरियों से प्राप्त विप्रेषणों को जारी करने योग्य और गैर-जारी करने योग्य में ठीक से क्रमबद्ध नहीं पाया जाता है और यदि विप्रेषण में पुन: जारी करने योग्य नोट 10% से अधिक पाए जाते हैं, तो भारतीय रिजर्व बैंक के साथ रखे गए बैंक/खातों में इसकी राशि को नामे करने के अतिरिक्त बैंक/बैंकों को संपूर्ण विप्रेषण उनकी लागत पर लौटाया जा सकता है। इसलिए, कृपया अपनी मुद्रा तिजोरी शाखाओं को यह सुनिश्चित करने के लिए सावधान करें कि वे गंदे नोट बैंक को भेजने से पहले जारी करने योग्य और जारी न करने योग्य नोटों की छंटाई कर लें। कृपया इस पत्र की पावती दें। भवदीय (यू.एस. पालीवाल) |
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