भारतीय रिज़र्व बैंक ने सावंतवाड़ी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सावंतवाड़ी, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया
5 जून 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने सावंतवाड़ी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सावंतवाड़ी, महाराष्ट्र भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 मई 2023 के आदेश द्वारा सावंतवाड़ी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सावंतवाड़ी (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 36 (1) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) में निहित निदेशों के उल्लंघन के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, तथा जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि एसएएफ प्रतिबंधों के बावजूद, बैंक ने अनुमत श्रेणी के अलावा नए ऋणों तथा अग्रिमों को मंजूरी दी थी और मियादी जमाराशियों पर भारतीय स्टेट बैंक द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों की तुलना में अधिक ब्याज दरें दी थी। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के लिखित उत्तर पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/345 |
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