पोर्टफोलियो निवेश योजना के तहत विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा निवेशः आईएनजी वैश्य बैंक लिमिटेड
3 जनवरी 2013 पोर्टफोलियो निवेश योजना के तहत विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा निवेशः भारतीय रिजर्व बैंक ने आज अधिसूचित किया है कि आईएनजी वैश्य बैंक लिमिटेड ने अपने बोर्ड के निदेशकों की बैठक में एक संकल्प/प्रस्ताव पारित किया है और अपनी वार्षिक समान्य (जनरल) बैठक में एक संकल्प पारित किया है, जिनमें विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा भारत में प्राथमिक/द्वितीयक बाज़ारों के माध्यम से, उनकी प्रदत्त पूँजी के 30% तक के ईक्विटी शेयरों की खरीद हेतु सहमति दी गयी है। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने सूचित किया है कि आईएनजी वैश्य बैंक लिमिटेड को विदेशी संस्थागत निवेश सीमा 30% तक बढ़ाने के लिए हमारा अनुमोदन इस शर्त के अधीन है कि बैंक में समग्र विदेशी निवेश, सरकार द्वारा समय समय पर, यथा विनिर्दिष्ट 74% के संयुक्त क्षेत्रकीय सीमा से अधिक भी नहीं होना चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक के 30 अगस्त 2010 के पत्र सं.एफई.सीओ.एफआईडी/ 5330/11.01.091/2010/11 के जरिये विदेशी संस्थागत निवेशक/अनिवासी भारतीय/भारतीय मूल के व्यक्ति की ओर से निवेश करने के संबंध में लगाये गये प्रतिबंध हटा लिये गये समझे जाएं। यह भी सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के पास लंबित विदेशी संस्थागत निवेशकों के अभिरक्षक बैंकों के माध्यम से प्राप्त शेयरों की खरीद से संबंधित पूर्वानुमोदन के आवेदनपत्र जिन्हें सीमा/हेडरूम (headroom) की अनुपलब्धता के कारण प्रोसेस नहीं किया जा सका था, ऐसे निवेशक बढ़ायी गई उच्चतम सीमा के भीतर निवेश कर सकते हैं। चूँकि आईएनजी वैश्य बैंक लिमिटेड ने अब इस संबंध में सरकार के उल्लिखित प्रेस नोट के अनुसार यथा अपेक्षित आवश्यक संकल्प पारित किया है, अत: आईएनजी वैश्य बैंक लिमिटेड के ईक्विटी शेयरों की खरीद अब प्राथमिक बाज़ार और स्टाक एक्स्चेंज के माध्यम से की जा सकती है बशर्तेः आईएनजी वैश्य बैंक लिमिटेड में पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक एकल विदेशी संस्थागत निवेशक/पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक के सेबी अनुमोदित उप-खाते द्वारा ईक्विटी शेयरों की खरीद बैंक की प्रदत्त ईक्विटी पूँजी के 10% (दस प्रतिशत) से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि किए गए निवेश विनिर्दिष्ट उच्चतम सीमा के भीतर हैं। खरीद भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित अन्य शर्तों के अधीन होनी चाहिए। हम सूचित करते हैं कि रिज़र्व बैंक अब आगे से संविभाग निवेश योजना के तहत विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेशों के संबंध में यथा लागू क्षेत्रकीय सीमा/सांविधिक उच्चतम सीमा की निगरानी करता रहेगा और उल्लिखित बैंक द्वारा निर्धारित की गई मध्यस्थ उच्चतम सीमा की निगरानी नहीं करेगा। यह सुनिश्चित करना आईएनजी वैश्य बैंक का दायित्व होगा कि लागू उच्चतम सीमा (Cap) भंग नहीं हो। यह अनुमति केवल फेमा दृष्टिकोण से जारी की जा रही है। यह नोट किया जाए कि बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग (डीबीओडी) की मौजूदा नीति के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा किसी प्राइवेट सेक्टर बैंक के 5% और उससे अधिक शेयरों के अर्जन/अंतरण के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक की अभिस्वीकृति (acknowledgement) अपेक्षित है, जो 3 फरवरी 2004 को जारी शेयरों के अर्जन/अंतरण की प्राप्ति सूचना पर नीतिगत दिशानिर्देशों पर आधारित है। आर. आर. सिन्हा प्रेस प्रकाशनी : 2012-2013/1126 |
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